सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप इस दावे के साथ शेयर की जा रही है कि पश्चिम बंगाल में महिषासुर रेलवे स्टेशन को “मुसलमानों ने तोड़ दिया”. दावा है कि ट्रेन के हॉर्न की आवाज़ से उन्हें नमाज़ पढ़ने में “दिक्कत” हो रही थी इसीलिए ये तोड़फोड़ की गई. mini_razdan10 नाम के हैन्डल ने ये वीडियो इसी दावे के साथ 6 जुलाई 2024 को ट्वीट किया जिसे मधू कीश्वर ने कोट ट्वीट किया है. मधू कीश्वर ने पहले भी कई बार सोशल मीडिया पर गलत जानकारियां शेयर की है जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं.
Simple solution:
Shut down the Mahishasur Railway Station.
( They probably want its name changed to AurangzebBaad),
Stop running all trains and buses on this route.
Let them enjoy their namaaz, not five but 500 times a day! https://t.co/xBXAYijvkA— Madhu Purnima Kishwar (@madhukishwar) July 7, 2024
2022 से वायरल
ट्विटर यूज़र उत्तम ने अप्रैल 2022 में ये वीडियो इसी दावे के साथ ट्वीट किया था. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
#MannerlessCM Mahishashur raillway station in murshidabad w.bengal being destroyed saying that sound of train whistle is disturbing their namaz.
We are able to see through the future of India. 😭 Mannerless CM has this kind of Voters. 😡😡 pic.twitter.com/ocjoulzL2q— Uttam 🇮🇳 (@27kurneUttam) April 27, 2022
ट्विटर यूज़र @RatanSharda55 ने ये वीडियो शेयर करते हुए इसे मुर्शिदाबाद के महिषासुर रेलवे स्टेशन की घटना बताया. लेकिन ये भी लिखा कि “दूसरे रिपोर्ट्स” के मुताबिक, ये घटना नोआपाड़ा में हुई थी. (आर्काइव्ड लिंक)
ये वीडियो इसी दावे के साथ ट्विटर पर वायरल है. ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर पर भी इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए कई रिक्वेस्ट मिलीं.
ये वीडियो फ़ेसबुक पर भी इसी दावे के साथ वायरल है. इस दावे को कई प्रमुख राईट-विंग फ़ेसबुक पेजों ने आगे बढ़ाने का काम किया है.
एक और वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है जिसमें लोगों को रेलवे ट्रैक उखाड़ते हुए देखा जा सकता है.
When Sound of the train whistle disturbs the namaz …
Mahishashur Railway station in Murshidabad district (West Bengal )
1/2 pic.twitter.com/9M2Jixv1L8
— Mini Razdan (@mini_razdan10) April 26, 2022
ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर पर इस वीडियो की पड़ताल के भी रिक्वेस्ट मिले हैं.
फ़ैक्ट-चेक
पहला वीडियो
वीडियो ध्यान से देखने पर ऑल्ट न्यूज़ को एक साइनबोर्ड दिखा, जिस पर लिखा था, “नवपाड़ा महिषासुर.” गूगल पर सर्च करने पर हमने देखा कि ये स्टेशन पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद ज़िले में पड़ता है. [स्टेशन मुर्शिदाबाद ज़िले के नवपाड़ा गांव में है. नोआपाड़ा ज़िले के साथ भ्रमित न हों]
वीडियो में 48 सेकेंड पर, कैमरा बाहर की तरफ मुड़ता है और स्टेशन के आस-पास की जगह दिखाई देती है. हमने इस विजुअल्स की तुलना गूगल अर्थ प्रो पर मौजूद सेटेलाइट इमेजरी के साथ की. इससे ये साबित हो गया कि ये जगह असल में पश्चिम बंगाल में स्थित नवपाड़ा महिषासुर रेलवे स्टेशन है.
हमने फ़ेसबुक पर कई की-वर्ड्स के साथ सर्च किया. हमें ऐसे विजुअल्स मिलें जिसमें कई लड़के स्टेशन की संपत्ति को तोड़ते हुए दिख रहे हैं. फिर हमें दिसम्बर 2019 के दो फ़ेसबुक पोस्ट मिले. इन दोनों पोस्ट में ‘वीगो वीडियो आईडी #80770612896 दिखता है. दोनों, फ़ेसबुक पोस्ट यहां देखे जा सकते हैं. (लिंक 1 और लिंक 2)
हमने इन फ़ेसबुक पोस्ट की वायरल वीडियो से तुलना की. और पाया कि वायरल वीडियो (टाइमस्टैम्प 25 सेकेंड) में दिख रहे लड़कों में से एक फ़ेसबुक पोस्ट में भी दिखता है.
हमने दूसरे विजुअल्स की तुलना की और देखा कि वायरल वीडियो में 14 सेकंड पर, एक कमरा दिखाई दे रहा है जो फेसबुक पर पोस्ट की गई तस्वीरों से मेल खाता है.
दूसरा वीडियो
यूट्यूब पर बांग्ला की-वर्ड्स ‘নওপাড়া মহিষাসুর স্টেশনে’ (नवपाड़ा महिषासुर रेलवे स्टेशन) से सर्च किया. एक स्थानीय बांग्ला न्यूज़ चैनल ने ये वीडियो 14 दिसम्बर 2019 कोअपलोड किया था.
चैनल के मुताबिक, मुर्शिदाबाद में CAB-NRC के खिलाफ़ कुछ प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान, नवपाड़ा महिषासुर रेलवे स्टेशन में तोड़फोड़ की गई थी. रेलवे ट्रैक्स को उखाड़ा गया था और आग भी लगाई थी. इस कारण ट्रेनों का शेड्यूल भी बिगड़ा था.
इसके अलावा, ऑल्ट न्यूज़ ने अलग-अलग न्यूज़ रिपोर्ट्स चेक किये. लेकिन हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें ये ख़बर दी गई हो कि मुसलमानों ने आवाज़ से नमाज़ पढ़ने में हो रही “दिक्कत” की वजह से नवपाड़ा महिषासुर रेलवे स्टेशन में तोड़फोड़ की. ये वीडियोज़ 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ़ हुए प्रदर्शन से जुड़े हैं.
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