एक व्यक्ति को सार्वजानिक रूप से गोली मार कर उसकी लाश को क्रेन से लटकाने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल है। साझा किये गए संदेश में बताया गया है कि न्यायालय ने जुर्म करने के 15 मिनट के अंदर ही अपराधी को सज़ा दी। 2 दिसंबर, 2019 को फेसबुक उपयोगकर्ता पुरुष अचंता ने इस वीडियो को यह कहते हुए पोस्ट किया कि, “దుబాయ్ దేశములో 5 సంవత్సరాల బాలికను రేప్ చేసిన 15 నిమిషాలొ న్యాయస్తానం వాన్ని షూట్ చేయమని ఆర్డర్ వేసింది. (दुबई में, इस व्यक्ति को 5 वर्षीय बच्ची का बलात्कार करने पर 15 मिनट के भीतर अदालत ने गोली मारने की सज़ा सुनाई।“- अनुवाद)
[चेतावनी: लेख में शामिल दृश्य मन को विचलित करने वाले है, कृपया देखने से पूर्व विवेक का इस्तेमाल करे।]
దుబాయ్ దేశములో 5 సంవత్సరాల బాలికను రేప్ చేసిన 15 నిమిషాలొ న్యాయస్తానం వాన్ని షూట్ చేయమని ఆర్డర్ వేసింది pic.twitter.com/ypk4fJQ4iR
— K.Jeevan Chaitanya (@KJeevanChaitan3) December 2, 2019
कई अन्य उपयोगकर्ता इस वीडियो को यह कहते हुए फेसबुक और ट्विटर पर साझा कर रहे है कि, “दुबई में बलात्कार के 15 मिनट बाद। -after 15 mins of rape in Dubai” (अनुवाद)
अक्टूबर 2018 से ही यह दावा सोशल मीडिया पर वायरल है। ट्विटर हैंडल @iMandisi द्वारा साझा किये गए समान दावे को करीब 24,000 बार रीट्वीट किया जा चूका है।
तथ्य जांच
गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें पता चला कि यह वीडियो संयुक्त अरब अमीरात के दुबई का नहीं बल्कि यमन का है। राजधानी सना (Sanaa) में चार साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या करने के दोषी को मार दिया गया। 22 वर्षीय आरोपी हुसैन अल-साकेत को शहर के तहरीर चौक पर एक पुलिस अधिकारी ने कई गोलिया मार कर, उनके शरीर को क्रेन से लटका दिया था। इस मामले में फैसला देने वाले जज राजेह एज्हेडीन ने कहा था कि यह व्यक्ति एक छोटी लड़की का अपहरण, बलात्कार और हत्या करने का अपराधी है।
14 अगस्त 2017 को ब्रिटिश अखबार इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, “दृश्यों में 22 वर्षीय आरोपी को एक कम्बल पर लेटे हुए और भीड़ में खड़े लोगों को घटना की तस्वीरें और वीडियो बनाने हुए देखा जा सकता है। पिछले दो सप्ताह में शिया हौथी विद्रोहियों द्वारा संचालित शहर में समान अपराध की यह दूसरी घटना है।” (अनुवाद) 41 वर्षीय मुहम्मद अल-मघबी को जुलाई 2017 में तीन साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या करने के आरोप में राजधानी में इस अपराध के लिए सर्वाजनिक रूप से सज़ा दे दी गई थी।
नीचे शामिल की गई तस्वीर में, वीडियो के स्क्रीनशॉट और गेट्टी इमेजीस पर मौजूद तस्वीर में दिख रही समानताओं के आधार पर यह मालूम होता है कि प्रसारित वीडियो उसी घटना को दर्शाता है।
इसके अलावा, यह दावा कि अपराधी करने के 15 मिनट के भीतर ही सज़ा सुनाई गयी, गलत है। यूके समाचार संगठन डेली मेल के अनुसार, बच्ची से बलात्कार और हत्या करने की यह घटना नवंबर 2015 में हुई थी। समाचार संगठन से बातचीत के दौरान पीड़िता की माता अमल अल मतारी ने बताया कि, “एक साल आठ महीने होने के बाद मुझे अभी सुकून मिल रहा है। मैं अभी यह बात सोच कर काफी खुश हूं कि न्याय हुआ है। मुझे पता है कि मेरी बेटी सफा अब जन्नत में सुकून से रहेगी।” (अनुवाद) उन्होंने न्याय दिलवाने के लिए दबाव बनाने पर लोगों से धन्यवाद करते हुए कहा, “मैं उन सभी का आभार व्यक्त करती हु जिनकी वजह से हमारा केस फिर से आगे आया। विशेष रूप से उन लोगों का जिन्होंने पिछले महीने एक बच्चे की हत्या के बाद ऐसा ही प्रदर्शन किया था, अगर उन्होंने ऐसा कदम नहीं उठाया होता तो आज आरोपियों को सज़ा नहीं मिल पाती।” (अनुवाद)
निष्कर्ष के तौर पर, यमन में चार वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या करने के अपराधी को सार्वजनिक तौर पर सज़ा देने के वीडियो को इस झूठे दावे से साझा किया गया कि दुबई में बलात्कार के दोषी को 15 मिनट में ऐसी सज़ा सुनाई गयी थी।
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