9 दिसंबर, 2019 को लोकसभा में विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 पारित किया गया। उसके दो दिन बाद, इस बिल को राज्यसभा में पेश किया गया, जहां इसके सिद्धांतो और धाराओं पर काफी बहस हुई। इस घटना के बारे में दक्षिण पंथी वेबसाइट ऑपइंडिया (आर्काइव) ने एक लेख प्रकाशित किया, जिसका शीर्षक है –“सिब्बल ने आंबेडकर पर निशाना साधते हुए उन्हें दो देशों के सिद्धांत के लिए ज़िम्मेदार बताया, कांग्रेस को दी क्लीनचीट”। (अनुवाद)
वेबसाइट ने लेख में मनीकंट्रोल के एक ट्वीट का हवाला दिया है, जिसमें संसद में कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल द्वारा दिए गए एक बयान के बारे में बताया गया है।
I rise to oppose #CABBill. The two-nation theory wasn’t ours, it was perpetrated by Savarkar & #BRAmbedkar agreed too. Congress believes in one nation. I want HM to withdraw 2-nation statement: Kapil Sibal, Congress, in #RajyaSabha#CitizenshipBill LIVE: https://t.co/bGw3YAD0V1 pic.twitter.com/gNnTyfViOm
— moneycontrol (@moneycontrolcom) December 11, 2019
ऑपइंडिया द्वारा संदर्भित की गई मनीकंट्रोल की ट्वीट के मुताबिक, कपिल सिब्बल ने बताया कि बी.आर. अंबेडकर ने वीडी सावरकर की दो देशों की निति को स्वीकार किया था। कपिल सिब्बल के हवाले से बताए गए बयान के अनुसार, “मैं CAB का विरोध करता हूं। दो देशों का सिद्धांत हमारा नहीं था, इसे वीर सावरकर ने बनाया और आंबेडकर ने समर्थन दिया था। कांग्रेस एक राष्ट्र की निति में विश्वास रखती है। मैं चाहता हूं कि गृह मंत्री अपने दो राष्ट्रों वाले बयान को वापस ले।” (अनुवाद)
हालांकि, यह बात ध्यान देने लायक है कि मनीकंट्रोल द्वारा संसद की कार्यवाही पर लाइवब्लॉग के तहत लगातार की जा रही ट्वीट में कही भी कांगेस सांसद का आंबेडकर को वीर सावरकर की दो देशों की निति पर सहमति प्रदान करने वाले कथित बयान के बारे में नहीं बताया गया है। मनीकंट्रोल ने उस ट्वीट के नीचे सुधार करते हुए एक और ट्वीट किया।
इस कथित बयान के आधार पर, ऑपइंडिया की एडिटर नूपुर शर्मा ने चुटकी लेते हुए कहा, “सिब्बल ने अंबेडकर पर दो देशों की निति का समर्थन करने के लिए निशाना साधा, कांग्रेस को क्लीनचीट दी “समर्थक” की तरफ से कोई प्रदर्शन नहीं?” (अनुवाद)
Sibal attacks Ambedkar as the person who agreed to two-nation theory, gives clean chit to Congress
No protests from “activists”? https://t.co/atFrXMM3kJ
— Nupur J Sharma (@UnSubtleDesi) December 11, 2019
कपिल सिब्बल के हवाले से दिया गया गलत बयान
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल को गलत तरीके उद्धृत किया गया है। नागरिक संसोधन विधेयक का विरोध करते हुए राज्यसभा में कपिल सिब्बल द्वारा दिया गया पूरा बयान इस प्रकार है:
