सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसे दो क्लिप्स को जोड़ कर बनाया गया है. इसमें एक पुलिस वैन पर हमला होते हुए दिखाया गया है. पहले हिस्से में एक आदमी को गाड़ी के ऊपर कूदते हुए और कई लोगों को पथराव करते देखा जा सकता है. दूसरे हिस्से में गाड़ी को एक बिल्डिंग की ओर तेज़ी से जाते हुए देखा जा सकता है. ये दावा किया जा रहा है कि स्वीडन में हमास समर्थक दंगा कर रहे थे और पुलिसकर्मियों पर हमला कर रहे थे.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुखपत्र ऑर्गनाइज़र के ऑफ़िशियल X हैंडल ऑर्गनाइज़र वीकली ने ये वीडियो पोस्ट किया है जिसमें दावा किया गया है कि “स्वीडन में हमास समर्थकों ने इज़राइल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए पुलिस अधिकारियों पर हमला किया और उनकी वैन चुरा ली.” (आर्काइव)
वीडियो को इसी दावे के साथ X ब्लू यूज़र @cutepreetiji ने शेयर किया है. (आर्काइव)
This scene is Sweden.
Where hardcorer is rioting on the streets in support of Hamas’ terrorists.
These jihadists attacked the police together and are also running away with the police van.
Their entire world has only one motive to fight and kill non-Muslims.#Isarael… pic.twitter.com/XVTOVbbTfO
— preeti Yadav (@cutepreetiji) October 13, 2023
@WallStreetSilv (जिसके X पर 1M फ़ॉलोअर्स हैं) ने इसे शेयर करते हुए लिखा, “…स्वीडन… पुलिस ने सच में हार मान ली है और जिसे वे “समानांतर समाज” कहते हैं, उसकी अनुमति दे रही है. (आर्काइव)
Sweden now has 61 “no-go zones” where the police basically have given up and allow what they call “parallel societies”.
Sweden has recently elected a new government that is promising to deport more and cutoff the fake refugee issue. We will see if they can turn it around. It… https://t.co/o3aiPq6yo8
— Wall Street Silver (@WallStreetSilv) October 13, 2023
वीडियो को X ब्लू यूज़र @RadioGenoa ने भी शेयर किया है. (आर्काइव)
फ़ैक्ट-चेक
हमने वीडियो वेरिफ़िकेशन टूल InVid का इस्तेमाल करके वीडियो से कई कीफ़्रेम्स लिए और उनका रिवर्स इमेज सर्च किया. इससे हमें एक वीडियो मिला जिसे X ब्लू यूज़र @Henrik_Palmgren द्वारा 16 अप्रैल, 2022 को पोस्ट किया गया था. इससे साबित होता है कि वीडियो कम से कम डेढ़ साल पुराना है. (आर्काइव)
Arabs, North Africans rioting in Örebro, Sweden today because a gay Danish politician showed up to burn a Koran. They attacked police, burned police cars and create chaos. This is one of the most replaced parts of Sweden. This is the results of a high trust, naïve society. pic.twitter.com/i8JSM2jONN
— Henrik Palmgren 🇸🇪 ᛟ (@Henrik_Palmgren) April 16, 2022
घटनास्थल जानने के लिए हमने उस बिल्डिंग को करीब से देखा जिसे क्लिप में देखा जा सकता है. इस पर ‘IDROTTSHUSET’ शब्द लिखा हुआ है.
हमने गूगल पर ‘IDROTTSHUSET’ सर्च किया, जिससे हमें पता चला कि ये इमारत स्वीडन के ओरेब्रो में स्थित है. इमारत को यहां गूगल स्ट्रीट व्यू पर देखा जा सकता है. नीचे स्क्रीनशॉट दिया गया है:
घटना के बारे में ज़्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने एक की-वर्डस सर्च किया. हमें अप्रैल 2022 की कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं. न्यूज़ एजेंसी BBC ने 18 अप्रैल, 2022 को स्वीडन में कुरान की कॉपियां जलाए जाने के बाद हुई हिंसक झड़प पर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी. 19 अप्रैल, 2022 को अलजज़ीरा की एक न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, इसका नेतृत्व डेनिश-स्वीडिश राजनेता रासमस पालुदान ने किया था, जो एंटी-इमीग्रेशन और एंटी इस्लाम ग्रुप हार्ड लाइन के नेता हैं. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है: “सितंबर में डेनिश विधायी चुनावों से पहले समर्थन जुटाने के मकसद से, पालुदान ने स्वीडन के “दौरे” की घोषणा की थी. रमज़ान के पवित्र महीने के दौरान कुरान की कॉपियां जलाने के इरादे से बड़ी मुस्लिम आबादी वाले शहरों और कस्बों का दौरा करने की योजना बनायी गई. मध्य स्वीडिश शहर ओरेब्रो में शुक्रवार को हिंसक दंगे भड़क उठे क्योंकि काउंटर-प्रोटेस्टर ने एक प्लान के तहत प्रदर्शन से पहले पुलिस पर हमला कर दिया.”
क्विंट की एक वीडियो रिपोर्ट “स्वीडन संघर्ष | फ़ार राईट विंग ग्रुप द्वारा कुरान जलाने की योजना के बाद हुई हिंसा में दर्जनों लोग गिरफ्तार“ टाइटल के साथ 20 अप्रैल, 2022 को पोस्ट की गई थी. वायरल क्लिप 18 सेकंड पर दिखाई देती है. इससे एक बार फिर ये साबित होता है कि वीडियो असल में अप्रैल 2022 के स्वीडन संघर्ष का ही है.
कुल मिलाकर, अप्रैल 2022 का एक पुराना वीडियो इस ग़लत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि हमास समर्थक स्वीडन में पुलिस अधिकारियों पर हमला कर रहे हैं. वीडियो में राजनीतिक नेता रासमस पालुदान के नेतृत्व में कुरान की कॉपियां जलाने को लेकर अशांति दिखाई गई है. इस क्लिप का मौजूदा युद्ध से कोई संबंध नहीं है.
श्रेयतामा दत्ता ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.
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