कुछ दिन पहले पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में जैश अल-अदल के कथित ठिकानों पर ईरान द्वारा लॉन्च की गई मिसाइल और ड्रोन हमलों के जवाब में पाकिस्तान ने गुरुवार को ईरान के सीस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में कथित आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए. पाकिस्तान के जवाबी हमले के बाद कथित तौर पर इस हमले को दिखाने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. वीडियो में ट्रकों की कतार से मिसाइलें फ़ायर होती दिखती हैं.

पाकिस्तानी यूज़र ‘@weird_mystery_’ ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “इसको जवाबी कार्रवाई करना कहते हैं.” (आर्काइव)

 

यूज़र ‘@FarhanMalick16’ ने भी ये वीडियो ऐसे ही कैप्शन के साथ ट्वीट किया, “पाक जानता है कि कैसे जवाबी कार्रवाई करनी है.” (आर्काइव)

वेरीफ़ाइड हैन्डल ‘@iamqadirkhwaja’ ने भी इसी दावे के साथ ये वीडियो ट्वीट किया. (आर्काइव)

कई और यूज़र्स ने भी इसी दावे के साथ वायरल वीडियो आगे बढ़ाया. (आर्काइव्स – लिंक 1, लिंक 2, लिंक 3, लिंक 4, लिंक 5)

This slideshow requires JavaScript.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने नोटिस किया कि वायरल वीडियो की शुरुआत में ‘स्टैंड बाई’ और ‘फ़ायर’ कमांड दिए गए थे. उसके बाद सेना का एक जवान ट्रकों की ओर बढ़ता है और कोई उसे ‘साब दूर रहिए’ कहकर सावधान करता है.

रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें कई बार पहले भी ये वीडियो अपलोड किया हुआ मिला. ऑनलाइन इसे शेयर करने का सबसे पुराना उदाहरण 10 अप्रैल, 2018 का है. इस वीडियो का टाइटल है, “इंडियन आर्मी बीएम-21 ग्रैड आर्टिलरी फ़ायरिंग.”

उसके बाद से ये वीडियो कई बार शेयर किया गया है. यहां और यहां 2018 के कुछ इंस्टैंस दिए गए हैं.

ये वीडियो पहले भी इस दावे के साथ शेयर किया गया था कि ये मोरक्को द्वारा नवंबर 2020 में पोलिसारियो फ्रंट के खिलाफ क्षेत्र में एक सैन्य अभियान शुरू करने की घोषणा के बाद “पश्चिमी सहारा को आज़ाद कराने के लिए सशस्त्र संघर्ष की वापसी” का वीडियो है. उस वक्त AFP फ़ैक्ट-चेक ने जांच की थी और बताया था कि वायरल वीडियो सेना के ट्रेनिंग सेशन का था और इसे भारत के राजस्थान में फ़िल्माया गया था. हम ये पता नहीं लगा सके कि वीडियो कहां और कब रिकार्ड किया गया था.

कुल मिलाकर, भारतीय सेना द्वारा तोपखाने की गोलीबारी का एक पुराना वीडियो जो करीब 10 अप्रैल, 2018 का है, सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल है कि ये ईरान पर पाकिस्तानी सेना के जवाबी हमले का है.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.