सोशल मीडिया में एक वीडियो प्रसारित है, जिसमें पुलिसकर्मियों को तस्बीह (मुस्लिमों द्वारा प्रार्थना में उपयोग की जाने वाली माला) बाटते हुए और लोगों को जुम्मे की मुबारकबाद देते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के साथ दावा किया गया कि उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद इसे रिकॉर्ड किया गया है। प्रशांत पटेल उमराव उन लोगों में से एक थे, जिन्होंने इस वीडियो को ट्वीट कर चेतावनी दी कि, “हिन्दू तैयार हो जाइए, आपको पता नहीं है कि आगे क्या होने वाला है!” (अनुवाद)
New govt of Afzal Sena. New definition of Secularism.
This is in Mumbai. Police wishing “Jumma Mubarak”.Get ready Hindus, you very well know what’s coming our way!#समान_नागरिक_संहिता pic.twitter.com/dbR5pG4DFE
— प्रशान्त पटेल उमराव (@ippatel) December 2, 2019
[यह भी पढ़े: नरसंहार की बात करने वाली वकील प्रशांत पटेल की एक ट्वीट को उन्होंने झूठा बताया।]
मधु किश्वर ने इस वीडियो को यह कहते हुए साझा किया कि, “सेक्युलरिज्म शुरू। शपथ लेते ही महाराष्ट्र में सेक्युलरिज्म की बहार आ गई। मुम्बरा में जुम्मे की नमाज़ के बाद कौसा मस्जिद के बाहर बुला बुला कर तस्बीह बाँटते हुए पुलिस वाले ।जय महाराष्ट्र।”
सेक्युलरिज्म शुरू। शपथ लेते ही महाराष्ट्र में सेक्युलरिज्म की बहार आ गई। मुम्बरा में जुम्मे की नमाज़ के बाद कौसा मस्जिद के बाहर बुला बुला कर तस्बीह बाँटते हुए पुलिस वाले ।जय महाराष्ट्र । pic.twitter.com/ME0TlUSJjc
— MadhuPurnima Kishwar (@madhukishwar) December 1, 2019
प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना (PMJKY) महाराष्ट्र IT सेल प्रभारी रुचिका गुप्ता ने भी समान दावा किया है – “मुंबई पुलिस ने पहली बार कौसा मस्जिद में जुम्मे की रात तब्ज़ी बाटी और ऐसा #UddhavThackeray के शपथ लेने के बाद ही हुआ है।” (अनुवाद)
यह दावा फेसबुक पर भी वायरल है।
झूठा दावा
ऑल्ट न्यूज़ ने मुम्ब्रा पुलिस से संपर्क किया और इंस्पेक्टर जी. एम. मुजावर ने बताया कि वीडियो के साथ साझा किया गया दावा गलत है। उन्होंने कहा, “यह हमारे कम्युनिटी कार्यक्रम का हिस्सा है और नई सरकार से असंबंधित है।” पुलिस ने 29 नवंबर को मस्जिद के बाहर आयोजित राष्ट्रिय एकता सप्ताह (कौमी एकता सप्ताह) के मौके पर तस्बीह बांटी थी।
यह पहल गृह मंत्रालय की है और इसे पुरे देश भर में हर साल मनाया जाता है। नीचे साझा की गई ट्वीट 2018 में आयोजित क़ौमी एकता सप्ताह के बारे में बताती है।
With a view to foster and reinforce the spirit of communal harmony, national integration and pride in vibrant, composite culture and nationhood, the “Qaumi Ekta Week” will be observed all over the country, from tomorrow to 25th November 2018: Ministry of Home Affairs
— ANI (@ANI) November 18, 2018
गृह मंत्रालय ने भी 2018 में आयोजित हुए क़ौमी एकता सप्ताह (Qaumi Ekta Week) के समारोह की तस्वीरें साझा की थी।
#QaumiEktaWeek https://t.co/8lqFWudJJf
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) November 24, 2017
पिछले साल आयोजित इस समारोह पर गृहमंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज़ जारी कर बताया था कि, “सांप्रदायिक समानता, राष्ट्रिय एकता और गर्व से भरी, समग्र संस्कृति और भाईचारे को प्रोत्साहित करने और बढ़ाने के लिए “क़ौमी एकता सप्ताह” (National Integration Week), का आयोजन कल 25 नवम्बर से पुरे देश भर में किया जायेगा। “ (अनुवाद)
Qaumi Ekta Week begins tomorrow.
Quami Ekta Week’ will help to highlight the inherent strength and resilience of our nation to withstand actual and potential threats to the eclectic and secular fabric of our country.
➡️https://t.co/bXrbuqUZ15 pic.twitter.com/XPOfRfUvlB
— PIB India (@PIB_India) November 18, 2018
इस तरह, मुंबई पुलिस द्वारा नवंबर के आखिरी सप्ताह में आयोजित राष्ट्रीय एकता सप्ताह के दौरान तस्बीह बांटने का एक वीडियो सोशल मीडिया में झूठे दावे से साझा किया गया। यह उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने के बाद आये बदलाव को नहीं दर्शाती है।
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