ट्रेंड अलर्ट: #Jhoothicongress शीर्षक वाले गूगल डॉक्यूमेंट को भाजपा सांसद परेश रावल ने ट्विटर पर शेयर किया। कांग्रेस के कथित दोगलेपन के कई उदाहरणों को सूचीबद्ध करने वाले डॉक्यूमेंट को रावल ने 27 फरवरी को शाम 3:40 बजे प्रकाशित किया।
#Jhoothicongress उस राजनितिक हमले का विषय था जिसे भाजपा के द्वारा सोशल मीडिया पर प्रचारित किया जाना था। यह ट्वीट भाजपा के आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने किया है।
Tune in to @BJP4India at 4pm! Shri @rsprasad will expose the lies and chicanery of Congress party led by Rahul Gandhi. #JhoothiCongress
— Amit Malviya (@malviyamit) February 27, 2018
गूगल डॉक्यूमेंट में ऐसे कई ट्वीट्स के लिस्ट थे जिसे पार्टी सदस्यों द्वारा हैशटैग #Jhoothicongress के साथ ट्वीट किया जाना था। ये ट्वीट्स हिंदी और अंग्रेजी दोनों में थे और बहुत सारे मुद्दे को लेकर इन ट्वीट्स के माध्यम से कांग्रेस पार्टी को निशाना बनाया जाना था।
यह डॉक्यूमेंट स्पस्ट रूप से पार्टी और उनके (आईटी सेल) सदस्य के लिए था और इसको सार्वजनिक रूप से साझा नहीं किया जाना था। रावल ने यह डॉक्यूमेंट प्रकाशित कर महसूस किया कि उन्होंने ऐसा करने में जल्दबाजी कर दी तो उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। लेकिन तबतक देर हो चुकी थी, क्योंकि सोशल मीडिया पर डैमेज कण्ट्रोल के प्रयास अक्सर लोग नोटिस करते हैं। अब इस गूगल डॉक्यूमेंट को नहीं देखा जा सकता जबकि पहले इसे ‘रिक्वेस्ट एक्सेस’ कर देखा जा सकता था।
उस गूगल डॉक्यूमेंट में सूचीबद्ध ट्वीट्स को #Jhoothicongress के साथ कॉपी-पेस्ट करके निश्चित समय पर प्रचारित कर दिया गया था।
जल्द ही #Jhoothicongress ट्रेंड ट्विटर पर फ़ैल चूका था।
473 users and 489 tweets (453 RTs) in 34 minutes made #JhoothiCongress a Trending Topic in India. #trndnl
— Trendinalia India (@trendinaliaIN) February 27, 2018
सोशल मीडिया पर यह प्रवृति पहले भी देखी जा चुकी है। ऑल्ट न्यूज़ ने बताया था कि कैसे सोशल मीडिया पर #DemonetisationSuccess के लिए एक गूगल डॉक्यूमेंट को निर्देश के साथ कि क्या ट्वीट करना है और कौन सा हैशटैग उपयोग करना है बनाकर फैलाया जा रहा था। ऐसे कई उदहारण हैं। कुछ व्हाट्सअप ग्रुप जो भाजपा को समर्थन देने के लिए बनाये गए हैं उन ग्रुपों से हैशटैग के रिक्वेस्ट के स्क्रीन्शॉट नीचे देखे जा सकते हैं।
ऐसे डॉक्यूमेंट का लिंक आमतौर पर व्हाट्सएप सहित विभिन्न प्लेटफार्मों पर साझा किया जाता है। इनके विषय का केंद्र मुख्य रूप से किसी राजनेता या राजनितिक पार्टी की प्रशंसा करना या विपक्ष की निंदा करना होता है। ये सारे डाक्यूमेंट्स यह दर्शाते हैं कि विचारों को कैसे बनाया और पेश किया जाता है और एक ट्रेंड बनाकर सोशल मीडिया को अपने विचारों के अनुसार मोड़ने के संगठित प्रयास की झलक भी दिखाते हैं।
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