मुख्यधारा के कुछ मीडिया संगठनों ने प्रसारित किया कि बैंगलोर शहर के 28 इलाकों को राज्य के भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने हाई अलर्ट पर रखा है। द टाइम्स ऑफ़ इंडिया, डेक्कन हेराल्ड और अन्य कुछ प्रमुख मीडिया प्रकाशनों ने मौसम विभाग और शहरी विकास अधिकारियों द्वारा जारी अलर्ट के बारे में रिपोर्ट प्रकाशित की थी।
सोशल मीडिया में समान दावे से एक अख़बार की कतरन प्रसारित है, जिसमें लिखा हुआ है कि,“अगले तीन दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश होने की उम्मीद है। सिविक अधिकारियों ने पहली बार बैंगलोर में लगभग 83 स्थानों पर बाढ़ की चेतावनी जारी की है”-अनुवादित। ट्विटर यूजर सुषमा तिवारी ने सोशल मीडिया पर अन्य उपयोगकर्ताओं को सतर्क करते हुए एक संदेश के साथ समान ग्राफिक को पोस्ट किया।
ट्विटर और फेसबुक पर अन्य कुछ उपयोगकर्ताओं ने भी बैंगलोर शहर में एलर्ट जारी करने वाले दावे को साझा किया है।
तथ्य जांच
ऑल्ट न्यूज़ को इस बारे में एक उपयोगकर्ता ने संकेत दिया, जिसने यह दावा किया था कि सोशल मीडिया में झूठी चेतावनी देने वाला एक ग्राफ़िक घूम रहा है। अलर्ट से संबंधित समाचार लेखों की खोज करने पर, हमें द न्यूज मिनट द्वारा 10 अगस्त, 2019 को प्रकाशित एक लेख मिला।
रिपोर्ट के अनुसार, IMD और कर्नाटक राज्य आपदा निगरानी केंद्र (KSNDMC) के अधिकारियों ने कम से कम चार अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्रों द्वारा प्रकाशित रिपोर्टों को ख़ारिज किया, जिसने आने वाले दिनों में ‘बेंगलुरु में बाढ़’ या ‘भारी वर्षा’ की चेतावनी दी थी।
IMD के निर्देशक और वैज्ञानिक सीएस पाटिल ने एक मीडिया संगठन को दिए बयान में कहा,“उन रिपोर्टों का आधार क्या है? यहां पर कोई भारी बारिश नहीं होगी। अगले पांच दिनों में बेंगलुरु में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है“-अनुवादित। कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र के अधिकारियों ने भी समान दावा किया। TNM (जल विज्ञान) के वैज्ञानिक अधिकारी सुभा अविनाश ने कहा,“मुझे नहीं पता कि इन बातों का आधार क्या है? शहर में भारी बारिश होने का कोई पूर्वानुमान नहीं है। यहां पर वातावरण को समझना पड़ता है, संवेदनपूर्ण स्थिति में और उचित समय पर लोगों को सचेत करना पड़ता है मगर अभी से, अगले एक हफ्ते तक भारी बारिश के आसार नहीं देखे गए है। मुझे नहीं पता कि क्यों रिपोर्ट में बैंगलोर में बाढ़ की बात कही गई है“-अनुवादित।
अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्रों द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट मेयर द्वारा आयोजित एक बैठक पर आधारित थी, जिसमें BBMP द्वारा एहतियाती उपायों के बारे में बताया गया था, जो शहर में मूसलाधार बारिश के संबंध में था। रिपोर्ट के मुताबिक,“मीटिंग के दौरान, BBMP के स्टॉर्म वाटर ड्रेन डिपार्टमेंट ने शहर में 170 से अधिक कमजोर बिंदुओं की एक सूची प्रस्तुत की, जिसमें मध्य व्यापार जिलों में प्रमुख केंद्र भी शामिल थे, जो शहर के आठ क्षेत्रों में फैले हुए थे”-अनुवाद।
निष्कर्ष के तौर में, मुख्यधारा के कई मीडिया संगठन ने गलत चेतावनी दी कि भारतीय मौसम विभाग ने बेंगलुरु में भारी बारिश के कारण अलर्ट जारी किया था, जिससे सोशल मीडिया में नागरिकों में अनावश्यक दहशत पैदा की जाए।
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