महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने सूर्य के चारों ओर दिख रहे वृत्त का एक वीडियो ट्वीट किया। आनंद महिंद्रा के अनुसार, उन्हें यह व्हाट्सएप पर मिला था, जिसमें दावा किया गया था कि यह “100-250 वर्षों में एक बार” दिखलाई पड़ने वाला पूर्ण इंद्रधनुष है। महिंद्रा ने ट्वीट में लिखा है- “इस बारे में कभी नहीं सुना था। जैसे हम मानसून की बाढ़ में संघर्ष करते हैं, खुद को यह याद दिलाना अच्छा है कि बारिश के तुरंत बाद क्या होता है।” इस ट्वीट में दावा किया गया कि यह गुजरात में देखा गया था। इसके अब तक 5,500 से अधिक रीट्वीट हुए हैं।
Received in my #whatsappwonderbox “Full Rainbow ‘Brahma Dhanush’in Gujarat. Visible once in 100-250 years.” Breathtaking. Had never heard about this. As we struggle with the monsoon deluge, it’s good to remind ourselves what lies ahead just after the rain. Lifts my Sunday spirit pic.twitter.com/ByxII2rHMS
— anand mahindra (@anandmahindra) August 4, 2019
महिंद्रा के ट्वीट को बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन ने भी रीट्वीट किया।
फेसबुक पर कई अन्य व्यक्तियों ने इसी संदेश के साथ यह वीडियो साझा किया है। पत्रकार माधव नारायण ने भी गुजरात में देखे गए पूर्ण इंद्रधनुष का होने का दावा करते हुए इस वीडियो को पोस्ट किया था।
पूर्ण इंद्रधनुष नहीं, सूर्य-प्रभामंडल
सबसे पहले तो यह वीडियो 2017 से ही सोशल मीडिया में चल रहा है। ट्विटर उपयोगकर्ता अरविंद शिनॉय ने 8 अक्टूबर, 2017 को यही वीडियो, इसके पुणे, महाराष्ट्र का होने का दावा करते हुए पोस्ट किया था।
FULL CIRCLE RAINBOW, ALSO CALLED BRAMHA DHANUSHYA.
SEEN IN PUNE TODAY. @iMac_too ,@brakoo pic.twitter.com/w25B4ZAqqc— Dr. Arvind Shenoy (@DrArvindShenoy) October 8, 2017
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि आनंद महिंद्रा द्वारा पोस्ट किया गया वीडियो, इंद्रधनुष का नहीं, बल्कि 22-डिग्री हालो (सूर्य-प्रभामंडल) का है। हमें इस पर लिखे गए कई लेख मिले जो बताते हैं कि यह घटना असामान्य नहीं हैं और दुनिया भर में विभिन्न स्थानों पर इन्हें देखा गया है। यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस के ‘वेदर वर्ल्ड प्रोजेक्ट 2010’ के विषय व्याख्या के अनुसार, सूरज की रोशनी या 22 डिग्री हालो, एक वृत्त है, जो पृथ्वी के वातावरण के भीतर पक्षाभ-मेघ (सिरस) के बादलों में बर्फ के रवों (क्रिस्टल) से गुजरने से बनता है। यह वृत्त सूर्य या चंद्रमा के चारों ओर बनता है।
प्राथमिक इंद्रधनुष बाहर की तरफ लाल और अंदर की तरफ बैंगनी होते हैं, जबकि सूर्य-प्रभामंडल अंदर की तरफ लाल और बाहर की तरफ बैंगनी होता है। नीचे, इंद्रधनुष की तस्वीर (बाएं) को सूर्य-प्रभामंडल (दाएं) के साथ रखकर तुलना की गई है। यह यहां दोहराया जा सकता है कि प्रभामंडल, सूर्य या चंद्रमा के चारों ओर होता है।
