22 सितंबर 2022 को कई राज्यों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और पुलिस ने छापेमारी की और पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) के 100 से ज़्यादा नेताओं को अलग-अलग मामले में गिरफ़्तार किया गया. PFI, 2007 में स्थापित एक राजनीतिक संगठन है जो अधिकारहीन आबादी के लिए काम करने का दावा करती है. छापेमारी के बाद 23 सितंबर को PFI के समर्थकों ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया. पुणे में हुए PFI के विरोध को लेकर कई मीडिया संगठनों और वेरीफ़ाईड ट्विटर हैंडल ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ का नारा लगाया जिसके बाद ये मामला विवादों में आ गया.
हाल में एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें PFI कार्यकर्ताओं को एक पुलिस वैन में धकेलते हुए देखा जा सकता है और प्रदर्शनकारी नारेबाज़ी कर रहे हैं. ये वीडियो शेयर करने वाले कई यूज़र्स ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने “पाकिस्तान ज़िंदाबाद” के नारे लगाये. पुणे में कथित तौर पर 40 PFI कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था.
मीडिया रिपोर्ट
24 सितंबर 2022 को ANI ने ट्वीट किया कि इस पहले दिन पुणे में ज़िला कलेक्टर कार्यालय के बाहर ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे सुने गए जहां PFI के कार्यकर्ता अपने संगठन के खिलाफ़ ED-CBI-पुलिस के छापे का विरोध करने के लिए जमा हुए थे. कुछ प्रदर्शनकारियों को अगली सुबह हिरासत में लिया गया. ANI ने एक और ट्वीट में लिखा कि हालांकि ऑडियो क्लियर नहीं था, पर उस क्षेत्र के पत्रकारों द्वारा वीडियो की ‘पुष्टि’ की गई.
सोशल मीडिया पर सबसे पहले ये वीडियो पोस्ट करने वाले पहले व्यक्ति ANI के इंद्रजीत चौबे थे.
ANI और टाइम्स नाउ ये दावा करने वाले पहले मीडिया संगठनों में से एक था.
“Pakistan Zindabad” slogans ring out at #PFI protest rally in #Pune after members of the radical outfit were detained- watch exclusive updates on the #PFI crisis, only on TIMES NOW!@Aruneel_S on-ground and Siddartha Talya with more on the sloganeering. pic.twitter.com/vzMI9l7m5Q
— TIMES NOW (@TimesNow) September 24, 2022
ज़ी न्यूज़ की शिवांगी ठाकुर ने इसी दावे के साथ दूसरे ऐंगल से रिकार्ड किया गया एक और वीडियो ट्वीट किया.
फ़ैक्ट-चेक
वायरल वीडियो के दावों को वेरीफ़ाई करने के लिए हमने इस घटना के कई दूसरे वीडियोज़ भी देखें और ये जानने की कोशिश की कि क्या वाकई घटनास्थल पर कथित नारे लगाये गए थे. वहां मौजूद कई पत्रकारों से इस घटना के अलग-अलग वीडियोज भी मिलें. इनमें से 2 ऐसे वीडियोज थे जिन्हें अलग-अलग ऐंगल से लिया गया था साथ ही इसमें एक ज़रूरी विज़ुअल भी था. वायरल वीडियो का एक वर्ज़न नीचे दिया गया है.
इस वीडियो में 17 सेकेंड पर पुलिस वैन दूर जा रही है. वायरल वीडियो में 3 सेकेंड के बाद कथित नारेबाज़ी शुरू होती है. हमें पत्रकार वर्षा तोर्गलकर और फ़ेसबुक पेज पुलिसनामा द्वारा शेयर किए गए दो और वीडियोज़ में वैन का रेफ़रेंस पॉइंट मिला. हमने इसका इस्तेमाल दूसरे वीडियो के साथ वायरल वीडियो के ऑडियो की तुलना और क्रॉसचेक करने के लिए किया.
