इज़राइल और फ़िलिस्तीन के बीच चल रहा संघर्ष 11 अक्टूबर को पूरी तरह से एक युद्ध में बदल गया. इज़राइली सेना ने बताया कि उसके दर्जनों लड़ाकू विमानों ने गाज़ा शहर के आस-पास रात भर में 200 से ज़्यादा टारगेट पर हमला किया था. यहां तक कि इज़राइल के इतिहास में सबसे घातक फ़िलिस्तीनी हमले में हमास लड़ाकों ने भी दक्षिणी इज़राइल के कुछ हिस्सों में तोड़फोड़ की. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों पक्षों की तरफ होने वाली मौतों की कुल संख्यां 3,500 को पार कर गई.
फ़िलिस्तीन और इज़राइल के बीच हालिया संघर्ष से जोड़कर कई वीडियोज़ सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने पहले ही एक फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट में ऐसे पांच दावों को खारिज किया है. इस आर्टिकल में हम ऐसे कई और दावों की जांच करेंगे.
पहला दावा
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में कथित तौर पर हमास आतंकवादियों द्वारा पांच बच्चों को पिंजरे में कैद करते हुए दिखाया गया है. X (ट्विटर) हैन्डल ‘@OCanonist’ के एक ट्वीट को 20 लाख बार देखा गया. इस यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “इसका क्या मकसद है? क्या ये इज़रायली बंधक हैं?”.
Alleged footage of Hamas keeping children in cages. Why?
What purpose does this serve? Are they Israeli hostages? 🤔💭🇵🇸🇮🇱 pic.twitter.com/sGnrtmFODI
— Orthodox Canonist (@OCanonist) October 8, 2023
भारतीय राईट विंग प्रोपगंडा आउटलेट सुदर्शन न्यूज़ ने भी इसी दावे के साथ ये वीडियो ट्वीट किया. (आर्काइव)
हमाल के आतंकवादी छोटे-छोटे बच्चों को जानवरों पिंजरे में बंद कर के हलाल कर के मारते हैं और उससे बड़े आतंकवादी मासूम बच्चों के वीडियो पर मज़ा लेने के पोस्ट करते है। इसे पोस्ट , लाइक या शेयर करने वालों को चिन्हित करे @PMOIndia #IsraelUnderAttack #Palestine pic.twitter.com/o32DeoqFjv
— Sudarshan News (@SudarshanNewsTV) October 9, 2023
फ़ैक्ट-चेक
यूज़र ने बाद में एक यूट्यूब लिंक के साथ एक और ट्वीट किया जिसमें कहा गया, “सुधार: ये फ़िलिस्तीनी बच्चे हैं जिन्हें इज़रायली कानून प्रवर्तन/सेना अधिकारियों द्वारा पिंजरों में रखा जा रहा है.”
Correction:
They are Palestinian children being held in cages by Israeli law enforcement/army officials https://t.co/XBtcROmAxZ
— Orthodox Canonist (@OCanonist) October 8, 2023
हालांकि यूट्यूब वीडियो को अब हटा दिया गया है. लेकिन यूट्यूब वेबपेज के आर्काइव से पता चलता है कि वीडियो जनवरी 2020 में फ़िलिस्तीन न्यूज़ नामक यूट्यूब चैनल ने अपलोड किया था.
हालांकि, वायरल वीडियो में कैमरापर्सन बैकग्राउंड में हंसता है. एक ट्विटर यूज़र ने ट्वीट किया, “पुराना वीडियो, पिता ने अपने बच्चों को मुर्गी के पिंजरे के अंदर खेलते हुए पाया… और उन्होंने एक मज़ेदार वीडियो/फ़र्जी वीडियो कैद करने के मकसद से इसे बंद कर दिया.” ये बात ज़्यादा सही भी लगती है क्योंकि वायरल वीडियो में कैमरापर्सन को बैकग्राउंड में हंसते हुए भी सुना जा सकता है.
