दक्षिण बेंगलुरु से सांसद तेजस्वी सूर्या 4 मई की दोपहर को ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) साउथ ज़ोन के कोविड वॉर रूम में पहुंचे. उन्होंने आरोप लगाया कि यहां काम कर रहे 16 लोग रिश्वत लेकर बेड मुहैया करने के घोटाले में शामिल हैं. उन्होंने घोटाला करने वाले जिन-जिन लोगों का नाम लिया वो सभी मुस्लिम समुदाय से आते हैं. तेजस्वी सूर्या ने दावा किया कि उनके पास इन लोगों के खिलाफ़ सबूत भी हैं. द हिन्दू ने 5 मई को रिपोर्ट किया कि इस सूची में नामित अधिकतर लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया.

ये पूरा वाकया भाजपा नेता के सोशल मीडिया अकाउंट पर लाइव दिखाया गया. उनके साथ उनके चाचा और बसवानागुड़ी के विधायक रवि सुब्रमन्या, चिकपेट के विधायक उदय गरुड़ाचार और बोम्मनहल्ली के विधायक सतीश रेड्डी भी मौजूद थे.

सूर्या मीडिया को संबोंधित करते हुए 11 मिनट 59 सेकंड के आगे लिस्ट में लिखे 16 लोगों के नाम लेकर स्पेशल कमिश्नर तुलसी मेड्डीनेनी से सवाल कर रहे हैं, “आपको निगम के लिए नियुक्त किया गया है या मदरसे के लिए?… कौन हैं ये लोग? किस एजेंसी के लोग हैं.” यही हिस्सा व्हाट्सऐप पर वायरल हो रहा है.

16 मुस्लिमों को व्हाट्सऐप फ़ॉरवर्ड्स में आतंकी बता दिया गया

कुछ ही घंटों में पूरे मौके का सिर्फ़ वो हिस्सा जिसमें नाम लिया जा रहा है, व्हाट्सऐप पर आग की तरह फैल गया. यही नहीं, इन 16 लोगों को आतंकी बताते हुए मेसेज शेयर किया जा रहा है.

वायरल टेक्स्ट:  ಆಸ್ಪತ್ರೆಗಳಲ್ಲಿ ರಾತ್ರೋರಾತ್ರಿ ಬಿಬಿಎಂಪಿಯಿಂದ ಬೆಡ್ ಬುಕ್ಕಿಂಗ್ ದಂದೆ: ಇದು ಭ್ರಷ್ಟಾಚಾರ ಅಲ್ಲ, ಸೋಂಕಿತರ ಹತ್ಯೆ ಏನು ಮಾಫಿಯಾ ಇದು. Helpline ಗೆ appoint ಆಗಿರುವ 17 ಜನರ ಹೆಸರು ಕೇಳಿ,,, ಇವರ್ಯಾರೂ MLA, MP ಗಳ ಫೋನ್ ಎತ್ತಲೂ ಸಮಯ ಇಲ್ಲದವರು..ಕಾನೂನು ವ್ಯವಸ್ಥೆ ಅಂತ ಏನಾದ್ರೂ ಇದೆಯಾ?? List of terrorists working in BBMP WAR ROOM killing thousands of Bengalurians.

महामारी के खिलाफ़ लड़ने के लिए कई राज्यों ने 24×7 कॉल सेंटर्स खोले हैं जो लोगों को संक्रमण के लक्षणों पर मेडिकल सलाह से लेकर हॉस्पिटल में बेड बुकिंग आदि में मदद के लिए कार्यरत हैं. पिछले हफ़्ते द हिन्दू ने रिपोर्ट किया था कि BBMP कोविड-19 हेल्पलाइन (1912) की संख्या बढ़कर 400 हो चुकी हैं और शहर के करीब 3,000 लोग रोज़ाना मदद मांगते हैं. BBMP चीफ़ कमिश्नर गौरव गुप्ता ने द हिन्दू को बताया था कि ये हेल्पलाइन नंबर ज़ोनल वॉर रूम से कनेक्ट किये हुए हैं.

ऑल्ट न्यूज़ को साउथ BBMP कोविड वॉर रूम के सभी कर्मचारियों की सूची प्राप्त हुई. इस सूची में 205 कर्मचारियों के नाम हैं और साथ में उनके मोबाइल नंबर, शिफ़्ट का प्रकार, जॉइनिंग की तारीख और टीम का नाम भी लिखा है.