“मैं इस बिल का विरोध करता हूं। मैं उस दिन बहुत परेशान था जब मान्यनीय गृहमंत्री ने सदन में कहा, हमें इस विधेयक की आवश्यकता क्यों है? स्वतंत्रता के बाद, अगर कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश को ना बांटा होता तो आज हमें इस विधेयक की ज़रूरत ना होती। कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश का बंटवारा किया। मुझे नहीं पता है कि गृहमंत्री ने कौनसी इतिहास की किताब पढ़ी है, उन्होंने कौनसे लेखकों से बात की है मगर मुझे ख़ुशी होगी कि मैं उन्हें यह याद दिला सकूं कि सावरकर ने क्या कहा था। दो देशों का सिद्धांत हमारा नहीं है, अगर आज यह पारित हो जायेगा तो आप इस विधेयक से इसे पुरा करेंगे। सावरकर ने कहा था, “भारत की अगल-बगल के दो राष्ट्र, विरोधी है। कुछ ऐसे भी नेता है जो यह मानते हुए गंभीर भूल करते है कि भारत पहले से ही एक सामंजस्यपूर्ण राष्ट्र रहा है और ऐसा सोचने के लिए उन्हें बाध्य कर दिया जाता है। यह अर्थपूर्ण भी है लेकिन बिना सोचे समझे दोस्त इस कल्पना को वास्तविकता मान लेते है, इसी कारण से वे सांप्रदायिक तनाव को लेकर बेचैन हो जाते है और वे सांप्रदायिक संगठनों को ज़िम्मेदार ठहराते है।” दो राष्ट्रों के सिद्धांत को सावरकर ने बनाया था। और इसपर अंबेडकर ने यह कहा था कि, “सामने आयी बात अजीब है, श्री सावरकर और श्री जिन्ना, एक राष्ट्र बनाम दो राष्ट्र मुद्दे में एक दूसरे के विरोध में होने के बजाय, इसके साथ पूरी तरह से सहमत हैं।”, शर्मनाक, दोनों सहमत है, ना सिर्फ सहमत बल्कि मानते है कि देश के दो राष्ट्र बनने चाहिए – एक मुस्लिम राष्ट्र और एक हिन्दू राष्ट्र। मैं गृहमंत्री से निवेदन हूं कि वे अपने दो राष्ट्र के बयान को वापस ले क्योंकि हम एक राष्ट्र में विश्वास करते है लेकिन वे नहीं करते।” (अनुवाद)
नीचे पोस्ट किये गए वीडियो में इस पूरी बात को सुना जा सकता है।
“Two-nation theory was perpetrated by Savarkar”: Senior Congress leader Kapil Sibal in Rajya Sabha #CitizenshipAmendmentBill pic.twitter.com/Q35c90LCMl
— NDTV (@ndtv) December 11, 2019
उनका भाषण ही इस बात का सबूत है कि कपिल सिब्बल ने यह बयान नहीं दिया था कि आंबेडकर वीर सावरकर के दो राष्ट्र वाली निति पर सहमत थे। वास्तव में उन्होंने इससे विरुद्ध ही कहा था। सिब्बल ने आंबेडकर के हवाले से यह कहा था कि, “सामने आयी बात अजीब है, श्री सावरकर और श्री जिन्ना, एक राष्ट्र बनाम दो राष्ट्र मुद्दे में एक दूसरे के विरोध में होने के बजाय, इसके साथ पूरी तरह से सहमत हैं।” (अनुवाद) सिब्बल ने आंबेडकर के विचारों के बारे में कहा कि वी डी सावरकर और एम ए जिन्ना के बीच एक अजीब सी समानता थी, जहाँ तक दो राष्ट्र के निर्माण की बात थी वे दोनों दो राष्ट्रों के निर्माण की बात से सहमत थे, कांग्रेस सांसद के इस बयान को गलत तरीके से पेश किया गया।
सीधे शब्दों में कहे तो कपिल सिब्बल ने यह बात नहीं कही कि आंबेडकर ने दो राष्ट्रों के सिद्धांत को समर्थन दिया था। इसके बजाय, उन्होंने दो-राष्ट्र के मामले में सावरकर और जिन्ना के समान विचार के बारे में आंबेडकर के आश्चर्य दर्शाने वाले विचार को व्यक्त किया था। कांग्रेस सांसद के बयान को मनीकंट्रोल ने एक ट्वीट में गलत तरीके से उद्धृत किया और बाद में इस ट्वीट के हवाले से ऑपइंडिया ने लेख प्रकाशित कर सिब्बल को आंबेडकर पर सावरकर की निति का समर्थन करने के लिए निशाना साधते हुए दर्शाया गया, लेकिन उन्होंने सावरकर पर निशाना साधा था।
ऑपइंडिया ने अब अपना लेख अपडेट कर दिया है, लेकिन इसका आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है।
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