भारतीय वायु सेना (IAF) के संचालन में एक विशेष उड़ान कथित तौर पर अफ़गानिस्तान दूतावास के कर्मचारियों सहित वहां फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए 16 अगस्त को काबुल पहुंचा. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, “भारत ने निकासी मिशन के लिए C 17 ग्लोबमास्टर विमानों को रखा था. उनमें से एक रविवार को अफ़गानिस्तान भेजा गया और दूसरे ने सोमवार को दिल्ली के बाहरी इलाके हिंडन वायु सेना स्टेशन से उड़ान भरी.”
इस दौरान एक तस्वीर शेयर की जा रही है जिसमें एक विमान के अंदर फंसे सैकड़ों लोग दिख रहे हैं. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है, “IAF C17 को 800 लोगों के साथ वापस भेजा गया … ये तस्वीर आज सुबह काबुल हवाई अड्डे से है.”
ये तस्वीर फ़ेसबुक और ट्विटर पर वायरल हो रही है.
ऑल्ट न्यूज़ को अपने व्हाट्सऐप नंबर (76000 11160) पर इस दावे की सच्चाई जानने के लिए कई रिक्वेस्ट मिलीं.
2013 की तस्वीर
गूगल पर रिवर्स-इमेज सर्च करने पर वेबसाइट af.mil पर 2013 का एक आर्टिकल मिला. अमेरिकी वायु सेना को समर्पित इस वेबसाइट का एक्सेस नहीं मिल रहा था लेकिन ऑल्ट न्यूज़ को 19 दिसंबर, 2013 के आर्टिकल का आर्काइव्ड वर्जन मिला.
हमें फ़ोटो की जानकारी का एक आर्काइव्ड लिंक भी मिला जिसमें लिखा है कि ये 17 नवंबर, 2013 को ली गयी थी. डिस्क्रिप्शन के अनुसार, “670 से ज़्यादा टैक्लोबैन निवासी तूफ़ान हैयान के बाद सी -17 ग्लोबमास्टर III में बैठे हैं, इन्हें मनीला में निकाला जाना था. हैयान तूफ़ान फिलीपींस से टकराया था.” तस्वीर का क्रेडिट US वायु सेना फ़ोटो/स्टाफ सर्जेंट रेमन ब्रॉकिंगटन को दिया गया है.
ये दावा कि भारत सरकार ने C-17 से 800 लोगों को बचाया, गलत है.
अमेरिकी सरकार ने रविवार को 640 लोगों को विमान में बैठाया. डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, C-17, RCH 871, ने रविवार को हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से कतर के अल उदीद एयर बेस के लिए उड़ान भरी.
NDTV ने सूत्रों के अनुसार बताया कि भारत-तिब्बत सीमा के 100 पुलिस कर्मियों सहित कम से कम 2 सौ भारतीय वहां से निकाले जाने का इंतज़ार कर रहे हैं. सोमवार को करीब 45 लोगों को निकाला गया.
काबुल से राजनयिकों, अधिकारियों और पत्रकारों के दूसरे जत्थे को लेकर भारतीय वायु सेना का विमान C-17 मंगलवार को गुजरात के जामनगर पहुंचा. 24 घंटे की बातचीत के बाद 120 लोगों को भारत वापस लाया गया.
इस तरह वायरल दावा दोनों ही मामलों में झूठा है – न तो तस्वीर हाल की है और न ही भारत सरकार ने काबुल से 800 लोगों को निकाला है.
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