वायरल व्हाट्सऐप मेसेज में जो नाम हैं, वो नीचे सूचित किये गये हैं और साथ ही उनके काम से जुड़ी जानकरी लिखी है. लेकिन उनकी निजता का ध्यान रखते हुए ये नाम हमने छिपा लिए हैं. इनमें से एक नाम छोड़ कर सभी BBMP के कर्मचारियों की सूची में हैं. इनमें से अधिकतर लोग अप्रैल के आखिरी हफ़्ते में ही नियुक्त किये गये थे.

स्पेशल कमिश्नर तुलसी मेड्डीनेनी ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “बाकियों की तरह ये 16 लोग भी हायर करने वाली थर्ड पार्टी के ज़रिये योग्यता के अनुसार ही नियुक्त किये गये थे. BBMP प्रत्यक्ष तौर से नियुक्ति में भूमिका नहीं निभाता है.” द न्यूज़ मिनट (TNM) ने 6 मई को रिपोर्ट किया था जिस भर्ती करने वाली एजेंसी पर सवाल खड़े हो रहे हैं उसका नाम क्रिस्टल इन्फ़ोसिस्टम है.

हमने क्रिस्टल इन्फ़ोसिस्टमके प्रोजेक्ट मैनेजर शिवू नाईक से संपर्क किया और उन्होंने हमें बताया, “16 लोगों में से 11 को 4 मई को हिरासत में लिया गया था और 5 मई की सुबह तक पुलिस थाने में ही रखा गया था.” उन्होंने हमें ये भी बताया कि साउथ BBPM कोविड वॉर रूम की सूची में इन 16 कर्मचारियों में से जिसका नाम नहीं है वो वहां का पुराना कर्मचारी है.

वहीं, DCP हरीश पांडे ने 16 लोगों को हिरासत में लिए जाने वाली बात से साफ़ इनकार किया है. उन्होंने कहा, “वर्तमान में जो जांच चल रही है, ये 16 नाम उससे जुड़े नहीं है. ये मामला शहर की क्राइम ब्रांच को सौंपा जा चुका है. तेजस्वी सूर्या द्वारा बताये गये किसी भी व्यक्ति को हिरासत में नहीं लिया गया.” इसके उलट, द न्यूज़ मिनट के मुताबिक इसके रिपोर्टर उन लोगों से मिले थे जब उन्हें 5 मई को जयानगर पुलिस स्टेशन से छोड़ा जा रहा था. इसके बावजूद जॉइंट कमिश्नर ऑफ़ पुलिस (क्राइम) ने हिरासत में लेने या समन भेजने से साफ़ इनकार किया.

एक पीड़ित ने कहा कि कुछ लोग वाकई हिरासत में लिए गये थे

ऑल्ट न्यूज़ ने उन सभी 16 लोगों से बात करने की कोशिश की जिनका तेजस्वी सूर्या ने नाम लिया था. इनमें से केवल एक ही, और वो भी नाम न बताने की शर्त पर हमसे बात करने के लिए तैयार हुआ. उसने कहा, “तेजस्वी सूर्या के मीडिया को संबोधित किये जाने के ठीक बाद हम सभी को निकाल दिया गया. जब मैंने अपने मैनेजर से जवाब मांगा तो उन्होंने कहा कि उनपर सांसद का दबाव है. मुझे यकीन नहीं हो रहा ये सब मेरे साथ क्यों हो रहा है, मेरे घर में एक ही कमाने वाला है.”

हमने मैनेजर से भी बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कुछ बोलने से इनकार कर दिया. वहीं क्रिस्टल इन्फ़ोसिस्टम के प्रोजेक्ट मैनेजर शिवू नाइक का कहना है कि 16 में से किसी भी व्यक्ति को नहीं निकाला गया है. उन्होंने कहा कि इन लोगों को पुलिस की जांच तक सस्पेंड किया गया है.

DCP के बयान से उलट हमारे सूत्र ने हमें बताया, “रात की शिफ़्ट में काम करने वाले कुछ लोगों को 5 मई को हिरासत में लेकर जयानगर पुलिस स्टेशन ले जाया गया था. हम में से बाकी लोग खुद पुलिस स्टेशन गए और उनसे अपने कॉल रिकॉर्ड और बैंक रिकॉर्ड चेक करने को कहा ताकि उन्हें पता चले कि हम लोग निर्दोष हैं. हमने वायरल हो रहे व्हाट्सऐप टेक्स्ट का मुद्दा भी उठाया जिसमें हमें आतंकी बताया जा रहा है, लेकिन किसी ने नहीं सुनी. दोपहर 3 बजे हमें मालूम पड़ा कि जहां काम करते हैं वहां प्रदर्शन हो रहा है, तो हम सब वहीं पहुंचे.”