वायरल वीडियो में एक टिकटॉक यूज़रनेम ‘@user6903068251281’ का वाटरमार्क है. हिब्रू फ़ैक्ट-चेकिंग आउटलेट ‘फ़ेकरिपोर्टर’ के मुताबिक, असली टिकटॉक वीडियो हटा दिया गया था. हालांकि, वीडियो 10 अक्टूबर से कम-से-कम पांच दिन पहले (लगभग 4/5 अक्टूबर) को अपलोड किया गया था. इसका मतलब है कि वीडियो हमास और इज़राइल के बीच के युद्ध से पहले अपलोड किया गया था. नीचे दिए गए ट्वीट में टिकटॉक वीडियो के स्क्रीनशॉट हैं.
Children in cages video:
We keep being asked for the original video. The Tiktok video we saw has been erased, and the link is broken. here it is: https://t.co/NfeACQngPB
We DON’T know where it came from. The only thing we know about the video is its time stamp: it was published… pic.twitter.com/1e5iO9lsiI— פייק ריפורטר | FakeReporter (@FakeReporter) October 9, 2023
हालांकि, वायरल वीडियो का असली संदर्भ पूरी तरह वेरिफ़ाई नहीं किया जा सकता है. लेकिन ये बात पूरी तरह साफ हो जाती है कि वायरल वीडियो हमास-इज़राइल संघर्ष से पहले का है और इसलिए ये इस युद्ध से असंबंधित है.
दूसरा दावा
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. साथ में दावा किया गया है कि इज़राइल, मौत की घटनाओं की फ़र्जी फ़ुटेज बनाने की कोशिश कर रहा है. इस ट्वीट को आर्टिकल लिखे जाने तक लगभग 17 हज़ार लाइक्स और 8 हज़ार से ज़्यादा रीट्वीट मिले हैं. (आर्काइव)
VIDEO SHOWING ISRAEL ATTEMPTING TO CREATE FAKE FOOTAGE OF DEATHS pic.twitter.com/UBo7QN0wli
— Sulaiman Ahmed (@ShaykhSulaiman) October 9, 2023
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि वायरल वीडियो अवनी एशताइवे की “एम्प्टी प्लेस” नामक शॉर्ट फ़िल्म के शूट किये जाने के दौरान लिया गया था. दरअसल, एशटाइवे ने खुद अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर इस वीडियो का फ़ैक्ट-चेक शेयर किया है.
फ़ैक्ट-चेकिंग आउटलेट को बयान देते हुए एशताइवे ने कहा, ये कैदी अहमद मनसरा के बारे में उनकी फ़िल्म का पर्दे के पीछे का एक शॉट है. ये कैदी नाबालिग है जिसे शुरू में अपने चचेरे भाई हसन मनसरा के साथ रहने के लिए 12 साल जेल की सज़ा सुनाई गई थी. इसने कथित तौर पर 2015 में पूर्वी येरुशलम में पिसगाट ज़ीव की अवैध बस्ती के पास दो इज़रायली निवासियों को चाकू मार दिया था. बाद में उसकी सज़ा को घटाकर नौ साल कर दिया गया. क्लिप में अहमद मनसरा का किरदार निभाने वाला बच्चा दिखता है.
ये शॉर्ट फ़िल्म यूट्यूब पर मौजूद है. वायरल वीडियो की शुरुआत में जो विज़ुअल्स फ़िल्माया जा रहा है उसे यूट्यूब वीडियो में 1 मिनट 10 सेकेंड पर देखा जा सकता है. मनसरा का किरदार निभाने वाले एक्टर और उनके पहने हुए कपड़े वायरल वीडियो से मेल खाते हैं.
