कोरोना वायरस महामारी के व्यापक मीडिया कवरेज के बीच दो वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुए हैं। (वीडियो देखने के लिए पाठक अपने विवेक का इस्तेमाल करें.) इनमें से एक वीडियो 90-सेकंड का है, जिसमें सूअरों को ज़िंदा जलाते हुए दिखाया गया है। दूसरा वीडियो 30-सेकंड का है जिसमें एक गड्ढे में सैकड़ों सुअर को ज़िंदा दफनाते हुए दिखाया गया है। वायरल वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया गया है कि चीन की सरकार कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए ऐसा कर रही है।

फेसबुक पर कई यूज़र्स ने सूअरों को जिंदा जलाने का 90-सेकंड वाला वीडियो इस मैसेज के साथ पोस्ट किया है, “Pigs been destroyed by Chinese government to control the sickness may be Corona or any other sickness. (अनुवाद – बीमारी को नियंत्रित करने के लिए जो कोरोना या कोई अन्य बीमारी हो सकती है, चीनी सरकार द्वारा सूअरों को मारा गया।)”

4 फरवरी को एक यूज़र ने सूअरों को ज़िंदा दफनाने का 30-सेकंड वाला वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “The China government is doing everything within its power to control and totally eliminate the corona virus, millions of infected pigs were buried @realDonaldTrump @charliekirk11 @RealCandaceO @RyanAFournier @carrieksada (अनुवाद – चीन सरकार कोरोना वायरस को नियंत्रित करने और पूरी तरह से खत्म करने के लिए अपनी शक्ति से सब कुछ कर रही है, लाखों संक्रमित सूअरों को दफन किया गया था। @realDonaldTrump @charliekirk11 @RealCandaceO @RyanAFournier @carrieksada”

ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सैप नंबर (+91 76000 11160) और हमारे आधिकारिक मोबाइल एप पर तस्वीरों की जांच करने के कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं।

फैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने यूट्यूब पर सम्बंधित की-वर्ड सर्च किया तो हमें दोनों ही वीडियोज़ मिल गए। इन वीडियोज़ को साल 2019 में अपलोड किया गया है। हमने वीडियो के की-फ्रेमों का विश्लेषण किया और यांडेक्स पर रिवर्स इमेज सर्च किया। इससे हम उन खबरों तक पहुंच पाए, जिनमें वायरल वीडियो से ली गईं तस्वीरें शामिल थीं। वीडियोज़ की हिंसक प्रकृति के कारण उन्हें लेख में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन जो पाठक इसे देखना चाहते हैं, वे हाइपरलिंक पर क्लिक कर इसे देख सकते हैं।

वीडियो 1: ज़िंदा जलाए गए सूअर

30-सेकंड का वीडियो जिसमें सूअरों को ज़िंदा जलाते हुए दिखाया गया है, उसे 31 मार्च, 2019 को यूट्यूब चैनल ‘DK – The Seeker’ ने अपलोड किया था। इसके विवरण में लिखा है, “सूअरों में प्लेग मिलने के बाद, चीनी लोग सभी को जला रहे हैं।” (अनुवाद) इस तस्वीर को रिवर्स-इमेज सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को रूस की समाचार वेबसाइट ‘Amur News Service’ की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें ये वायरल वीडियो शेयर किया गया था।

रिपोर्ट के अनुसार, ये वीडियो चीन में रिकॉर्ड किया गया था और यह अफ्रीकी स्वाइन फीवर (ASF) से जुड़ा हुआ है। ये बुखार जनवरी 2019 में अपने चरम पर था। रिपोर्ट में ये भी बताया गया था कि 24 प्रांतों में ASF के 100 केस का पता चला था।

वीडियो 2: दफनाए जा रहे सूअर

90-सेकंड का वायरल वीडियो जिसमें सूअरों को दफनाते हुए दिखाया गया है, यूट्यूब चैनल ‘lightning TV’ द्वारा 21 जनवरी 2019 को अपलोड किया गया था। रिवर्स इमेज सर्च करने से ऑल्ट न्यूज़, ताइवान-स्थित समाचार चैनल, ‘SET News’ की 3 फरवरी 2019 की एक रिपोर्ट तक पहुंचा। ये लेख चीन में सूअर के मांस उद्योग पर ASF महामारी के प्रभाव के बारे में है।

ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल पर एक अन्य कीवर्ड से सर्च किया जिसके बाद हमें ब्रिटेन की एक मैगज़ीन और वेबसाइट ‘Farmers Weekly’ की एक फैक्ट-चेक रिपोर्ट मिली। ‘Farmers Weekly’ की रिपोर्ट में सूअरों को दफनाए जाने के वायरल वीडियो को सत्यापित किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, ये वीडियो अफ्रीकी स्वाइन बुखार (ASF) के प्रकोप से चीन में फैली महामारी के दौरान रिकॉर्ड किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के कृषि और ग्रामीण मामलों के मंत्रालय ने बताया, “ASF का पता पहली बार पिछले साल 3 अगस्त को चीन में लगा था। तब से, 100 से अधिक मामलों की पुष्टि की गई है, जिसके परिणामस्वरूप 9 लाख 16 हजार से अधिक सुअरों को मार डाला गया।”

दोनों वीडियो, वायरल दावे के अनुसार वास्तव में चीन के ही हैं, लेकिन इनके साथ किया गया दावा झूठा है कि चीन सरकार कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए ये कर रही है। दोनों वीडियो 2019 के हैं जब चीन में अफ्रीकी स्वाइन बुखार का प्रकोप था।

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.