20 जनवरी को ट्विटर यूज़र अनिल जैकब ने TV9 भारतवर्ष के प्रसारण का एक स्क्रीनशॉट पोस्ट किया, जिसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) की अध्यक्ष आइशी घोष मौजूद हैं। उन्होंने तस्वीर के साथ दावा किया कि घोष के माथे पर लगे चोट के निशान “कुछ ही दिनों में” गायब हो गए। 5 जनवरी को आइशी घोष गंभीर रूप से घायल हो गई थी जब लाठियों और डंडों से लैस नकाबपोश गुंडों ने JNU परिसर में हमला किया था। उस समय, उन्हें एम्स के ट्रोमा सेंटर में भर्ती कराया गया था और उस हमले के कारण उनके सिर पर 16 टांके लगे थे। वीडियो के साथ पोस्ट किए गए सन्देश का निहितार्थ है कि घोष कभी घायल नहीं हुईं, बल्कि गंभीर रूप से घायल होने का नाटक किया है। इस ट्वीट को अब तक 2,100 से अधिक बार रिट्वीट किया जा चूका है।

लेखक भावना अरोरा ने भी यह स्क्रीनग्रैब ट्वीट किया और चुटकी लेते हुए कहा, “वे कहते हैं कि डॉक्टर भगवान हैं…अन्य डॉक्टरों के बारे में नहीं जानती, लेकिन आइशी घोष के डॉक्टर निश्चित रूप से भगवान हैं, केवल भगवान ही ऐसा चमत्कार कर सकते हैं” (अनुवाद)। इस ट्वीट को अब तक 2,700 से अधिक बार रिट्वीट किया गया है।

एक अन्य फेसबुक उपयोगकर्ता ने इसी तरह के दावे के साथ स्क्रीनशॉट साझा किया। 14 जनवरी को पोस्ट किए गए इस सन्देश में लिखा है- “दीपका का आगामी उद्यम “वे 16 टांके” (अनुवाद)। इस लेख को लिखते समय, इस पोस्ट के करीब 1,800 शेयर हो चुके हैं।

ऑल्ट न्यूज़ को अपने आधिकारिक एंड्रॉयड एप्लिकेशन पर भी इसके सत्यापन के लिए अनुरोध मिले हैं।

तथ्य-जांच

स्क्रीनशॉट पर एक करीबी नज़र डालने से पता चलता है कि यह रिपोर्ट तब प्रसारित की गई थी जब JNU प्रशासन ने नवंबर 2019 के मध्य में फीस वृद्धि की आंशिक वापसी की घोषणा की थी। प्रसारण के नीचले हिस्से में एक टिकर दिखाई देता है, जिसमें मेस सिक्योरिटी डिपॉजिट की नई राशि 12,000 रुपये को पहले की राशि 5,500 रुपये किए जाने के बारे में बताया गया है।

इसके अलावा, एक और टिकर – “फीस विवाद” से भी यह संकेत मिलता है कि यह प्रसारण नवंबर का हो सकता है जब यह विवाद अपने चरम पर था।

इस संकेत के साथ ऑल्ट न्यूज़ ने TV9 भारतवर्ष के फेसबुक पेज पर “फीस विवाद” कीवर्ड के साथ खोज की तो 19 नवंबर, 2019 का एक लेख मिला, जिसका शीर्षक था, “फीस विवाद को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में भड़के JNU छात्र संघ नेता।”

हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ इस प्रसारण को खोजने में असमर्थ रहा। हम जिस टाइमलाइन को जांचना चाहते थे, उस समेत, उपरोक्त विवरणों के साथ हमने TV9 भारतवर्ष  के असाइनमेंट डेस्क से सम्पर्क किया। हमारी पूछताछ के जवाब में, डेस्क ने एक ट्वीट का लिंक भेजा, जिसमें 19 नवंबर, 2019 के प्रसारण का एक हिस्सा साझा किया गया था।

इसी प्रसारण के एक स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल घोष के बारे में गलत जानकारी फैलाने के लिए किया गया था। इस वीडियो में 2:29वें मिनट पर, वायरल फ्रेम को देखा जा सकता है, जिसमें JNUSU अध्यक्ष दिखाई देती हैं। यह प्रसारण 19 नवंबर, 2019 को JNUSU द्वारा आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान प्रदर्शनकारियों और मीडिया कर्मियों के बीच हाथापाई के बारे में बताता है।

18 नवंबर को, शीतकालीन सत्र के पहले दिन, JNU के छात्रों ने हॉस्टल शुल्क वृद्धि की पूर्ण वापसी की मांग करते हुए धारा 144 का उल्लंघन करके संसद मार्च किया था। घोष सहित लगभग 100 छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। अगले दिन छात्र संघ द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी। दूसरी ओर, नकाबपोश गुंडों ने 5 जनवरी, 2020 को JNU परिसर में हमला किया था, जबकि TV9 भारतवर्ष के प्रसारण का स्क्रीनशॉट इससे लगभग दो महीने पहले का है।

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