तीसरा दावा
हमास के प्रवक्ता की एक क्लिप काफी शेयर की जा रही है जिसमें वो ईरान को हथियार, पैसा और अन्य चीजें उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद दे रहे हैं. X (ट्विटर) यूज़र ‘@DrEliDavid’ ने प्रवक्ता के हवाले से कहा, “…उन्होंने हमें ज़ायोनी किले को तोड़ने के लिए मिसाइलें दीं और टैंक रोधी मिसाइलों से हमारी मदद भी की.” यूज़र ने कहा, “ऐसा लगता है कि बिडेन ने ईरान को जो 6 बिलियन डॉलर दिए थे, उसे अच्छे से खर्च किया जा रहा है.” (आर्काइव)
X (ट्विटर) अकाउंट इस ट्वीट के बाद से प्राइवेट कर दिया गया है.
संयुक्त राष्ट्र में इज़राइल के राजदूत ने भी यही वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, ”अगर आपको इस बारे में कोई शक है कि इस बर्बर आतंकी हमले को कौन फंड कर रहा है और समर्थन कर रहा है: यहां हमास आतंकवादियों का एक वीडियो है जो हथियार, पैसे और रॉकेट के लिए ईरान के अलावा किसी और को धन्यवाद दे रहे हैं जिससे आतंकवादियों को इज़राइलियों का कत्लेआम और अपहरण करने में मदद मिली. अयातुल्ला शासन ऑक्टोपस का मुखिया है.” (आर्काइव)
If you had any doubt about who is funding and supporting this barbaric terror attack: here’s a video of Hamas terrorists thanking none other than IRAN for the weapons, money and rockets that helped the terrorists to slaughter and kidnap Israelis. The Ayatollah regime is the head… pic.twitter.com/LMrRmlt5Xm
— Ambassador Gilad Erdan גלעד ארדן (@giladerdan1) October 8, 2023
फ़ैक्ट-चेक
रिडर्स ध्यान दें कि ये क्लिप लगभग 6 साल पुरानी है. वीडियो का पूरा वर्ज़न यूट्यूब पर मौजूद है. इसका टाइटल है, “بالصوت والصورة حماس تشكر إيران الصفوية المجوسية لوقوفها معهم ودعمهم ،هل تظنون انهم يدعمونكم حبا بكم؟” (अनुवाद: बातें और काम दोनों में हमास अपने साथ खड़े रहने और समर्थन प्रदान करने के लिए शिया ईरान को धन्यवाद दे रहा है, क्या आप मानते हैं कि वे सच में सद्भावना से आपका समर्थन करते हैं?) वीडियो दिसंबर 2017 में अपलोड किया गया था.
इस तरह ये स्पष्ट है कि इस वीडियो का मौजूदा हिंसा से कोई संबंध नहीं है.
चौथा दावा
सोशल मीडिया पर इजरायली सेना के दो हेलिकॉप्टरों को मार गिराने का एक वीडियो वायरल हो रहा है. (आर्काइव)
🔴 israil ordusuna ait 2 helikopter düşürüldü pic.twitter.com/7dOh9au8p6
— Sabri Amca (caps) (@sabriamcaparodi) October 7, 2023
उपर दिए गए ट्वीट को 13.5K लाइक्स और 1.2 मिलियन व्यूज मिले.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि वायरल विजुअल ARMA 3 नामक गेम से लिए गए हैं. ARMA 3 एक खुली दुनिया, यथार्थवाद-आधारित, मिलिट्री टैक्टिकल शूटर वीडियो गेम है.
असली वीडियो यूट्यूब पर मौजूद है जिसका टाइटल है, “दो लड़ाकू हेलिकॉप्टरों को एंटी एयरक्राफ्ट डिफेंस द्वारा मार गिराया गया – इसमें अरमा” और हैशटैग #arma3 शामिल हैं.
वीडियो को कज़िन्का वारियर नाम के एक गेमिंग चैनल ने अपलोड किया था जो लगातार ARMA से इसी तरह के वीडियो पोस्ट करता है.
