पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया में ‘रिपब्लिक भारत’ का एक वीडियो शेयर हो रहा है. वीडियो में महाराष्ट्र के नांदेड में हुई साधु की हत्या की ख़बर दिखाई जा रही है. वहीं ऐस्टन (ब्रेकिंग न्यूज़ फ़्लैश करने वाली लाइन) में मरकज से जुड़े 12 जमातियों के गिरफ़्तार होने की ख़बर चल रही है. जमातियों की गिरफ़्तारी की ख़बर चैनल ब्रेकिंग न्यूज़ के तौर पर फ़्लैश कर रहा है. इस ख़बर के बारे में ऐस्टन पर चल रहे वाक्य हैं : “मरकज से जुड़े 12 जमाती गिरफ़्तार”, “फरीदाबाद पुलिस ने किया गिरफ़्तार”, “वीजा नियमों के उल्लंघन का आरोप”, “इंडोनेशिया, फिलीपींस के हैं जमाती”.
फ़ैक्ट-चेक
‘रिपब्लिक भारत’ के ब्रॉडकास्ट में चलाई गई जमातियों की गिरफ़्तारी की ख़बर पुरानी है. इस बात की जानकारी खुद फ़रीदाबाद पुलिस ने 25 मई को ट्वीट करते हुए दी. फ़रीदाबाद पुलिस ने ‘रिपब्लिक भारत’ के वीडियो को ट्वीट करते हुए बताया कि चैनल पर चलाई गई इंडोनेशिया, फ़िलीपींस के जमातियों की गिरफ़्तारी की घटना 12 मई की है. फ़रीदाबाद पुलिस ने लिखा, “@Republic_Bharat पर आज ब्रेकिंग न्यूज़ के रूप में ख़बर चलाई गई की, इंडोनेशिया व फिलिस्तीनी मरकज जमाती फरीदाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किए।ये12 मई को गिरफ्तार किए व 19 मई को कोर्ट से रिहा हो गये थे।कृप्या जानबूझकर पुरानी ख़बर को ब्रेकिंग के रूप मे चलाकर दर्शको को गुमराह ना करे। @ABPNews”
@Republic_Bharat पर आज ब्रेकिंग न्यूज़ के रूप में ख़बर चलाई गई की, इंडोनेशिया व फिलिस्तीनी मरकज जमाती फरीदाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किए।ये12 मई को गिरफ्तार किए व 19 मई को कोर्ट से रिहा हो गये थे।कृप्या जानबूझकर पुरानी ख़बर को ब्रेकिंग के रूप मे चलाकर दर्शको को गुमराह ना करे।@ABPNews pic.twitter.com/JDtJ7Nfo74
— Faridabad Police (@FBDPolice) May 25, 2020
आगे, जमातियों की गिरफ़्तारी के बारे में जानने के लिए गूगल पर टाइम फ़िल्टर (11 मई से 13 मई के बीच) लगाकर सर्च किया तो हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. 13 मई की ‘भास्कर’ की रिपोर्ट के मुताबिक, हज़रत निज़ामुद्दीन के मरकज़ में शामिल हुए 10 इंडोनेशियाई और 8 फिलीपिंस के लोगों को पुलिस ने क्वारेंटीन कराया था. आगे रिपोर्ट में बताया गया है, “हज़रत निज़ामुद्दीन के मरकज़ में शामिल होने वाले 18 विदेशियों को क्वारेंटाइन का समय पूरा होने और मेडिकल चेकअप के बाद निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.”
इसके अलावा, यूट्यूब पर हमें ‘रिपब्लिक भारत’ के ब्रॉडकास्ट का वीडियो मिला. 24 मई 2020 को अपलोड किये गए इस वीडियो में वायरल वीडियो के हिस्से को 2 मिनट 53 सेकंड पर देखा जा सकता है. लेकिन इस वीडियो में ब्रेकिंग न्यूज़ वाली ऐस्टन लाइन फ़्लैश नहीं हो रही है.
इस तरह, नांदेड में साधु की हत्या 24 मई 2020 को हुई थी जबकि फरीदाबाद में जमातियों की गिरफ़्तारी की घटना 12 मई की है. इससे ये बात साफ़ हो जाती है कि ‘रिपब्लिक भारत’ ने 12 दिन पुरानी ख़बर को अपने ब्रॉडकास्ट में ब्रेकिंग न्यूज़ की तरह दिखाया जिससे दर्शकों में इस घटना के हालिया होने का भ्रम पैदा हुआ.
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