हाल ही संसद के दोनों सदनों में पारित कानून, नागरिकता संशोधन अधिनियम के मद्देनजर, एक तस्वीर सोशल मीडिया में इस दावे के साथ साझा की गई कि यह असम में अवैध प्रवासियों के डिटेंशन कैंप के भीतर की स्थिति दिखलाती है।
13 दिसंबर को फेसबुक पर पोस्ट की गई उपरोक्त तस्वीर, अभी तक 5000 से अधिक बार साझा की जा चुकी है। यह तस्वीर ‘डिटेंशन कैंप (असम)’ कैप्शन के साथ पोस्ट की गई है। नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 से इस कानून के प्रावधान, जो अवैध मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता से योग्यता से वंचित करता है, को लेकर व्यापक रूप से विरोध प्रदर्शन किये जा रहे है, विशेष रूप से पूर्वोत्तर राज्यों में।
तथ्य-जांच
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह तस्वीर हाल की नहीं है। गूगल पर इस तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें डोमिनिकन रिपब्लिक की एक वेबसाइट El Tiempo पर प्रकाशित एक लेख मिला, जिसमें इस तस्वीर का एक क्रॉप किया हुआ संस्करण प्रकाशित किया गया था। यह लेख 15 फरवरी, 2019 को साझा किया था। तस्वीर के साथ दिए गए विवरण के अनुसार, यह कैरिबियन राष्ट्र के ला रोमाना (La Romana) जेल में कैदियों को दर्शाती है।
हमें यह तस्वीर El Tiempo के ही 11 मई, 2018 के एक लेख में भी मिली। उसमें भी बताया गया था कि यह तस्वीर ला रोमाना जेल की है।
यही तस्वीर, डोमिनिकन रिपब्लिक की एक मीडिया कंपनी LosMocanos के फेसबुक पेज पर भी मिली। वहां तस्वीर का इस प्रकार वर्णन किया गया था- “30 कैदियों की अधिकतम क्षमता वाली ला रोमाना की निवारक जेल लेकिन वर्तमान में इसमें 114 कैदी रखे गए। यह उस शहर के प्रांगण/अदालत परिसर में स्थित है।” (अनुवाद) यह पोस्ट 7 अप्रैल, 2019 की है। वहाँ के अन्य मीडिया संगठन Quisqueyano Donde Quiera ने भी यह तस्वीर इसी तारीख को समान कैप्शन के साथ साझा की थी।
ऑल्ट न्यूज़ को जुलाई 2017 में पोस्ट की गई ऐसी ही एक तस्वीर मिली, जिसमें दावा किया गया था कि वह ला रोमाना जेल की है।
Cárcel preventiva de La Romana pic.twitter.com/lmDSwgB23p
— Francisco Albuez (@franciscoalbuez) July 9, 2017
हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ स्वतंत्र रूप से इस तस्वीर की उत्पत्ति का पता नहीं लगा सका, लेकिन यह कम से कम अप्रैल 2018 से ऑनलाइन मौजूद है और रिपोर्टों के अनुसार, डोमिनिकन गणराज्य की ला रोमाना जेल से संबंधित है। इसके अलावा, हमें जेल की ऐसी ही तस्वीरें हमें 2017 में पोस्ट की गयी मिलीं।
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