पीड़ित ने आगे कहा, “जब हम वहां पहुंचे तो पत्रकारों ने हमारा बयान लिया. लेकिन जब हमने प्रदर्शन में जाने की कोशिश की तो BBMP अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने हमें रोका और कहा कि अगर हम इसमें शामिल हुए तो जेल जाना पड़ सकता है.”

हमने उससे BBMP में नौकरी के बारे में अपडेट आने के बारे में पूछा तो उसने कहा, “अभी कुछ नहीं पता है. और जिस तरह से हम लोगों के साथ बर्ताव किया गया है, वहां दोबारा काम करने की इच्छा नहीं हो रही है. मैं दूसरी जगह काम ढूंढ रहा हूं.”

तेजस्वी सूर्या ने ग़लत दावा किया कि BBMP वेबसाइट पर एक भी बेड खाली नहीं दिख रहा था 

4 मई को प्रेस से बात करने के बाद तेजस्वी सूर्या ने ट्वीट करते हुए दावा किया कि उनके संज्ञान लेने के बाद BBMP वेबसाइट पर 1504 बेड खाली दिखाए जा रहे हैं जबकि पहले वहां एक भी खाली बेड नहीं दिखाया जा रहा था.

पाठक गौर करें कि ये 1504 बेड्स सरकारी मेडिकल कॉलेजों, सरकारी अस्पतालों, प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों और प्राइवेट अस्पतालों में खाली बेड्स को जोड़कर दी गयी संख्या है.

BBMP की वेबसाइट के 28 अप्रैल, 29 अप्रैल, 2 मई और 3 मई के पेज का आर्काइव देखने पर पता चलता है कि इन तारीख़ों को क्रमशः 1716, 1837, 1180, और 1506 खाली बेड्स दिखाई दे रहे थे. तेजस्वी सूर्या ने झूठ बोला कि उनके BBMP में संज्ञान लेने के बाद वेबसाइट पर खाली बेड्स नज़र आ रहे हैं.

यही नहीं, उनके BBMP में जाने से पहले ही वहां के कमिश्नर गौरव गुप्ता ने ट्वीट कर बताया था कि 11 बजे के करीब 2,000 के आस-पास बेड्स खाली थे.

ऑल्ट न्यूज़ ने BBMP में सूचित बेड्स की जानकारी जुटाई और पाया कि बेड्स को जनरल, हाई डिपेंडेंसी यूनिट्स (HDU), इंटेंसिव केयर यूनिट्स (ICU) और ICU+ वेंटिलेटर की श्रेणी के तहत दिया जाता है. 80 फीसदी से ज्यादा बेड्स जनरल केटेगरी के हैं और बाकी के विशेष ज़रूरतों के मुताबिक और कोरोना की दूसरी लहर में इन्ही मांग ज़्यादा है. तेजस्वी सूर्या के तथाकथित संज्ञान लेने से ग़ैर-जनरल बेड्स की उपलब्धता पर कोई असर नहीं हुआ है.

नीचे स्क्रीनशॉट में देख सकते हैं कि 7 मई को इन सभी श्रेणियों में एक भी बेड खाली नहीं दिख रहा. ऐसा मामलों की संख्या में तेज़ी आने के कारण हो सकता है.

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BBMP बेड स्कैम क्या है- संक्षेप में समझें

बेंगलुरु मिरर ने 1 मई को दो रिपोर्ट्स छापीं – एजेंट 420 और खादी इज़ अर्निंग इट्स बेड ऐंड बटर. इनमें खुलासा किया गया कि मरीज़ों को BBMP के पास मदद के लिए जाने पर क्या क्या झेलना पड़ा. कई मरीज़ों को प्राइवेट अस्पतालों में बेड्स दिए गये और मोटी रकम वसूली गयी.

एक वरिष्ठ नगर निगम अधिकारी ने द हिन्दू से बात करते हुए कहा, “अबतक जो सामने आया है उससे पता चलता है कि बेड्स मुहैया करने में घपला किया जा रहा है और ICU और ऑक्सीजन वाले बेड्स की कमी की आड़ में कुछ लोग इसे पैसा बनाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन ये इतने बड़े स्तर पर नहीं है (जैसा तेजस्वी सूर्य ने दिखाया).”

