सोशल मीडिया में व्यापक रूप से एक तस्वीर प्रसारित है, जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या में सुन्नी वक्फ बोर्ड को आवंटित पांच एकड़ ज़मीन से हिन्दू देवता हनुमान की एक प्रतिमा मिली है।
While digging five acres of land allotted to Babri masjid they found Lord Hanuman’s idol in the land. It shows Ayodhya is land of Lord Ram
Posted by Kalyanasundharam Annadhanam on Tuesday, 10 December 2019
वायरल सन्देश के अनुसार, “बाबरी मस्जिद को आवंटित की गई ज़मीन की खुदाई के दौरान भगवान हनुमान की एक प्रतिमा मिली है। इससे यह प्रतीत होता है कि अयोध्या भगवान राम की भूमि है।” (अनुवाद) यह समान तस्वीर ट्विटर पर भी पोस्ट की गई है। यह तमिल सन्देश के साथ भी प्रसारित है, “అయోధ్యలో ముస్లీములకు ఇచ్చే 5 ఎకరాల భూమిలో అక్కడ పెద్ద గుంత తవ్వుతుంటే పురాతన మైన హనుమాన్ విగ్రహం బయటపడింది………..ఇప్పుడు ఏం చేస్తారు వేచి చూడాలి జై శ్రీరాం… అంటే అయోధ్య అంతటా శ్రీరామ హనుమాన్ ఆనవాళ్లు”
Jai Shri Ram.🙏🙏
While digging five acres of land allotted to Babri masjid they found Lord Hanuman’s idol in the land. It shows Ayodhya is land of Lord Ram. pic.twitter.com/3S5wYH4Gsn
— Yajathri.U (@yajathri) December 12, 2019
यह व्हाट्सएप पर भी प्रसारित है।
तथ्य जांच: अयोध्या में नहीं मिली है मूर्ति
सोशल मीडिया का दावा गलत है। यह मूर्ति अयोध्या से नहीं बल्कि मध्य-प्रदेश की एक साइट से मिली है। इस तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर, ऑल्ट न्यूज़ को हिंदी मीडिया संगठन पत्रिका के एक लेख में यह तस्वीर मिली। जुलाई 2019 की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि यह मूर्ति मध्यप्रदेश के भोपाल जिले के बरखेड़ा अब्दुल्लाह गांव में मिली थी।
रिपोर्ट में वही तस्वीर दिख रही है जिसे सोशल मीडिया पर अयोध्या में सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को आवंटित की गई ज़मीन पर हनुमान की मूर्ति मिलने के दावे से प्रसारित किया गया है। ऑल्ट न्यूज़ ने इस समान तस्वीर को एक अन्य वेबसाइट, समाचार ऑफ़ इंडिया पर भी पाया। यह रिपोर्ट भी जुलाई 2019 की है। ऑल्ट न्यूज़ ने भोपाल के सीएसपी अयोध्या नगर, सुरेश दामले से बात की, जिन्होंने इस बात की पुष्टि की कि यह मूर्ति वास्तव में जुलाई 2019 में बरखेड़ी अब्दुल्ला गांव में मिली थी।
इस प्रकार यह ध्यान देने योग्य है कि हनुमान प्रतिमा की तस्वीर सोशल मीडिया में “अयोध्या में मस्जिद के लिए सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को आवंटित की गई ज़मीन पर प्रतिमा मिलने” के दावे से शेयर की गई है, वास्तव में यह तस्वीर मध्य प्रदेश के भोपाल जिले में मिली प्रतिमा की है।
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