श्रीपद नाइक, केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय में राज्यमंत्री हैं. 2 अप्रैल को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने दावा किया कि ब्रिटिश साम्राज्य के उत्तराधिकारी, प्रिंस चार्ल्स, आयुर्वेदिक और होम्योपैथी दवाओं के सेवन से कोविड-19 से ठीक हुए हैं. नाइक ने ये भी कहा कि प्रिंस चार्ल्स की रिकवरी “हमारी हज़ारों बरस पुरानी प्रथा को वैध” साबित करती है. मंत्री जी की इस जानकारी का स्रोत बेंगलुरू के एक आयुर्वेदिक डॉक्टर थे. इस प्रेस ब्रीफ़िंग में नाइक ने बताया, “मुझे डॉ. आईज़ेक मथाई का फोन आया था. वो बेंगलुरू में सौक्य आयुर्वेद रिजॉर्ट चलाते हैं. उन्होंने मुझे बताया कि प्रिंस चार्ल्स का आयुर्वेद और होम्योपैथी से किया गया उनका इलाज सफल रहा. ये हमारे तंत्र के काम करने का एक उदाहरण मात्र है.” प्रिंस चार्ल्स पिछले महीने कोरोना वायरस संक्रमण से पॉज़िटिव पाए गए थे और अब उनका स्वास्थ्य ठीक है.
इस ख़बर को समाचार एजेंसियों और प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने भी चलाया. नीचे आप न्यूज़ एजेंसी IANS का ट्वीट देख सकते हैं.
#UK‘s #PrinceCharles was cured of #Covid19 through ayurveda and homeopathy treatment from a #Bengaluru-based holistic resort, Union Minister of State for AYUSH Shripad Naik claimed on Thursday. #COVID19Pandemic pic.twitter.com/7SRVWARfBL
— IANS Tweets (@ians_india) April 2, 2020
कांग्रेस के प्रवक्ता और सांसद, मनीष तिवारी ने भी ये ख़बर ट्वीट कर सलाह दी कि अगर होम्योपैथी से प्रिंस चार्ल्स ठीक हुए हैं तो, हमें कोरोना वायरस का इलाज परंपरागत भारतीय दवाओं में खोजना चाहिए.
If homeopathy worked for Prince Charles-COVID -19 we should also start looking for cures in Traditional Indian Medicine more efficaciously.
I appeal to @moayush to redouble it’s efforts & incentive those Indian Institutions for eg. @SoukyaOfficial that are doing pioneering work pic.twitter.com/0Ysv16OTDR— Manish Tewari (@ManishTewari) April 1, 2020
फ़ैक्ट-चेक
प्रिंस चार्ल्स होम्योपैथी को सपोर्ट करने के लिए जाने जाते हैं. वो ब्रिटेन के फ़ैकल्टी ऑफ़ होम्योपैथी (facultyofhomeopathy.org) के शाही संरक्षक भी हैं, लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है कि होम्योपैथी से उनका कोरोना वायरस संक्रमण ठीक हुआ है?
ध्यान देने वाली चीज़ ये है कि इस दावे को भारतीय मीडिया ने तो खूब छापा लेकिन इसे ब्रिटिश अख़बारों में कोई जगह नहीं मिल पाई. फ़ैकल्टी ऑफ़ होम्योपैथी की पोस्ट में शामिल ‘बीबीसी’ की रिपोर्ट, जिसे मनीष तिवारी ने शेयर किया था, में होम्योपैथी के उपचार से प्रिंस चार्ल्स के ठीक होने का कोई ज़िक्र नहीं है.
इस पोस्ट में दो और पेज को भी टैग किया गया था, इनके नाम हैं ‘ब्रिटिश होम्योपैथिक एसोसिएशन’ और ‘होम्योपैथी वर्क्ड फॉर मी’. ये संभव है कि मनीष तिवारी ने ‘होम्योपैथी वर्क्ड फॉर मी’ को प्रिंस चार्ल्स का बयान समझने की ग़लती की होगी.
फ़ैकल्टी ऑफ़ होम्योपैथी ने उनको रिकवरी पर बधाई दी, लेकिन कहीं ये दावा नहीं किया कि प्रिंस की रिकवरी के तार वैकल्पिक दवाईयों के प्रयोग से जुड़े हैं.
