रेल जिहाद: पटरी की फिशप्लेट खोलते पकड़ा गया मुस्लिम युवक”- शीर्षक वाली समाचारपत्र की एक क्लिप को सोशल मीडिया में साझा किया जा रहा है। एक ट्विटर उपयोगकर्ता ने ऑल्ट न्यूज़ के ट्वीट के कमेंट सेक्शन में इस तस्वीर को ट्वीट किया है।

हमने पाया की यह तस्वीर ट्विटर और फेसबुक पर 2018 से प्रसारित है। इस तस्वीर को फेसबुक पर हिन्दू अधिवेशन नाम के एक पेज ने 26 जनवरी, 2018 को एक संदेश के साथ पोस्ट किया था, “लव-जिहाद, लैंड जिहाद, रेप जिहाद के बाद अब रेल जिहाद…गाजियाबाद : रेलवे ट्रैक के पटरी की फिश प्लेट खोलते पकडा गया धर्मांध युवक! क्या अब भी आप कहेंगे आतंकवाद का कोर्इ धर्म नहीं होता ?”। इस पोस्ट को 1000 लाइक और 600 से अधिक बार साझा किया गया है।

 

इस समाचारपत्र की कतरन के हवाले से हिन्दू जनजागृति समिति नामक एक वेबसाइट ने लेख प्रकाशित किया था।

तथ्य जांच

वायरल समाचारपत्र की तस्वीर को ध्यान से देखने पर इस लेख मेंअमर उजाला ब्यूरो लिखा हुआ देखा जा सकता है। गूगल पर इस घटना से संबधित की-वर्ड्स से सर्च करने पर, हमें कुछ मीडिया संगठन द्वारा प्रकाशित लेख मिले, जिससे हमें इस घटना से संबधित तारीख और जगह की जानकारियां प्राप्त हुई। सोशल मीडिया में वायरल अमर उजाला  समाचारपत्र की कतरन की पड़ताल करने के लिए हमने संबधित तारीख सेअमर उजाला  इ-पेपर के संग्रह को खंगाला और हमें 20 जनवरी, 2018 को घटना से संबधित ऑनलाइन प्रकाशित किया गया एक लेख मिला। हालांकि, इस लेख का शीर्षक वायरल हो रही तस्वीर के शीर्षक से अलग है। प्रकाशित लेख का शीर्षक,“किशोरों की सूझबूझ से बचा रेल हादसा” है और साथ में दोनों तस्वीरों के लेख का उप-शीर्षक भी अलग है, इसके अलावा लेख में बाकि का हिस्सा समान है। वायरल तस्वीर औरअमर उजाला द्वारा प्रकाशित लेख की तस्वीर को नीचे एक साथ रखा गया है, जिससे दोनों के बीच की भिन्नता साफ तौर पर देखी जा सकती है।

अमर उजाला के ऑनलाइन संस्करण में बताया गया है कि,“तीन किशोरों की सूझबूझ से शुक्रवार को बड़ा रेल हादसा होने से बच गया। दिल्ली-मेरठ रेलवे ट्रैक पर मुरादनगर स्टेशन और गंगनहर के बीच बुलंदशहर निवासी एक युवक ने ट्रैक से फिश प्लेट खोलकर झाड़ियों में फेंक दी। वहां से गुजर रहे तीन किशोरों ने उसे पकड़कर पुलिस को सौंप दिया”। इस घटना को आज तक ने भी 20 जनवरी, 2018 को एक रिपोर्ट में प्रकाशित किया था।

अंत में हमने अपनी पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया में अमर उजाला समाचारपत्र की कतरन को फोटोशॉप किया गया है ताकि लोगों के मन में यह भ्रम बनाकर इसे समाचारपत्र द्वारा प्रकाशित विश्वसनीय खबर बताया जा सके। हमने पहले भी देखा है कि अखबारों की कतरनों को फोटोशॉप करके सोशल मीडिया में विभिन्न गलत सूचनाओं के साथ साझा किया गया था।

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About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.