पहले भी ऑल्ट न्यूज़ ने ARMA 3 से लिए गए ऐसे ही वीडियो की पड़ताल की थी जिन्हें सैन्य संघर्ष, विशेष रूप से यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के असली विजुअल्स के रूप से ग़लत तरीके से शेयर किया गया था. ये रिपोर्ट्स यहां और यहां पढ़ीं जा सकती हैं.
पांचवां दावा
सोशल मीडिया पर हमास लड़ाकों द्वारा इज़राइली लड़ाकू हेलिकॉप्टरों को मार गिराने की एक और क्लिप वायरल है. (आर्काइव)
Hamas fighters shot down Israel war helicopter in Gaza, Palestine. #อิสราเอล #Israel #IsraelUnderAttack #
— Dr Honey choudhary (@doctors__squad) October 8, 2023
फ़ैक्ट-चेक
ये विजुअल भी असल में ARMA 3 का एक प्ले-थ्रू हैं. हमें यूट्यूब पर हेलिकॉप्टरों को मार गिराए जाने का एक ऐसा ही सिमुलेशन मिला, जिसका टाइटल था, “KA-50 बैटल हेलिकॉप्टर को FIM-92F एडवांस्ड स्टिंगर मिसाइल l St.77 द्वारा मार गिराया गया | मिलसिम ARMA3 #शॉर्ट्स.” हालांकि, ये बिल्कुल वैसा ही वायरल वीडियो नहीं है, लेकिन बैकग्राउंड सेटिंग्स, मिसाइल दागता आदमी और हेलिकॉप्टर एक जैसे हैं.
छठा दावा
सोशल मीडिया वायरल एक अन्य वीडियो में साफ़ तौर पर एक अमेरिकी जहाज F-16 लड़ाकू विमानों को लेकर इज़रायल के पश्चिमी तट पर पहुंच रहा है. (आर्काइव)
Big News: 🚨📷A US ship carrying F-16 fighter jets has reached Israel’s west coast. America is defending Israel#IsraelAtWar #Israel #Israel_under_attack #IsraelPalestineWar #IStandWithIsrael #PAKvSL #IStandWithPalestine #Palestina #PalestinaLibre #ZainabAbbas #GazaUnderAttack pic.twitter.com/AezeIyGiEj
— Anurag Kanaujia 🇮🇳 (@anurag_kanaujia) October 9, 2023
उपर दिए गए ट्वीट को 1.4 मिलियन बार देखा गया है साथ ही 1 हज़ार रीट्वीट मिले हैं.
फ़ैक्ट-चेक
वायरल वीडियो के कीफ़्रेम की इमेज-रिवर्स सर्च करने पर, हमें कई आर्टिकल मिले जिनमें बताया गया था कि अमेरिकी नौसेना के जहाज दिसंबर 2022 में सैन डिएगो खाड़ी में आमने-सामने की टक्कर से बच गए थे. इसी मामले पर इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक सैन डिएगो वेबकैम द्वारा कैप्चर किए गए वीडियो में गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक USS मॉमसेन को डॉक लैंडिंग जहाज USS हार्पर्स फ़ेरी के निकलते ही बंदरगाह में प्रवेश करते हुए दिखाया गया है. ऐसा लगता है कि जहाज बड़े जहाज से टकराने से बचने के लिए मॉमसेन के बाईं ओर एक मुशिकल मोड़ लेने से पहले एक-दूसरे की ओर सीधे आगे बढ़ रहे हैं.
सैन डिएगो वेब कैम के ऑफ़िशियल हैंडल ने भी 30 नवंबर, 2022 को ये वीडियो ट्वीट किया था.
