“क्या आपको कुछ पता है कि वे क्या कर रहे हैं? अशोक सक्सेना, भारतीय संसद सदस्य (भाजपा) ने कहा कि अगर लोग सौर ऊर्जा का उपयोग करते हैं, तो सूर्य देव क्रोधित हो जाएंगे… अब भाजपा संघियों ने सौर पैनलों को तोड़ना शुरू कर दिया है!!!” -(अनुवादित) संदेश के साथ एक वीडियो वर्तमान में सोशल मीडिया में चल रहा है। वीडियो में सौर पैनलों को तोड़ते लोगों का एक समूह दिख रहा है।
जैसा कि ऊपर दिए गए स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है, इस पोस्ट का दावा है कि भाजपा के सांसद अशोक सक्सेना ने कहा है कि अगर लोग सौर ऊर्जा का उपयोग करते हैं, तो सूर्य देव को गुस्सा आएगा, जिसके परिणामस्वरूप भाजपा कार्यकर्ताओं ने सौर पैनलों को तोड़ना शुरू कर दिया। उपरोक्त पोस्ट आम आदमी पार्टी के आधिकारिक फेसबुक ग्रुप, जिसके 2,00,000 से अधिक सदस्य हैं, में 28 मार्च को पोस्ट की गई है और यह लिखे जाने तक इसे 18,000 से अधिक बार शेयर किया गया है।
यह वीडियो, इससे जुड़े दावे के साथ, 1 अप्रैल 2018 को यूट्यूब पर भी अपलोड किया गया है। हमें ऐसे दो लिंक मिले।
https://www.youtube.com/watch?v=Rr5J_6IcE6k
क्या यह दावा सच है?
ऑल्ट न्यूज़ ने इस दावे की तथ्य-जांच की तो पाया कि अशोक सक्सेना के नाम से लोकसभा में कोई भाजपा सांसद नहीं हैं। 16वीं लोकसभा के सांसदों की सूची यहां देखी जा सकती है। इस सूची में अशोक सक्सेना का कोई संदर्भ नहीं है।
ऑल्ट न्यूज़ ने ‘अशोक सक्सेना भाजपा सौर ऊर्जा’ कीवर्ड्स से एक सामान्य गूगल खोज भी की तो इस लेख में निर्दिष्ट वीडियो के दो यूट्यूब लिंक के अलावा, एक तीसरा लिंक भी मिला जो एक पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल NewsOne के एक वीडियो का था।
यह वीडियो 29 मार्च को www.dailymotion.com वेबसाइट पर अपलोड किया गया था, जिसमें एंकर का कहना है कि सौर ऊर्जा के उपयोग पर भाजपा सांसद की टिप्पणी के बाद भाजपा कार्यकर्ता भारत में सौर पैनल तोड़ रहे हैं।
इसलिए, अगर अशोक सक्सेना के नाम से कोई भाजपा सांसद नहीं हैं, तो सौर पैनलों को तोड़ने वाले ये लोग कौन हैं और यह वीडियो कहाँ का है?
पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर खबरें करने वाली वेबसाइट क्लाइमेट समुराई की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना फरवरी 2018 में महाराष्ट्र में हुई थी और सोलर प्लांट चालीसगांव में स्थित है। सौर पैनल को तोड़ने वाले श्रमिक, मजदूरी का भुगतान न किए जाने का विरोध कर रहे थे। ऑल्ट न्यूज़ ने क्लाइमेट समुराई से बात की जिन्होंने पुष्टि की कि उन्हें उनके सूत्रों से यह जानकारी मिली थी कि यह वीडियो महाराष्ट्र का है और पैनल की तोड़फोड़ मजदूरी का भुगतान न किए जाने पर हुई थी।
यह खास वीडियो पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया में चल रहा है और इसके कई संस्करण हैं। इससे पहले, इसी वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा था कि यह तोड़फोड़ सत्ता पक्ष के प्रयासों के खिलाफ विपक्ष की करतूत है, जिसमें युवा नेता जिग्नेश मेवाणी और हार्दिक पटेल को दोषी ठहराया गया था। इन संदेशों को व्हाट्सएप पर प्रसारित किया गया और इन्होंने फेसबुक पर अपनी जगह बना ली।
देखिए,#हार्दिक_पटेल, #जिग्नेश के कारनामों को फिर कहेंगे कि सरकार ने विकास ही नहीं किया..😡
और बोलेंगे हमारे गाँव में…Posted by महाराजा फतेह अग्रसेन on Monday, 19 February 2018
इस वीडियो को लेकर गलत सूचना भारत तक सीमित नहीं है। एक अन्य संस्करण का दावा है कि यह वीडियो सेनेगल का है और कार्यकर्ता चीनी निर्मित सौर पैनलों को नष्ट कर रहे हैं। यह एक पैटर्न बन गया है जो सोशल मीडिया में बार-बार दिखलाई देता है — इसी वीडियो या तस्वीर को पोस्ट किया जाता है, मगर हर बार अलग संदर्भ में।
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