“मोदी दोबारा PM बना तो थम जाएगा भारत के विकास का पहिया” इस शीर्षक के साथ ई पेपर का एक क्लिप वी सपोर्ट रवीश कुमार नामक फेसबुक पेज ने 4 अक्टूबर, 2018 को पोस्ट किया है जिसे इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक 4800 से ज्यादा बार शेयर किया जा चूका है। इस समाचार रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के शीर्ष उद्योगपति जॉन चैंबर्स ने मोदी के बारे में ऐसा बयान दिया है।

Posted by We Support Ravish Kumar on Thursday, 4 October 2018

इस क्लिप में ध्यान देने वाली कुछ बातें है, जैसे खबर के शीर्षक की भाषा कुछ ऐसी है जो ज्यादातर किसी भी समाचार संगठन द्वारा उपयोग नहीं की जाती। दूसरी बात, इस खबर की शुरुआत में ही लिखा है “अमेरिका के शीर्ष उद्योगपति जॉन चैंबर्स ने कहा है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले संसदीय चुनाव में देश का नेतृत्व करने का मौका नहीं मिला तो भारत का प्रभावशाली और समग्र विकास खतरे में पड़ सकता है।” जो शीर्षक से बिलकुल उलट है। ऑल्ट न्यूज़ ने ऐसी कोई प्रकाशित खबर ढूंढने के लिए गूगल पर कुछ कीवर्ड्स “मोदी पीएम भारत थम जाएगा विकास का पहिया” से खोज की तो जुलाई, 2018 के कई ऐसे लिंक मिले जिसमें इस शीर्षक से मिलती जुलती खबर थी।

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इस खोज से मिली पहली ही लिंक जो 15 जुलाई, 2018 को जागरण ने प्रकाशित की थी उसका शीर्षक कुछ इस प्रकार है, “मोदी दोबारा पीएम नहीं बने तो थम जाएगा भारत के विकास का पहिया: जॉन चैंबर्स”. जागरण का यह लेख और प्रसारित क्लिप में हैडलाइन को छोड़ कर पूरी खबर एक जैसी है। हैडलाइन में भी ‘मोदी दोबारा पीएम नहीं बने’ और ‘मोदी दोबारा PM बना’ इतना को छोड़कर बाकि एक जैसा है। ‘नहीं‘ को प्रसारित क्लिप से हटा कर फेर बदल कर दिया गया है।

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गूगल खोज से मिला तीसरा लिंक BJP लाइव का है जो ट्विटर पर भारतीय जनता पार्टी की आधिकारिक हैंडलों में से एक है। जिसमें असली न्यूज़ पेपर का क्लिप है।

इन दोनों क्लिप को एक साथ रखने पर साफ पता चलता है कि इस खबर के सिर्फ शीर्षक को फोटोशॉप कर बदला गया है।

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दरअसल 12 जुलाई, 2018 को हुए यूएस-इंडिया स्ट्रैटजिक एंड पार्टनरशिप फोरम (यूएसआइएसपीएफ)के वार्षिक लीडरशिप समिट के उद्घाटन के बाद सिस्को के पूर्व एक्जीक्यूटिव चेयरमैन व सीईओ जॉन चैंबर्स से संवाददाताओं ने जब पूछा था कि अगर 2019 में मोदी दोबारा नहीं चुने गए तो क्या स्थिति बनेगी तो उन्होंने अपने जवाब में यह कहा था और इसकी रिपोर्ट उस समय कई मीडिया संस्थानों ने की थी।

पहले भी हमने न्यूज़ पेपर के क्लिप को फोटोशॉप कर फैलाए जाने के उदाहरण देखे हैं। कुछ ही दिन पहले अरविन्द केजरीवाल के नाम से फोटोशॉप की गयी क्लिप प्रसारित की जा रही थी। जुलाई 2017 में, भाजपा सांसद प्रताप सिन्हा ने टाइम्स ऑफ इंडिया के लेख को बदले हुए शीर्षक के साथ ट्वीट किया था। जून में एक अन्य फर्जी ई-पेपर क्लिप को हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रोहित वेमुला के नाम से प्रसारित किया गया था। सोशल मीडिया यूजर्स को ऐसी कोई भी खबर से सम्बंधित ई पेपर क्लिप देखने को मिले तो उस खबर से कुछ की वर्ड्स लेकर गूगल से क्रॉस वेरीफाई कर लेना चाहिए। ई-पेपर वाले अधिकांश मीडिया संस्थानों की रिपोर्ट के ऑनलाइन संस्करण होते हैं और यदि खबर वास्तविक होगी तो ये गूगल पर एक आसान सी खोज से दिख जायेंगे।

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