Warship Chicken in San Diego Bay USS Momsen (DDG-92) & USS Harpers Ferry (LSD-49) pic.twitter.com/476AajfjNE
— San Diego Web Cam (@SanDiegoWebCam) November 29, 2022
सातवां दावा
इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा अपने बेटे को सैनिक के रूप में भेजने के दावे के साथ एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. भारतीय राईटविंग इन्फ्लुएंसर व्यक्ति @MeghUpdates ने ये तस्वीर ट्वीट की और शेयर किये जाने के सिर्फ दो घंटे में 35 हज़ार लाइक्स और 6 हज़ार से ज़्यादा रीट्वीट मिल गए. (आर्काइव)
Israel PM Netanyahu sends his son to serve the country as a soldier, Pic gets viral pic.twitter.com/cGDIaMP04x
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) October 11, 2023
फ़ैक्ट-चेक
रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें द जेरूसलम पोस्ट का एक आर्टिकल मिला जिसे 1 दिसंबर 2014 पब्लिश किया गया है. इसमें अभी वायरल हो रही तस्वीर मौजूद थी. रिपोर्ट के टाइटल का हिंदी अनुवाद है, “नेतन्याहू के सबसे छोटे बेटे ने सेना में सेवा शुरू की.”
उस वक्त, नेतन्याहू के सबसे छोटे बेटे अवनेर नेतन्याहू ने IDF के कॉम्बैट इंटेलिजेंस कलेक्शन कोर में भर्ती होकर अपनी तीन साल की अनिवार्य सैन्य सेवा शुरू की थी. जेरूसलम के अम्मुनिशन हिल पहुंचने पर अवनेर के साथ उसके माता-पिता भी थे.
1 दिसंबर 2014 को टाइम्स ऑफ़ इज़राइल की एक रिपोर्ट में भी यही तस्वीर छपी थी जिसका टाइटल था, “प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी पत्नी सारा, 01 दिसंबर 2014 को जेरूसलम के अम्मुनिशन हील में अपने बेटे अवनेर के साथ देखे गए. (फ़ोटो क्रेडिट: कोबी) गिदोन/GPO)”
आठवां दावा
एक भयानक वीडियो में कथित तौर पर हमास आतंकवादी बताए जा रहा एक व्यक्ति, इज़रायली नागरिक का दिल उसके शरीर से निकालकर खा रहा है. (आर्काइव)
फ़ैक्ट-चेक
हमने देखा कि कुछ यूज़र्स ने पॉइंट आउट किया है कि वीडियो असल में मेक्सिको का है. एक की-वर्डस सर्च से हमें मैक्सिकन कार्टेल के बारे में 2022 का एक डेली मेल आर्टिकल मिला जिसके मुताबिक, ये कार्टेल अपने नए सदस्यों को अपने दुश्मनों को मारने और उनका दिल खाने के लिए मजबूर करता है. आर्टिकल में वायरल वीडियो का एक स्क्रीनग्रैब शामिल है, जिसका टाइटल है, “नरभक्षण 2015 के आसपास जलिस्को की शुरुआत का हिस्सा बन गया जिसमें नए रंगरूटों को कार्टेल के ‘आतंकवादी स्कूलों’ में कच्चा मानव हृदय खाने के लिए मजबूर किया गया. चित्रित: 2020 में एक CJNG एक दिल खा गया.”
CJNG या जलिस्को न्यू जेनरेशन कार्टेल जलिस्को में स्थित एक मैक्सिकन संगठित अपराध सिंडिकेट है जिसका नेतृत्व दुनिया के सर्वाधिक वांछित ड्रग माफियाओं में से एक नेमेसियो ओसेगुएरा सर्वेंट्स करता है. हमें 24 अगस्त, 2020 की एल सोल डे ला लगुना की एक स्पेनिश रिपोर्ट भी मिली जिसमें इस घटना पर रिपोर्ट पब्लिश की गई थी.