पुलिसनामा लाइव कवरेज
पुलिसनामा ने इस घटना को फ़ेसबुक पर लाइव किया था जिसमें दिखाया गया है कि घटनास्थल पर क्या हुआ था. लाइव वीडियो में 4 मिनट 18 सेकेंड पर पुलिस वैन में प्रदर्शनकारियों को धकेला जा रहा है. लाइव वीडियो के आखिर में 7 मिनट 10 सेकेंड पर वैन का दरवाजा बंद हो जाता है. 7 मिनट 56 सेकेंड पर वैन चलने लगती है.
#Live: NIA च्या कारवाईनंतर, PFI कार्यकर्ते आक्रमक…
Posted by Policenama on Friday, 23 September 2022
7 मिनट 43 सेकेंड पर लाइव वीडियो में, सबंधित हिस्सा वायरल क्लिप में शेयर की गई नारेबाज़ी दिखती है. वीडियो में साफ़ तौर “पॉपुलर फ्रंट ज़िंदाबाद” का सुनाई दे रहा है. रिडर्स ध्यान दें कि ये घटनाएं भी 14-15 सेकंड के अंतराल में हुई. फ़ेसबुक लाइव वीडियो से संबंधित क्लिप नीचे दिख रही है.
नीचे हमने वायरल वीडियो (ऊपर) की तुलना पुलिसनामा लाइव वीडियो (नीचे) से संबंधित क्लिप से की है ताकि ये दिखाया जा सकें कि लाइव कवरेज में सबंधित हिस्सा (नारेबाज़ी और वैन का दूर जाना) वहीं है जो वायरल वीडियो में दिख रहा है. ये सब 14-15 सेकंड के अंतराल में हो रहा है.
हमने पुलिसनामा द्वारा अपलोड किए गए पूरे 12 मिनट का लाइव वीडियो देखा. इस वीडियो में एक बार भी “पाकिस्तान ज़िंदाबाद” के नारे नहीं सुनाई दिए.
घटना के दूसरे वीडियोज़
पत्रकार वर्षा तोर्गलकर ने भी इस घटना के कुछ वीडियोज़ शेयर किए हैं.
Sharing a few videos that shows participants were giving slogans of Popular Front Zindabad or PFI Zindabad! pic.twitter.com/ZDnMh4qQlb
— Varsha Torgalkar (@varshasuman) September 24, 2022
वर्षा तोर्गलकर के ट्विटर थ्रेड में जो दूसरा वीडियो है उसमें 28 सेकेंड पर पुलिस वैन को दूर जाते देखा जा सकता है. वैन के दूर जाने से पहले 14 सेकेंड पर नारेबाज़ी सुनाई दे रही है. इस वीडियो में भी जो नारा लगाया जा रहा है वो ‘पॉपुलर फ्रंट ज़िंदाबाद’ का है. इसके बाद वैन दूर जा रही है. ये पुलिसनामा के वीडियो के सबंधित हिस्से के अनुरूप है.
न्यूज़लॉन्ड्री रिपोर्ट
न्यूज़लॉन्ड्री ने एक रिपोर्ट पब्लिश की जिसमें कहा गया है कि पुलिस ने टाइम्स नाउ, ANI और रिपब्लिक की रिपोर्ट्स से अलग, विरोध के दौरान पाकिस्तान समर्थक होने के दावों का खंडन किया.
एक रीजनल चैनल दिव्या मराठी ने ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारों के दावों को खारिज़ करने के लिए पुलिस सोर्स का हवाला दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, पुणे के पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाने के दावों का खंडन किया है. इसी तरह, पुणे के DCP सागर पाटिल ने भी कहा कि PFI की रैली में इस तरह के कोई नारे नहीं लगाए गए. हालांकि, उन्होंने कहा कि अवैध रूप से जमा होने के लिए PFI के खिलाफ़ मामला दर्ज़ किया गया है.
इस तरह, उसी घटना के दूसरे वीडियो की जांच से पता चलता है कि वहां ‘पॉपुलर फ्रंट ज़िंदाबाद’ के नारे लगे थे न कि ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के.