यह दिखलाने के लिए कि यह कोई अपूर्व घटना नहीं है, दुनिया भर में देखे गए दिन में (बाईं ओर की दो) और रात में (दाईं ओर की दो) सूर्य-प्रभामंडल की तस्वीरों का कोलाज नीचे पोस्ट किया गया है।
2011 में, द हिंदू ने कर्नाटक के शिवमोगा जिले में लोगों को 22-डिग्री हालो (सूर्य-प्रभामंडल) दिखने की घटना की खबर दी थी। इस खबर में बताया गया था- “शिवमोगा एमेच्योर एस्ट्रोनॉमर्स एसोसिएशन के अधिकारी हरोनाहल्ली स्वामी ने द हिंदू को बताया कि 22 डिग्री त्रिज्या के साथ प्रकाश का वृत्त, ‘सन हालो’ (सूर्य-प्रभामंडल) तब बनता है, जब सूर्य प्रकाश, निलंबित बर्फ के षटकोणीय रवों (क्रिस्टल) और पक्षाभ-मेघ (सिरस) के बादलों में परिवर्तित पानी की सुपर कूल बूंदों से अपवर्तित होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह प्रभामंडल तब बनता है जब सूर्य इन रवों (क्रिस्टल) के साथ एक विशेष कोण पर संरेखित होता है।” -(अनुवादित)
पूर्ण इंद्रधनुष
हालांकि, आनंद महिंद्रा द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में सूर्य-प्रभामंडल दिखाया गया है, लेकिन, पूर्ण चक्रीय इंद्रधनुष भी दुनिया भर में कई बार देखा गया है। स्लेट पत्रिका के एक लेख में दी गई व्याख्या में लिखा है, “हम आसमान में इंद्रधनुष देखते हैं क्योंकि सामान्यतः, जमीन आपके करीब है। जब हम आकाश की ओर देखते हैं हम लंबी दूरी तक देखते हैं, तो आपकी दृष्टि-रेखा में बहुत सारी बारिश की बूंदें होती हैं जो इंद्रधनुष बनाने के लिए अपनी रोशनी को एक साथ जोड़ सकती हैं। जब आप नीचे देखते हैं, तो राह में जमीन होती है, वहाँ वैसी कई बूंदें नहीं होतीं, और आप इंद्रधनुष नहीं देखते हैं।”- (अनुवादित)
यूनाइटेड किंगडम के मौसम विज्ञान कार्यालय की आधिकारिक वेबसाइट मेट ऑफिस भी यही दोहराता है। इसके एक लेख में कहा गया है, “हमारा दृश्य संदर्भ बिंदु, वह प्रमुख कारक है जो निर्धारित करता है कि हम कितने इंद्रधनुष देखते हैं। ज्यादातर मामलों में हम केवल वृत्त को आधे से भी कम देखते हैं – वही विशेष इंद्रधनुष, जिससे हम परिचित हैं। हालाँकि, यदि आप सही समय पर सही स्थिति में होने जितना पर्याप्त भाग्यशाली हैं, तो आप सभी भव्यता के साथ एक पूर्ण चक्र इंद्रधनुष देख सकते हैं।”
इंद्रधनुष के मामलों में, सूरज की रोशनी जो तरल पानी की अलग-अलग बूंदों में प्रवेश करती है, कई बार मुड़ती या अपवर्तित होती है। तब अपवर्तन, सूरज की रोशनी को इसके घटक रंगों में अलग-अलग करने की, बूंद को अनुमति देता है।
नीचे पोस्ट किए गए वीडियो में, दोहरा इंद्रधनुष देखा जा सकता है। इसमें अनिवार्यतः, सूर्य-प्रभामंडल की तरह, केंद्र में कोई सूर्य या चंद्रमा नहीं है।
🔥 Ever Seen A Full Rainbow? 🔥 pic.twitter.com/pUBRpd3wQy
— Nature is Lit🔥 (@NaturelsLit) June 29, 2019
निष्कर्ष रूप में, किसी असत्यापित स्थान पर देखा गया 22-डिग्री प्रभामंडल का वीडियो, 100-250 वर्षों में दिखने वाले पूर्ण इंद्रधनुष के रूप में आनंद महिंद्रा द्वारा शेयर किया गया।
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