सोशल मीडिया पर केरल में हुए विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो वायरल है. दावा किया जा रहा है कि वीडियो में मुसलमान अलाप्पुझा के नए “ब्राह्मण” ज़िला कलेक्टर की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं. ये वीडियो इस दावे के साथ भी वायरल है कि ये विरोध प्रदर्शन केरल के अलेप्पी में किया गया था.

राईट-विंग हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी इंदु मक्कल काची ने ये वीडियो को इस कैप्शन के साथ शेयर किया, “अलेप्पी केरल में कल, मुसलमानों ने नए ब्राह्मण IAS कलेक्टर का विरोध करते हुए एक जुलूस निकाला. MSM ने चालाकी से घटना से पल्ला झाड़ते हुए ABVP कर्नाटक को ज़िम्मेदार बताने की कोशिश की.” (आर्काइव्ड लिंक) इस ट्वीट को लगभग 7,500 से ज़्यादा लाइक्स और 5 हज़ार रीट्वीट मिले हैं.

RSS के मुखपत्र ऑर्गनाइज़र वीकली ने भी इसी दावे के साथ ये वीडियो पोस्ट किया. इसे लगभग 3 हज़ार लाइक्स मिले. (आर्काइव्ड लिंक)

ट्विटर यूज़र @Indian_Analyzer ने भी ये वीडियो ट्वीट किया. (आर्काइव्ड लिंक)

बिना कोई दावा किए भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने इस विरोध के बारे में ट्वीट करते हुए कहा, “ये राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए खतरा है…” (आर्काइव्ड लिंक)

फ़ेसबुक पेज ‘योगी आदित्यनाथ द फ्यूचर पीएम ऑफ़ इंडिया’ ने विरोध की एक तस्वीर इस दावे के साथ पोस्ट की कि ये लोग अलाप्पुझा के कलेक्टर के रूप में एक हिंदू IAS की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं.

फ़ैक्ट-चेक

वीडियो पर ऐसे कई कमेंट्स किए गए हैं जिनमें कहा गया कि वीडियो में दिख रही जगह मलप्पुरम है न कि एलेप्पी. कमेंट्स में ये भी ज़िक्र किया गया है कि विरोध प्रदर्शन IAS अधिकारी श्रीराम वेंकटरमन की अलाप्पुझा ज़िला कलेक्टर के रूप में नियुक्ति के खिलाफ़ किया गया था. क्योंकि कथित तौर पर उनपर नशे में ड्राइविंग करने का आरोप था जिसके कारण एक सड़क दुर्घटना भी हुई थी. दुर्घटना में एक पत्रकार की मौत हो गई थी. इस मामले में किसी भी तरह के सांप्रदायिक ऐंगल से इंकार किया गया था.

आगे जांच करते हुए हमें 08 जून 2020 की द हिंदू की रिपोर्ट मिली. इसमें बताया गया था कि श्रीराम वेंकटरमन को शराब के नशे में लापरवाही से गाड़ी चलाने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. इस घटना में पत्रकार K.M. बशीर की मौत हो गई थी. उन पर IPC की धारा 279 (रैश ड्राइविंग) और 304 (गैर इरादतन हत्या की सजा) के तहत आरोप लगाया गया था. बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी.

वीडियो पर किये कमेंट्स से हमें पता चला कि ये जगह मलप्पुरम है. ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल क्लिप में दिखाई देने वाले जगह को जिओलोकेट किया. वीडियो के एक स्क्रीनग्रैब में ब्यूटी स्पॉट नामक दुकान का पोस्टर दिखता है जिसके एड्रेस में “अप-हिल, मलप्पुरम” लिखा है.

वीडियो में “पॉली डेंटल क्लिनिक” और “सिंधु स्टूडियो” के साइनबोर्ड भी दिखते हैं.

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ये दोनों जगह करीब 2 मीटर की दूरी के अंतर पर मलप्पुरम में मौजूद हैं. इस तरह साफ़ हो जाता है कि ये वीडियो मलप्पुरम का है न कि एलेप्पी का.

ऑल्ट न्यूज़ ने केरल मुस्लिम जमात के मलप्पुरम ज़िला समिति से संपर्क किया. महासचिव श्री पी.एम. मुस्तफा ने कहा, “मलप्पुरम के ज़िला कलेक्टर 2 साल पहले हुई एक दुर्घटना में पत्रकार के मौत के आरोपी हैं. केरल के 14 ज़िलों में एक साथ विरोध प्रदर्शन हुआ था. लेकिन वायरल वीडियो मलप्पुरम का है. मैंने पुलिस अधीक्षक को लेटर लिखकर वायरल वीडियो को वापस लेने के लिए रिक्वेस्ट की है क्योंकि ये झूठ है और नफ़रत फैलाने के लिए वायरल किया गया है.”

इसके अलावा, ऑल्ट न्यूज़ को मलप्पुरम में किये गए इस विरोध की कुछ रिपोर्ट्स मिलीं. द हिंदू की 30 जुलाई की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल मुस्लिम जमात और अन्य संगठनों ने 30 जुलाई को अलाप्पुझा के ज़िला कलेक्टर के रूप में श्रीराम वेंकटरमन की नियुक्ति के खिलाफ़ एक विरोध रैली निकाली थी. श्रीराम वेंकटरमन द्वारा 2 साल पहले शराब पीकर गाड़ी चलाने से संबंधित कार दुर्घटना में वेंकटरमन पत्रकार K.M. बशीर की मौत हो गई थी. इन आरोपों के कारण प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि नियुक्ति को रद्द कर दिया जाए. कार्यक्रम की अध्यक्षता मुस्लिम जमात के ज़िला अध्यक्ष कुट्टंबरा अब्दुर्रहमान दरीमी ने की. कार्यक्रम में ज़िला नेता पी. सैदालवी चेंगारा, पी.एम. मुस्तफा कोदुर, सी.के. हसैनार सकाफी, अब्दुरजाक सकाफी और बशीर के भाई K.M. अब्दुर्रहमान ने भाषण दिया.

इस संबंध में कई और विरोध प्रदर्शन भी हुए थे. कांग्रेस पार्टी ने भी अलाप्पुझा के ज़िला कलेक्टर के रूप में श्रीराम वेंकटरमन की नियुक्ति का विरोध किया. ज़िला कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित प्रदर्शनकारियों ने ज़िला कलेक्ट्रेट के सामने धरना दिया. अलाप्पुझा में केरल यूनियन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के नेतृत्व में वेंकटरमण को वापस लेने की मांग को लेकर एक और विरोध प्रदर्शन किया गया.

इन विरोधों के बाद, राज्य सरकार ने IAS अधिकारी श्रीराम वेंकटरमन को ज़िला कलेक्टर, अलाप्पुझा के पद से हटा दिया. सरकार ने अलाप्पुझा के नए कलेक्टर के रूप में वर्तमान में अनुसूचित जाति विकास विभाग के निदेशक वी.आर.के. तेजा मायलावरापु को नामांकित किया. नामांकित व्यक्ति भी एक हिंदू हैं और इन्हें किसी भी विरोध का सामना नहीं करना पड़ा है. इससे ये साबित होता है कि विरोध का कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं था.

कुल मिलाकर, मलप्पुरम में केरल मुस्लिम जमात और अन्य संगठनों के नेतृत्व में हुए विरोध का वीडियो झूठे सांप्रदायिक ऐंगल के साथ शेयर किया गया. और ग़लत दावा किया गया कि ये विरोध एलेप्पी में हुआ था.

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.