सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें पंजाब के भाखड़ा नहर में दवाइयां और इन्जेक्शन की शीशियां बहती हुई दिख रही हैं. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए पंजाब सरकार को काफ़ी भला-बुरा कहा. उन्होंने ट्वीट में लिखा, “आदरणीय पंजाब के मुख्यमंत्री, ये नफ़रत से भरा और आपराधिक है कि जब पंजाब में मरीज़ ज़रूरी दवाइयों के लिए संघर्ष कर रहे हों, तब रेमडेसिविर इन्जेक्शन की हज़ारों शीशियां भाखड़ा नहर में बहा दी गयीं! इस आपराधिक घटना के लिए कौन ज़िम्मेदार है? पंजाब सरकार चुप क्यों है?”. आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 32 हज़ार से ज़्यादा बार देखा और 1,600 बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव लिंक)

भाजपा पंजाब और भाजपा राजस्थान भी पंजाब सरकार की आलोचना कर रही है. वो ये वीडियो शेयर करते हुए कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के स्क्रीनशॉट्स भी शेयर कर रही हैं. इनमें से एक मीडिया रिपोर्ट में राजस्थान सरकार के पंजाब को 10 हज़ार डोज़ भेजने की खबर है जबकि दूसरे स्क्रीनशॉट में भाखड़ा नहर में दवा बहती हुई देखे जाने की खबर दिख रही है.

फ़ेसबुक यूज़र रविकांत पाण्डेय ने ये वीडियो केंद्र सरकार के खिलाफ़ षडयंत्र का हिस्सा बताते हुए फ़ेसबुक ग्रुप ‘पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठा’ में पोस्ट किया है. पोस्ट के मुताबिक, “ये होता है षड्यंत्र , चीन पापिस्तान के टुकड़ों पर पलनें वालें नेताओं + फर्जी किसान आंदोलन करनें वालों नें रातों रात साजिश करकें लाखों करोड़ो रू में खरीदकर रेमडीसीवर दवाई मरीजों तक ना पहुंचाकर पंजाब की नहरों मे बहा दी , जिस से मरीज की अकाल मृत्यु हो और सरकार की बदनामी हो”.

ये वीडियो व्हाट्सऐप पर भी इसी मेसेज के साथ वायरल है.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि ये वीडियो पंजाब की भाखड़ा नहर का ही है. लेकिन ड्रग कंट्रोल ऑफ़िसर ने इन दवाइयों को फ़र्ज़ी बताया है. 6 मई 2021 की द ट्रिब्यून की रिपोर्ट में बताया गया है कि भाखड़ा नहर में कम से कम 621 फ़र्ज़ी रेमडेसिविर की शीशियां फेंकी गई थीं. चमकौर साहिब के DSP के नेतृत्व में काम कर रही पुलिस टीम ने रेमडेसिविर के अलावा, सैकड़ों सेफ़ोपेराज़ोन इन्जेक्शन की शीशियां भी बरामद कीं. इस टीम के साथ स्वास्थ्य अधिकारी भी मौजूद थे.

द ट्रिब्यून ने लिखा है, “कुल मिलाकर, 2 जगहों से 621 रेमडेसिविर और 1,456 सेफ़ोपेराज़ोन की शीशियां जब्त की गई हैं. इसके अलावा, बिना लेबल की 849 शीशियां भी बरामद की गई हैं. ड्रग कंट्रोल ऑफ़िसर तेजिंदर सिंह ने बताया कि प्रथमदृष्टया ये दवाइयां फ़र्ज़ी दिख रही है क्योंकि इनके लेबल असली दवाई से मैच नहीं कररहे हैं.”

ऑल्ट न्यूज़ ने रोपड़ के SSP अखिल चौधरी से संपर्क किया. उन्होंने बताया, “दवाइयों के मिलने पर जांच शुरू कर दी गई है. FIR भी दर्ज की जा चुकी है. हम इस मामले के सभी पहलुओं पर जांच कर रहे हैं. हमारे पास कुछ लीड्स हैं लेकिन उनमें अभी तक कोई सफ़लता नहीं मिली है. एसपी रैंक के ऑफ़िसर के नेतृत्व में गठित टीम इस मामले की जांच कर रही है.”

रेमडेसिविर इन्जेक्शन के फ़र्ज़ी होने के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया, “ड्रग कंट्रोल ऑफ़िसर के मुताबिक, नहर में मिली शीशियों के लेबल असली शीशियों से मैच नहीं करते हैं. इस कारण ये शीशियां फ़र्ज़ी हो सकती है.”

26 अप्रैल को दिल्ली पुलिस की क्राइम DCP मोनिका भारद्वाज ने रेमडेसिविर के असली और नकली लेबल के बीच का फ़र्क दिखाने वाली तस्वीरें ट्वीट की थीं.

इसके अलावा, हमें भाखड़ा नहर से मिली शीशियों पर कुछ गड़बड़ी दिखी. जैसे, लेबल पर Remdesivir से पहले ‘Rx’ नहीं लिखा हुआ है, टेक्स्ट में भी कोई समानता नहीं दिख रही है. इसके अलावा, ‘Vial’ शब्द का ‘v’ कैपिटल में नहीं है.

हैदराबाद की हेटरो कंपनी द्वारा बनाये गए असली रेमडेसिविर इन्जेक्शन के लेबल की तस्वीर नीचे दी गई है.

गौर करें कि भाजपा राजस्थान द्वारा शेयर की गई न्यूज़ 18 की रिपोर्ट बाद में अपडेट की गई है. पहले इस रिपोर्ट का टाइटल था – “पंजाब: नहर में बहते मिले हजारों रेमडेसिवीर इजेक्‍शन, डिब्‍बे पर लिखा था फॉर गवर्नमेंट सप्लाई, नॉट फॉर सेल”. बाद में अपडेट कर इस आर्टिकल का टाइटल लिखा गया – “पंजाब: नहर में बहते मिले रेमडेसिविर इंजेक्शन, जांच में पाए गए नकली, पुलिस ने दर्ज किया केस”.

ऑल्ट न्यूज़ ने लेबल के बारे में जानने के लिए ड्रग बनाने वाली कंपनी से भी संपर्क किया था. उनकी ओर से कोई भी जवाब आने पर इस आर्टिकल को अपडेट किया जाएगा.

फ़िलहाल, ड्रग कंट्रोल ऑफ़िसर ने इन शीशियों को फ़र्ज़ी बताया है. इसके अलावा, भाखड़ा नहर से बरामद की गई शीशियों के लेबल फ़र्ज़ी दवाइयों से मैच भी करते हैं.


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Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.