नवां दावा
पिकअप ट्रक के पीछे एक युवा लड़के का सिर काटे जाने का एक ग्राफ़िक वायरल वीडियो हमास-इज़राइल संघर्ष से जोड़ा जा रहा है. भारतीय राईटविंग इन्फ्लुएंसर @MrSinha_ ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “अल्लाह हू अकबर और फिर मासूम बच्चे का सिर काट दिया..वे इंसान नहीं हैं, उनका विश्वास उन्हें जानवरों से भी बदतर बना देता है…तथाकथित “धर्मनिरपेक्ष-उदारवादी” इन लोगों का समर्थन कर रहे हैं. GS? (इसे अपने जोखिम पर देखें)” इस ट्वीट में #IsraelUnderAttack #MuslimIsTheProblem जैसे हैशटैग के साथ #हमासआतंकवादी का इस्तेमाल किया गया. (आर्काइव)
वीडियो के दृश्य काफी हिंसक हैं इसलिए हमने उसे यहां शेयर नहीं किया है.
फ़ैक्ट-चेक
कई यूज़र्स ने कमेंट में बताया कि वीडियो पुराना है और बच्चा सीरिया का है. हमें जुलाई, 2016 का एक आर्टिकल मिला. इसमें कहा गया है कि वीडियो में सीरिया में अमेरिकी समर्थित रेबेल ग्रुप, हरकत नूर अल-दीन अल-ज़ेंकी के सदस्यों को एक भयानक वीडियो में एक छोटे बच्चे का सिर काटते हुए दिखाया गया है. कथित तौर पर घटना की दो क्लिप हैं. एक में पांच उग्रवादियों को लड़के को घेरते हुए दिखाया गया है. दूसरे क्लिप में उन पाँच उग्रवादियों से एक ट्रक पर लड़के के ऊपर खड़ा होता है और एक चाकू से लड़के का सिर काट देता है, और उसे उसके सिर के ऊपर ले जाता है. दूसरी क्लिप इस समय वायरल है और यूज़र्स इसे हमास-इज़राइल संघर्ष से जोड़ रहे हैं.
हमें मीडिया आउटलेट ओहटुलेहट द्वारा का एक आर्टिकल भी मिला. 22 जुलाई 2016 की उनकी रिपोर्ट में वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट शामिल हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक, युवावस्था से पहले के अब्दुल्ला इस्सा को लड़ाई के दौरान विद्रोहियों ने मार डाला था. विद्रोहियों को लगा कि वो फ़िलिस्तीनी अल-कुद्स ब्रिगेड का सदस्य है, जो सीरियाई सरकारी बलों के पक्ष में लड़ता है. हालांकि, सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फ़ॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, अब्दुल्ला का फ़िलिस्तीनी आतंकवादियों से कोई संबंध नहीं था. वो एक शरणार्थी शिविर में रहने वाले एक गरीब परिवार का बच्चा था.
दसवां दावा
कथित तौर पर “घर-घर जाकर नरसंहार, निर्दोष नागरिकों, बलात्कार और महिलाओं और बच्चों की हत्या” को अंज़ाम देने के लिए हमास आतंकवादियों की इज़राइल में परेड करने की एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल है. (आर्काइव)
फ़ैक्ट-चेक
ध्यान से देखने पर वीडियो के बाईं ओर एक टिकटॉक यूज़रनेम @eslamre1 दिखाई दे रहा है. हमें यूज़र द्वारा टिकटॉक पर अपलोड किए गए असली वीडियो का एक आर्काइव्ड वर्जन मिला. आर्काइव्ड वेबपेज पर देखा जा सकता है कि इसके अपलोड की तारीख 27 सितंबर है. यानी, ये वीडियो हमास-इज़राइल संघर्ष से पहले का है और अभी चल रहे संघर्ष से इसका कोई संबंध नहीं है.
