भारत में 3 मई को ईद-उल-फितर मनाए जाने के दिन कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने एक वीडियो शेयर किया. वीडियो में कुछ लड़के “मज़हब-ए-इस्लाम” सहित इस्लामी नारे लगा रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि राजस्थान के झालावाड़ ज़िले के आवर इलाके में लिए गए इस वीडियो में “पाकिस्तान समर्थक” के नारे भी सुने जा सकते हैं. यूज़र्स ने वीडियो में दिख रहे लोगों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है.

इस आर्टिकल के लिखे जाने तक कई यूज़र्स ने अपने पोस्ट डिलीट कर लिए हैं. शेयर करने वालों की लिस्ट में ट्विटर यूज़र @hritikvyas8 भी शामिल हैं जिनके ट्वीट को सबसे ज़्यादा लाइक्स और रिट्वीट मिले थे. @hritikvyas8 ने राजस्थान पुलिस, झालावाड़ पुलिस और कई बीजेपी सदस्यों को टैग किया था.

ट्विटर और फ़ेसबुक पर भी कई यूज़र्स ने ये वीडियो शेयर करते हुए यही दावा किया है.

वीडियो-वेरिफ़िकेशन

वीडियो में कई लोगों को नारेबाज़ी करते हुए सुना जा सकता है. फ़ोन के सबसे पास वाला व्यक्ति वीडियो रिकॉर्ड करते हुए शुरुआत में “ज़िंदाबाद ज़िंदाबाद, मजहब-ए-इस्लाम” का नारा लगाता है. इसके ठीक बाद, दूसरे लोग “अल्लाह-ओ-अकबर” कहते हैं. फ़ोन के सबसे पास खड़ा शख्स अलग-अगल टाइम फ़्रेम पर ये नारे लगा रहा है:

  • 6 सेकंड से 15 सेकंड तक – “नारा-ए-तकबीर, अल्लाह-ओ-अकबर”
  • 16 से 22 सेकेंड – “ज़िंदाबाद ज़िंदाबाद, मज़हब-ए-इस्लाम ज़िंदाबाद”
  • 23 सेकेंड से 30 सेकेंड तक – “देखो हमारे नबी की शान, बच्चा बचा है कुर्बान”

@hritikvyas8 के ट्वीट पर जवाब देते हुए झालावाड़ पुलिस ने बताया कि इस मामले में जांच की जा रही है.

4 मई को ऑल्ट न्यूज़ ने झालावाड़ के SP कार्यालय और साइबर सेल के एक अधिकारी से संपर्क किया. उन्होंने स्थिति पर कोई अपडेट नहीं दी. रिसर्च के दौरान ऑल्ट न्यूज़ को इमरान रंगरेज नाम के एक लॉ स्टूडेंट का ट्वीट मिला. उन्होंने लिखा, “मज़हब-ए-इस्लाम ज़िंदाबाद के नारे को पाकिस्तान ज़िंदाबाद का नारा बताकर मनगढ़ंत अफ़वाह फैलाई जा रही है.” उन्होंने आवर के एक स्थानीय निवासी से हमारा संपर्क कराया जिन्हें इस घटना के बारे में पुख्ता जानकारी थी.

नाम न छापने की शर्त पर स्थानीय निवासी ने हमें बताया, “मुझे इस बात पर काफी आश्चर्य हुआ कि फ़र्ज़ी ख़बर फैलाने वाले व्यक्ति को पुलिस ने रिहा कर दिया. जबकि वीडियो में पहचाने गए दो मुस्लिम व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है. हमें उम्मीद है कि उन्हें जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा.” 5 मई तक उन्हें रिहा नहीं किया गया है.

उन्होंने इस घटना पर पत्रिका की एक रिपोर्ट शेयर की जिसकी हेडलाइन थी. ‘ईद के जुलूस में देश विरोधी नारे लगाने का वीडियो वायरल.’ रिपोर्ट के मुताबिक, घटना आवार-पगड़िया इलाके की है.

पत्रिका की हेडलाइन भ्रामक है. क्योंकि आर्टिकल में लिखा है, “वायरल वीडियो को जांच के लिए साइबर सेल को भेजा गया था. कोई राष्ट्र विरोधी नारेबाज़ी की बात साबित नहीं हुई.”

रिपोर्ट में झालावाड़ के गुरड़िया गांव के सरपंच गोविंद सिंह चौहान का एक बयान भी शामिल है. उन्होंने कहा, “वीडियो वायरल होने के बाद कुछ ग़लतफहमी हुई थी. पुलिस की जांच के बाद स्थानीय लोगों ने मामले को सुलझाया.”

पगरिया के SHO रामप्रसाद ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “वीडियो में, कोई राष्ट्र विरोधी नारे नहीं सुने जा सकते. क्यूंकि स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी, इसलिए हमने दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 में धारा 151 [संज्ञेय अपराधों को रोकने के लिए गिरफ़्तारी] के तहत दो मुस्लिम युवकों को हिरासत में लिया.”

कुल मिलाकर, मुस्लिम समुदाय के सदस्यों द्वारा इस्लामी नारे लगाने का एक और वीडियो इस झूठे दावे के साथ शेयर किया गया कि वे पाकिस्तान समर्थक नारे लगा रहे थे.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.