जॉइंट कमिश्नर ऑफ़ पुलिस (क्राइम) संदीप पाटिल ने 5 मई को द न्यूज़ मिनट से बताया कि इस मामले में चार आरोपी हैं- रिहान, शशि, रोहित और नेत्रवती. पुलिस ने तेजस्वी सूर्या के आरोप लगाये जाने के बाद पड़ताल शुरू की. पाटिल ने बताया कि उन्हें दो लोगों द्वारा किये गये भुगतान का सबूत भी मिला है.

द हिन्दू ने रिपोर्ट किया कि पुलिस ने स्टिंग ऑपरेशन किया था और नेत्रवती (40) और रोहित कुमार (22) रंगे हाथों पकड़े गये थे. पुलिस ने कोरोना मरीज़ के परिजन बनकर दोनों से बेड्स के लिए संपर्क किया. साउथ बेंगलुरु DCP हरीश पांडे ने मीडिया को बताया, “वो मरीज़ की आर्थिक स्थिति देखते हुए 20 हज़ार रुपये से 40 हज़ार रुपये के बीच रकम मांगते थे और बेड दिलवाते थे.”

BBMP जॉइंट कमिश्नर सरफ़राज़ खान ने उनका नाम घसीटे जाने पर मामला दर्ज करवाया 

जो मेसेज 16 लोगों को बदनाम करने के मकसद से वायरल हुआ, उसमें जॉइंट कमिश्नर सरफ़राज़ खान का नाम भी लिखते हुए कहा गया कि उन्हें इसका जवाब देना पड़ेगा कि मुस्लिम समुदाय के 16 लोगों को क्यों भर्ती किया गया.

उन्होंने फ़ेसबुक पर इसके प्रति चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा कि BBMP में उनका काम वेस्ट मैनेजमेंट का है न कि कोविड वॉर रूम का. द न्यूज़ मिनट ने रिपोर्ट किया कि उन्होंने इस मामले में उनका नाम घसीटे जाने के खिलाफ़ मामला भी दर्ज करवाया है.

कुछ मीडिया आउटलेट्स सूर्या की साम्प्रदायिक हरकत पर भी वाहवाही करने में पीछे नहीं हटे 

न्यूज़X, रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ ने तेजस्वी सूर्या द्वारा BBMP बेड स्कैम का खुलासा करने के लिए खूब वाहवाही की. लेकिन किसी ने भी सूर्या से उन 16 मुस्लिम व्यक्तियों के खिलाफ़ जुड़े सबूत पर कोई सवाल नहीं किया.

तेजस्वी सूर्या 5 मई को साउथ बेंगलुरु कोविड वॉर रूम दोबारा पहुंचे. BBMP स्टाफ़ ने बताया कि उन्होंने माफ़ी मांगी और सफ़ाई दी कि उन्हें जो लिस्ट पकड़ाई गयी वो वही दोहरा रहे थे. वहीं तेजस्वी सूर्या के ऑफ़िस से बयान आया कि उन्होंने कोई माफ़ी नहीं मांगी है.

लेकिन उनकी हरकत से लोगों को जो खामियाजा भुगतना पड़ा, उनकी माफ़ी (जिसके बारे में भी ये साफ़ नहीं है कि उन्होंने माफ़ी मांगी भी है या नहीं) उसकी भरपाई नहीं कर सकती है. द हिन्दू को एक स्टाफ़ ने बताया कि आपातकाल वाले कॉल्स का जवाब देना अब मुश्किल हो चुका है. उन्होंने कहा, “अगर हम कहते हैं कि ICU बेड्स खाली नहीं है तो लोग हमसे हमारा धर्म पूछने लगते हैं. कुछ लोग पैसे देने की बात करते हैं तो कुछ लोग गाली बकने लगते हैं.”

एक वरिष्ठ नगर निगम अधिकारी ने भी बताया कि कुछ कर्मचारियों ने काम पर आना ही छोड़ दिया है तो किसी ने काम ही छोड़ दिया है. साउथ ज़ोन वॉर रूम में एक दिन 40% स्टाफ़ काम पर नहीं आया. टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट में कहा गया कि तेजस्वी सूर्या ने ऐसा इसलिए किया होगा ताकि भाजपा विधायक सतीश रेड्डी पर से लोगों का ध्यान हटाया जाए. बता दें कि सतीश रेड्डी ने बोम्मनहल्ली वॉर रूम में तथाकथित तौर से उन मरीज़ों के लिए भी बेड्स ब्लॉक करवाए थे जिन्हें बेड्स की ज़रूरत नहीं थी. साउथ BBMP में सूर्या के साथ सतीश रेड्डी भी पहुंचे थे. हालांकि उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है.


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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.