ग्यारहवां दावा
एक अन्य वायरल क्लिप जिसे हमास-इज़राइल संघर्ष से जोड़ा जा रहा है. इसमें फ़िलिस्तीनियों को साफ़ तौर पर एक छोटे लड़के का शव ले जाते और धार्मिक नारे लगाते हुए सुना जा सकता है. हालांकि, जैसे ही बैकग्राउंड में सायरन बजने लगता है, लड़के सहित हर कोई भाग जाता है. यूज़र इस क्लिप को व्यंग्यात्मक ढंग से शेयर कर रहे हैं. यूज़र्स का मानना है कि फ़िलिस्तीनी प्रदर्शनकारी हताहतों की संख्या का दिखावा करके इज़राइल के साथ चल रहे संघर्ष में सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. X पर @rs_rajender नामक एक यूज़र ने ये क्लिप ट्वीट करते हुए इसे चल रहे युद्ध से सबंधित बताया. उनके ट्वीट को 2 हज़ार से ज़्यादा लाइक्स और लगभग 2 हज़ार रिट्वीट भी मिले. (आर्काइव)
Watch this video carefully until the end.. Some #Palestinians are seen carrying a small boy’s body while chanting religious praises.. They’ve even granted an interview to Al Jazeera.. alleging that this boy fell victim to #Israeli airstrikes.. However, in the end, as sirens… pic.twitter.com/fLy6a3Kn65
— R S 🇮🇳🇮🇳 (@rs_rajender) October 11, 2023
फ़ैक्ट-चेक
पाठकों को ध्यान देना चाहिए कि ऑल्ट न्यूज़ ने मई 2021 में पहले ही इस वीडियो की पड़ताल की थी. ये क्लिप इज़राइल-फ़िलिस्तीन संघर्ष बढ़ने के संदर्भ में इसी दावे के साथ वायरल हुआ था जब इजरायली बलों ने आठ फ़िलिस्तीनी परिवारों को बेदखल करने और यहूदियों को पूर्वी यरूशलेम के पास शेख जर्राह में बसाने की कोशिश की थी.
ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि X यूज़र @bassmadj ने ये वीडियो 24 मार्च, 2020 को अपलोड किया था. उनके मुताबिक, जॉर्डन के युवाओं के एक ग्रुप ने लॉक डाउन के दौरान घर से बाहर निकलने के बहाने के रूप में महामारी के दौरान एक नकली अंतिम संस्कार का नाटक किया. वीडियो में दिख रहा है कि वे सायरन की आवाज़ सुनकर भाग रहे हैं.
شباب في الاردن حتى يكسرو حظر التجوال دارو جنازة وهمية
😂 الميت رجعت له الحياة كي جاءت الشرطة
كيفاه جاتهم هذه الفكرة الجهنمية 😷
نحارب #كورونا كورونا و لا الاستهبال و الجهل و مستغلين الازمات من تجار و غيرهم pic.twitter.com/lLSUdQZffU— كوكب الجزائر 🇩🇿 (@bassmadj) March 23, 2020
अबू धाबी स्थित न्यूज़ पोर्टल 24.ae और अरबी-न्यूज़ वेबसाइट Youm7. ने भी 2020 में जॉर्डन के रूप में वीडियो अपलोड किया था.
طرائف #كورونا.. شبان أردنيون ابتدعوا حيلة للخروج من المنزل فأقاموا جنازة وهمية لصديقهم.. وهذا ما حدث معهم فور سماعهم صافرات إنذار #حظر_التجول #حظر_كامل #الأردن #الاردن_كورونا #غرائب #StayAtHome #StayAtHomeSaveLives #حول_العالم #فيروس_كورونا_المستجدّ pic.twitter.com/zgynhTOZHS
— 24.ae | منوعات (@24Entertain) March 24, 2020
कुल मिलाकर, जॉर्डन का एक पुराना और असंबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. यूज़र्स इसे चल रहे इज़राइल-हमास युद्ध से जोड़ रहे हैं. ये वीडियो मई 2021 में भी इसी दावे के साथ वायरल हुआ था, जब इज़राइल और फ़िलिस्तीन के बीच तनाव बढ़ गया था.
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