“कांग्रेस के विधायक अनिल उपाध्याय भी हुए पीएम मोदी के मुरीद, बांधे तारीफों के पूल” -इस ब्रेकिंग न्यूज़ की सुर्खियों का प्रसारण 27 अप्रैल को रिपब्लिक टीवी के हेलो भारत कार्यक्रम में किया गया। इसमें पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए एक व्यक्ति का वीडियो था, जिन्होंने कहा कि केवल भ्रष्ट लोग ही उन्हें खोना चाहते हैं। एंकरों ने आगे बताया कि उन्होंने इसे ‘बड़ी ख़बर’ इसलिए कहा कि देश के आम नागरिक ही नहीं, बल्कि पीएम मोदी के राजनीतिक विरोधी भी उनकी प्रशंसा से भरे हैं। उन्होंने उस व्यक्ति का परिचय मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक अनिल उपाध्याय के रूप में दिया।
कांग्रेस के विधायक अनिल उपाध्याय भी हुए पीएम मोदी के मुरीद, बांधे तारीफों के पूल
कांग्रेस के विधायक अनिल उपाध्याय भी हुए पीएम मोदी के मुरीद, बांधे तारीफों के पूल
Posted by Republic Bharat on Friday, 26 April 2019
यह वीडियो सोशल मीडिया में भी वायरल हुआ, जिनमें एक, कनक मिश्रा, के फेसबुक पेज से इसके 10,000 से अधिक शेयर हुए। “राहुल गांधी अपने विधायक के कार्य को क्या कहेंगे? इस वीडियो को इतना वायरल करें कि पूरा देश इसे देखे”, कनक मिश्रा ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा।
*कोंग्रेस विधायक अनिल* *उपाध्याय की इस हरकत पर क्या कहेगे राहुल जी,*
*इस video को इतना वायरल करो की ये पूरा हिन्दुस्तान…Posted by कनक मिश्र on Saturday, 27 April 2019
तथ्य-जांच:
इस नाम के कोई कांग्रेस विधायक नहीं
मध्य प्रदेश के यह कांग्रेस विधायक कौन हैं जिनका पीएम मोदी की प्रशंसा वाला वीडियो न केवल सोशल मीडिया में वायरल है, बल्कि राष्ट्रीय टेलीविजन पर भी प्रसारित किया गया है?
ऑल्ट न्यूज़ ने MyNeta डेटाबेस को खोजा, मगर अनिल उपाध्याय नाम के कोई कांग्रेस विधायक नहीं मिले। इस नाम से दो व्यक्ति सामने आए – जोधपुर के बसपा नेता डॉ. अनिल उपाध्याय, जिन्होंने 2018 में राजस्थान में चुनाव लड़ा था, और लखनऊ से निर्दलीय उम्मीदवार अनिल कुमार उपाध्याय, जिन्होंने 2007 और 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा था। मध्य प्रदेश में इस नाम से कोई कांग्रेसी नेता नहीं हैं।
यह स्थापित होने के बाद कि वीडियो में मौजूद व्यक्ति मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक नहीं हैं, ऑल्ट न्यूज़ ने उस व्यक्ति की पहचान स्थापित करने की कोशिश की।
विभिन्न दावों के साथ एक ही व्यक्ति के कई वायरल वीडियो
ऑल्ट न्यूज़ का सामना एक ही आदमी के कई वायरल वीडियो से हुआ। प्रत्येक में अलग-अलग दावे किए गए थे। दिसंबर, 2018 में इसी आदमी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करता हुआ एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था जिसमें उसने खुद को राजस्थान उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का ससुर बताया था। ऑल्ट न्यूज़ ने तब — यह बताते हुए कि सचिन पायलट ने सारा अब्दुल्ला से शादी की है जो जम्मू और कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख और जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की बेटी हैं — इस गलत दावे को खारिज किया था।
Rone me to ye apne ustaad Modi aur Yogi ko peeche chorr Diya 😭😭😭😭pic.twitter.com/2ag9ba5Qd0
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) April 16, 2019
इस महीने की शुरुआत में, वही व्यक्ति लोगों द्वारा पीएम मोदी की आलोचना पर वीडियो में रोते हुए दिखाई दे रहे थे। इस वीडियो में वह खुले मैदान में लोगों के एक समूह के साथ योग कर रहे थे।
इन वीडियो के व्यक्ति की पहचान, द क्विंट ने मोहन (मुन्ना) पांडे के रूप में की थी। पांडे के कई वीडियो ट्विटर यूज़र तन्मय शंकर (@Shanktan) द्वारा शेयर किए गए हैं। इन सभी वीडियो में, वह पीएम मोदी का समर्थन करने के लिए बहुत उत्साही और भावनात्मक मामला बनाते हुए दिखाई दे रहे हैं। द क्विंट से बात करते हुए, शंकर ने पुष्टि की कि वह व्यक्ति मोहन पांडे हैं और उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हैं।
मोदी रहा तो भारत जल्द अमेरिका जैसा देश होगा।
Views of Munna Pandey ji on @narendramodi governance model … pic.twitter.com/rQ5oPfpvYe— Tanmay Shankar (@Shanktan) April 10, 2019
Just met with Mr. Munna Pandey during walk ! His point is very clear that Opposition only agenda is to remove @narendramodi keeping India’s development aside!!
And this is what I believe Pan India’s opinion wants a good and a strong leader!
Plz RT who all agree. pic.twitter.com/QSSkqpbfgj— Tanmay Shankar (@Shanktan) March 17, 2019
उपरोक्त ब्यौरे से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस विधायक, अनिल उपाध्याय, जिन्हें रिपब्लिक टीवी द्वारा ‘ब्रेकिंग न्यूज’ में बताया गया था, एक काल्पनिक चरित्र है। वह वीडियो मोहन पांडे का है, जो शायद पीएम मोदी के पक्ष में अपने भावुक आकर्षण के कारण, नियमित रूप से वीडियो में दिखते रहते हैं। ये वीडियो समय-समय पर अलग-अलग संदेशों के साथ सोशल मीडिया में वायरल होते रहते हैं। उन्हें अक्सर पीएम मोदी की तारीफ करने वाले कांग्रेस नेता के रूप में पेश करने की कोशिश की जाती है। मगर इस बार, यह कोशिश किसी भोले-भाले सोशल मीडिया यूज़र ने नहीं, बल्कि रिपब्लिक टीवी जैसे एक राष्ट्रीय टेलीविजन चैनल ने की — जिन्होंने वीडियो के किसी भी तथ्य की जांच-पड़ताल किए बिना इसे शेयर किया।
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