अन्य लोग जिन्होंने ग़लत दावे शेयर किए
इस ग़लत दावे को कई अन्य मीडिया चैनलों और भाजपा नेताओं ने शेयर किया. NDTV, द हिंदू, टाइम्स ऑफ़ इंडिया , जागरण इंग्लिश, ज़ी हिंदुस्तान, ABP न्यूज़, TV9 मराठी, इंडिया TV हिंदी, वनइंडिया न्यूज़, ज़ी 24 तास, लोकसत्ता लाइव, ABP की नीतू झा, टाइम्स नाउ के संदीप कुमार, शालिनी कपूर तिवारी और विवेक गुप्ता न्यूज़18 इंडिया, जागरण के लिए लिखने वाले विनय कुमार सिंह, DD न्यूज़ के अशोक श्रीवास्तव और कई अन्य मीडिया संगठनों और व्यक्तियों ने ये दावा करते हुए वीडियो शेयर किया कि प्रदर्शनकारियों ने ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाए.
आजतक के न्यूज़ एंकर शुभंकर मिश्रा ने ट्वीट किया कि रैली में लगभग 60-70 लोगों की मौजूदगी में ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ का नारा लगाया गया.
पुणे में PFI की रैली में लगे ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे, 60-70 लोगों की मौजूदगी थी। pic.twitter.com/M8X1yfx0zQ
— Shubhankar Mishra (@shubhankrmishra) September 24, 2022
भाजपा समर्थक प्रोपगंडा आउटलेट, ऑपइंडिया ने भी इस दावे पर प्रकाश डालते हुए एक आर्टिकल पब्लिश किया.
Pune: ‘Pakistan Zindabad’ slogan raised by PFI while protesting against NIA raids on its offices, 40 detained and over 60 bookedhttps://t.co/Ry3wjTdvqs
— OpIndia.com (@OpIndia_com) September 24, 2022
भाजपा सदस्य
बीजेपी से जुड़े कई प्रभावशाली लोगों ने ये वीडियो शेयर करते हुए अपना गुस्सा जाहिर किया.
भाजपा पार्टी कार्यकर्ता कपिल मिश्रा ने PFI पर प्रधानमंत्री के हमले की साजिश रचने, जिहादियों को प्रशिक्षण देने और विपक्ष पर चुप्पी साधे रहने का आरोप लगाया.
PFI के द्वारा प्रधानमंत्री जी कि हत्या की साज़िश रचना , जिहादियों को ट्रेनिंग देना ये अक्षम्य अपराध है
PFI के जो कीड़ें पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगा रहे हैं उनपर कीटनाशक भारत की जनता खुद छिड़क देगी
लेकिन विपक्ष की चुप्पी आज देश को खल रही हैं pic.twitter.com/xn2hvpLnd0
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) September 24, 2022
महाराष्ट्र के भाजपा विधायक नितेश राणे ने अपने ट्वीट में PFI पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने वाले प्रदर्शनकारियों को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी.
To all those shouting Pakistan Zindabad slogans in support of PFI in Pune..
Chun chun ke marenge.. Itna yaad rakana!!! #BanPfi
— nitesh rane (@NiteshNRane) September 24, 2022
पुणे शहर के विधायक और भाजपा प्रवक्ता सिद्धार्थ शिरोले ने बताया कि इस तरह की नारेबाज़ी देशद्रोह के समान है.
हे खपवून घेतला जाणार नाही !
You have the right to protest..even have the right of legal recourse to save your felonious colleagues.
But not for a moment believe that you & your treasonous sect will be spared for sloganeering “Pakistan Zindabad” in #Pune, in #India#PFICrackdown pic.twitter.com/tTxLmPKVbw— Siddharth Shirole (@SidShirole) September 24, 2022
फ़िल्म निर्माता अशोक पंडित ने PFI को एक ‘आतंकवादी संगठन’ कहा और आरोप लगाया कि संगठन को पाकिस्तान का समर्थन मिल रहा है.
भाजपा के आशीष सूद, भाजपा पार्टी कार्यकर्ता प्रीति गांधी, दिल्ली के भाजपा उपाध्यक्ष राजीव बब्बर, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी नीतू डबास, भाजयुमो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राम सतपुते, मनसे नेता राज ठाकरे, जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी शेष पॉल वैद, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने भी कथित नारों की निंदा की और ऐसे ‘राष्ट्र-विरोधी’ कृत्यों के खिलाफ़ सख्त कदम उठाने का आह्वान किया.
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