#HRH Prince of Wales #RoyalPatron message today following his recovery after Coronavirus https://t.co/Qwi5swUo1Y we are pleased to see he is in #goodhealth #WednesdayThoughts
— Faculty of Homeopathy (@fohhomeopathy) April 1, 2020
फ़ैकल्टी ने एक ब्रिटेन के होम्योपैथिक समुदाय की तरफ़ से एक सलाह प्रकाशित की है. इसमें स्पष्ट लिखा है कि “कोरोना वायरस बीमारी – कोविड 19 के होम्योपैथिक या किसी अन्य इलाज का कोई वैज्ञानिक साक्ष्य मौजूद नहीं है.” इस एडवायज़री में चेतावनी दी गई है कि “होम्योपैथिक दवाइयों का बुखार जैसे लक्षणों और महामारियों के इलाज में काफी इस्तेमाल किया गया है. अगर आप होम्योपैथिक दवा का सेवन करने का निर्णय ले रहे हैं, तो आपको ऊपर्युक्त उपायों को भी ध्यान में रखना चाहिए और ये आपका इकलौता अस्त्र नहीं होना चाहिए.”
प्रिंस चार्ल्स के ऑफ़िस का इनकार
‘हिंदुस्तान टाइम्स‘ ने, ‘बेंगलुरू के आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से प्रिंस चार्ल्स की कोविड-19 से रिकवरी’ के दावे की पुष्टि के लिए, लंदन में प्रिंस ऑफ़ वेल्स के प्रवक्ता से संपर्क किया. प्रवक्ता ने एचटी को बताया, ‘ये सूचना ग़लत है. प्रिंस ऑफ़ वेल्स ने नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) की चिकित्सकीय सलाहों के अलावा किसी दूसरे की कोई सलाह नहीं ली.”
होम्योपैथी पर नेशनल हेल्थ सर्विस का पक्ष स्पष्ट है. ‘क्या होम्योपैथी असरदार है?’ इस सवाल के जवाब में, एनएचएस ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि, “होम्योपैथी के प्रभाव पर विस्तृत जांच हुई है. हालांकि, इस बात के पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि होम्योपैथी किसी भी तरह की बीमारी में इलाज के तौर पर असरदार है.”
प्रिंस चार्ल्स की रिकवरी के दौरान, कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने रिपोर्ट किया कि किस तरह ड्यूक ऑफ़ कॉर्नवेल सरकारी दिशा-निर्देशों और चिकित्सकीय सलाह का पालन कर रहे हैं. जैसा कि एनएचएस की वेबसाइट पर दिखता है, ब्रिटेन में सरकारी दिशा-निर्देशों में होम्योपैथी को शामिल नहीं किया गया है.
अंत में, इस बात के सबूत नहीं हैं कि प्रिंस चार्ल्स की रिकवरी में होम्योपैथी या आयुर्वेदिक दवाओं का कोई हाथ था. इस ख़बर को उनके ऑफ़िस की तरफ़ से भी नकारा गया है. ऑल्ट न्यूज़ साइंस ने पहले भी आयुष मंत्रालय के एक फ़र्ज़ी प्रचार को नकारा था, जिसमें होम्योपैथिक दवा ‘आर्सेनिकल अल्बम 30’ को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाने वाला बताया गया था. हमारे साइंस सेक्शन में होम्योपैथी की प्रभावशून्यता पर एक विस्तृत रिपोर्ट भी है. आप उस रिपोर्ट को यहां पढ़ सकते हैं.
नोट : भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 5,000 के पार जा पहुंची है. इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है. दुनिया भर में 13 लाख से ज़्यादा कन्फ़र्म केस सामने आये हैं और 76 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और इसी वजह से वो बिना जांच-पड़ताल किये किसी भी ख़बर पर विश्वास कर रहे हैं. लोग ग़लत जानकारियों का शिकार बन रहे हैं जो कि उनके लिए घातक भी साबित हो सकता है. ऐसे कई वीडियो या तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो कि घरेलू नुस्खों और बेबुनियाद जानकारियों को बढ़ावा दे रही हैं. आपके इरादे ठीक हो सकते हैं लेकिन ऐसी भयावह स्थिति में यूं ग़लत जानकारियां जानलेवा हो सकती हैं. हम पाठकों से ये अपील करते हैं कि वो बिना जांचे-परखे और वेरीफ़ाई किये किसी भी मेसेज पर विश्वास न करें और उन्हें किसी भी जगह फ़ॉरवर्ड भी न करें.
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