सोशल मीडिया पर हत्या की CCTV फुटेज का एक वीडियो इस दावे से वायरल है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य ने एक मुस्लिम व्यक्ति पर हमला किया। अपने परिचय में खुद को पाकिस्तान निवासी बताने वाले शेराज़ ने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा, “भारत में यह हिन्दू आतंकवादी संगठन का एक RSSआतंकवादी है, जो खुलेआम मुस्लिम से एक जानवर की तरह सुलूक करता है। #BJPMilitantWingRSS.” (अनुवाद)
It is the RSS terrorist of the Hindu terrorist organization in India who openly treats Muslims as animals.#BJPMilitantWingRSS
— ShErAz🇵🇰 (@SherazAS1) October 1, 2019
अगस्त 2018 में, अरबीला नामक व्यक्ति द्वारा समान दावे से ट्वीट किये गए इस वीडियो को 800 से ज़्यादा बार रिट्वीट किया गया था।
तथ्य जांच
गूगल पर कीवर्ड्स के साथ सर्च करने पर, ऑल्ट न्यूज़ को 22 जुलाई, 2017 का द हिंदू का एक लेख मिला। 18 जुलाई, 2017 को रफ़ीकुद्दीन शेख़ को एक चाय की दुकान पर कथित विरोधी गुट के सदस्यों ने मौत के घाट उतार दिया। धुले पुलिस ने पुणे के कामशेत से एक सागर साहेबराव पवार उर्फ कलती को गिरफ्तार किया था।
21 जुलाई, 2017 को डेली पायनियर द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है, “रफ़ीकुद्दीन शेख उर्फ़ गुड्डी (उम्र: 33) एक हिस्ट्री शीटर है, जिसपर 30 अपराधों का आरोप है, जिसमें हत्या, हत्या का प्रयास, ज़बरन वसूली और बलात्कार के मामले शामिल है। शेख़ सुबह की सैर के बाद अपनी रोजिंदा चाय की दुकान पर चाय पी रहे थे। उस वक़्त प्रतिद्वंदी समूह के करीब 10 सदस्यों ने उन पर हमला कर दिया।”-अनुवाद।
जांचकर्ताओं ने अपराध में शामिल 10 आरोपियों में से करीब 7 आरोपी की पहचान कर ली थी, जिसमें विलास गोयर और उनके बेटे (विक्की गोयर, श्याम गोयर, विजय गोयर) और उनके अन्य साथी राजेंद्र देवारे, भीम देवारे और दादू देवरे शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक, “शेख़ की हत्या के शक में घिरा गोयर परिवार का इतिहास अपराधों से घिरा हुआ है।”– अनुवादित।
अगस्त 2017 में, दैनिक भास्कर ने सभी आरोपियों में से एक मुख्य आरोपी विक्की गोयर की गिरफ्तारी की खबर प्रसारित की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने इस मामले में 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मराठी न्यूज़ चैनल Zee 24 TAAS के प्रसारण में वायरल हो रही वीडियो क्लिप के समान दृश्यों को देखा जा सकता है।
निष्कर्ष के तौर पर, महाराष्ट्र में हुई हत्या के CCTV फुटेज के वीडियो को सोशल मीडिया में झूठे दावे से साझा किया गया है कि RSS के कार्यकर्ता मुस्लिम व्यक्ति के साथ ऐसा सुलूक करते है। 2017 में जेल से छूटने के बाद इस व्यक्ति को उसके विरोधी समूह के लोगों ने मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना को पाकिस्तानी सोशल मीडिया में सांप्रदायिक रंग दिया गया।
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