चाय की बोतल में थूककर उसे सुपरमार्केट रैक पर वापस रखने का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर जमकर वायरल हो रहा है. सुदर्शन न्यूज़ के जुड़े सागर कुमार ने 14 जून, 2023 को ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ““थूकने” का सिलसिला विदेशी धरती तक पहुँच गया है।” (आर्काइव लिंक)

यहां गौर करने वाली बात है कि ऐसे दावे राइट विंग यूज़र्स द्वारा की जा रही कॉनस्परिसी थ्योरी ‘थूक जिहाद’ को बढ़ावा देने के लिए किये जा रहे हैं.

पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ट के नाम पर बना एक पैरोडी हैन्डल @shripushpendra1 ने भी ये वीडियो शेयर किया और यही दावा किया. (आर्काइव लिंक)

इसके साथ दावा किया जा रहा है कि ऐसा कोरोना वायरस का संक्रमण फैलाने की साज़िश के तहत किया गया. ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल मोबाइल ऐप पर इस दावे का फ़ैक्ट-चेक करने की रिक्वेस्ट का एक स्क्रीनशॉट नीचे देख सकते हैं.

ये वीडियो सोशल मीडिया पर भारतीयों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसे दुनिया के और भी हिस्सों में सर्क्युलेट किया जा रहा है.

पुरानी घटना को हाल का बताया जा रहा है

‘man spits tea bottle’, कीवर्ड सर्च करने पर हमें जुलाई, 2019 की कई रिपोर्ट्स मिलीं. ‘एबीसी न्यूज़’ के मुताबिक़, “टेक्सस के ओदेसा में एक 15 साल के लड़के पर चार्ज लगाकर तब गिरफ़्तार कर लिया गया, जब सुपरमार्केट के सीसीटीवी फुटेज में उसे एरिज़ोना चाय की बोतल में थूककर वापस शेल्फ़ में रखते पकड़ा गया.” रिपोर्ट में इस बात का ज़िक्र भी है कि ये घटना अल्बर्टसंस सुपरमार्केट में हुई थी.

भारतीय मीडिया ने भी पिछले साल इस घटना को रिपोर्ट किया था.

अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स के अनुसार, ये अजीबोग़रीब हरकतें तब शुरू हुईं जब टेक्सस में एक नाबालिग लड़की ने सुपरमार्केट में आइसक्रीम के टब को चाटकर वापस स्टोर के फ़्रीज़र में रख दिया था. metro.co.uk के मुताबिक़, इसके बाद ऐसी ही कई घटनाएं दर्ज़ हो चुकी हैं.

टेक्सस में चाय की बोतल में थूककर वापस सुपरमार्केट की शेल्फ़ पर रखते लड़के का वीडियो अब कोरोना वायरस संकट के वक़्त का बताकर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. ये घटना बेशक ग़लत और अच्छे स्वास्थ्य के ख़िलाफ़ है, लेकिन इसका कोरोना वायरस महामारी से कोई संबंध नहीं है.

नोट : भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 4,900 के पार जा पहुंची है. इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है. दुनिया भर में 13 लाख से ज़्यादा कन्फ़र्म केस सामने आये हैं और 74 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और इसी वजह से वो बिना जांच-पड़ताल किये किसी भी ख़बर पर विश्वास कर रहे हैं. लोग ग़लत जानकारियों का शिकार बन रहे हैं जो कि उनके लिए घातक भी साबित हो सकता है. ऐसे कई वीडियो या तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो कि घरेलू नुस्खों और बेबुनियाद जानकारियों को बढ़ावा दे रही हैं. आपके इरादे ठीक हो सकते हैं लेकिन ऐसी भयावह स्थिति में यूं ग़लत जानकारियां जानलेवा हो सकती हैं. हम पाठकों से ये अपील करते हैं कि वो बिना जांचे-परखे और वेरीफ़ाई किये किसी भी मेसेज पर विश्वास न करें और उन्हें किसी भी जगह फ़ॉरवर्ड भी न करें.

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.