एक वीडियो जिसमें एक व्यक्ति को बाल अपहरण के संदेह पर भीड़ द्वारा परेशान किया जा रहा है और उससे पूछताछ की जा रही है, सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हो रहा है। इस वीडियो के साथ साझा किए गए दावे में लिखा है कि हिमाचल प्रदेश के लारेंकेलो में अंग व्यापारियों के एक समूह को गिरफ्तार किया गया है। वायरल संदेश में आगे दावा किया है कि गिरफ्तार किए गए सदस्यों ने बताया कि वे करीब 500 लोगों के ग्रुप है, जो 15-20 सदस्यों के समूह के रूप में लोगों पर हमला करते हैं। इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल है।

उपर्युक्त वीडियो के साथ सबसे ज़्यादा साझा किए जा रहे संदेश हैं – “अलर्ट Ambala, Yamunanagar, kurukshetra, Karnal, Panipat ख़ासकर घरेलू महिलाओं से अनुरोध है किसी भी अजनबी जैसे कबाड़ी वाला फेरी वाला बाबा या कोई भिखारी कोई भी हो उसके लिए दरवाज़ा ना खोले ना ही कोई बात करे बस हल्ला करके भगा दें। ग़लती से भी ये शब्द ना कहे । “अभी घर में कोई नही है बाद में आना या चले जाओ “ घर में अगर कुत्ता है तो उसे खोल दो उसी टाइम और मेन गेट मत खोलो। अपना और अपने बच्चे का ध्यान रखिए । सतर्क रहें। सुरक्षित रहें । Larankello से आज खबर मिली है की भिखारी के बेस में पांच सौ लोग निकले है जो रास्ते में जो मिलता है उसको काटकर कलेजे अौर कीडनी निकाल रहे है जिसमे से छः सात लोग पकड़े गाए है .जो पकडे़ गए हैं वही लोग को कडी़ पुछताच के बाद पांच सौ लोग आने की बात कबुल की है इसलिए हमारे भाईयों मेसेज को आपके जितने परिवार और मेंबर है सबको फाॅरवर्ड कीजिए: कृप्या सावधान रहे 15 से 20 लोगों की टोली आई है उनके साथ बच्चे और महीलांए हैं और उनके पास हथियार भी हैं और और आधी रात को किसी भी वक्त आते हैं और बच्चे के रोने की आवाज आती है कृपया दरवाजा ना खोले प्लीज ज्यादा से ज्यादा ग्रुप में से शेयर करें पूरे एरिया में 2 से 3 दिन के अंदर फेल जाना चाहिए। अपनी सूरक्षा अपने हाथ, सावधान रहे, जनहित मे जारी”

ऑल्ट न्यूज़ की एप्प पर इस वीडियो की सत्यता की जांच के लिए भी भेजा गया है।

यह वीडियो ट्विटर पर भी साझा किया जा रहा है, जहां हुसैन जावेद ने यह कहते हुए पोस्ट किया है –“माँ – बाप अपने छोटे बच्चों को लेकर सावधान हो जाये ,सुनिए ये बच्चा चोर क्या कह रहा है।100 रुपए के लिए भी ये मासूम बच्चों को मार देता है।अब तक कई बच्चों को चोरी भी कर चुका है।ध्यान से सुनिए”। वीडियो में, कैमरा के पीछे एक व्यक्ति को कथित तौर पर बाल अपहरणकर्ता को कई सवाल पूछते हुए सुना जा सकता है।

एक अन्य ट्विटर उपयोगकर्ता ने इस वीडियो को यह मानते हुए साझा किया था कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति बच्चों को अगवा करने वाले समूह का सदस्य है।

कई अन्य व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं ने इस वीडियो को फेसबुक और ट्विटर पर सांप्रदायिक दावों से साझा किया है, जिसमें इस व्यक्ति को शमशेर बताया गया है।

फेसबुक पर यह वीडियो इस दावे से साझा किया गया है कि 15-20 लोगों का रोहिंग्या मुस्लिमों का समूह छिप कर बच्चों को अगवा करता है।

मानसिक रूप से बीमार है यह व्यक्ति

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि अभी हाल ही में मध्यप्रदेश की ऐसी ही कुछ घटनाओं में, लोगों को गलती से बच्चा चोर समझकर उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। वायरल वीडियो में राज्यों का उल्लेख भी किया गया है, जहां पर वीडियो में एक व्यक्ति संदेह वाले व्यक्ति से पूछताछ कर रहा है – “आपका बॉस कहां रहता है, मध्य प्रदेश या कर्नाटक या हरियाणा?”

24 जुलाई को, दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में मध्यप्रदेश में हुई बच्चा चोरी की अफवाहों की वजह से हुई तमाम घटनाओं का समावेश किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, तक़रीबन 15 लोगों को बच्चा चोरी के संदेह में प्रताड़ित किया गया है। लेख में समावेश की गई घटनाओं के बारे में बताते हुए, हमें होशिंगाबाद में हुई एक घटना के बारे में पता चला, जहां एक मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को स्थानीय लोगों ने प्रताड़ित किया था, जिस पर आरोप लगाया गया था कि वह एक बच्चा चोर है।

ऑल्ट न्यूज़ ने होशंगाबाद में ग्वालटोली पुलिस स्टेशन से संपर्क किया। हमें बताया गया कि यह वीडियो शायद सिमराही [रायसेन जिले] या बैरागढ़ क्षेत्र [भोपाल जिले] का हो सकता है, क्योंकि भीड़ में हो रही बातचीत से इन जगहों के नाम सुनाई देते हैं।

इन जानकारियों से, हम सिमरई गांव, [रायसेन जिले] और बैरागढ़ पुलिस स्टेशन [भोपाल जिले] में नूरगंज पुलिस स्टेशन के पास मंडीदीप पुलिस स्टेशन तक पहुंच पाए। मंडीदीप पुलिस के SHO राजेश मिश्रा ने वीडियो को देखा और बताया की यह घटना उनके इलाके में हुई थी। उन्होंने ऑल्ट न्यूज़ को बताया कि,“यह घटना सरकिया गांव में हुई थी। यह कम से कम 10-12 दिन पुरानी घटना है। हमने उस व्यक्ति की पहचान कर ली थी और उसे बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मामले को लेकर कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। वह मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति है। उसने किसी बच्चे का अपहरण नहीं किया है। उस व्यक्ति को कई प्रश्न पूछे जा रहे थे और वह कुछ भी उत्तर दे रहा था”-(अनुवाद)। हमें यह भी बताया गया है कि पुलिस उस व्यक्ति के नाम का पता नहीं लगा पाई है।

निष्कर्ष के तौर पर, गलत संदेह के आधार पर एक मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को स्थानीय लोग, बच्चों को अगवा करने वाले गिरोह का सदस्य मानकर निरंतर रूप से सवाल पूछ रहे हैं। ऐसी ही कुछ बच्चों को अगवा करने की झूठी अफवाहों के चलते 30 बेकसूर लोगों की जानें जा चुकी है।

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.