7 अक्टूबर को फ़िलिस्तीन के उग्रवादी संगठन हमास ने इज़राइल पर हमला कर उसके रिहायशी इलाकों में गाज़ापट्टी से रॉकेट दागा और सीमा पार कर इज़राइल में दाखिल हो गए. इज़राइल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने जानकारी देते हुए पोस्ट किया कि राज्य भर के आवासीय क्षेत्र में सुबह से ही रॉकेट हमले हो रहे हैं. सशस्त्र हमास उग्रवादी सड़कों पर गश्त कर रहे हैं और निर्दोष इज़राइली नागरिकों को मारने की कोशिश कर रहे हैं.

इज़राइल सरकार ने गाज़ा पट्टी के आसपास के इलाकों के नागरिकों को अपने घरों में रहने के लिए कहा और राष्ट्रीय आपातकालीन पोर्टल पर पोस्ट किए गए निर्देशों का पालन करने के लिए कहा. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हम युद्ध में हैं, किसी ऑपरेशन या राउंड में नहीं, बल्कि सचमुच एक युद्ध में हैं. आज सुबह, हमास ने इज़राइल और उसके नागरिकों के खिलाफ़ एक जानलेवा हमला किया है. इज़राइल डिफेंस फ़ोर्स ने बयान जारी करते हुए कहा वो अपने नागरिकों की रक्षा करेंगे और हमास को इस हमले के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. इज़राइल में गाज़ा से हमास द्वारा दागे गए रॉकेटों के जवाब में आईडीएफ ने गाज़ा में हमास के ठिकानों पर हमला शुरू किया.

इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियोज़ वायरल हैं जिसे हालिया फ़िलिस्तीन और इज़राइल जंग से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. इस आर्टिकल में हम ऐसे ही कई वायरल वीडियोज़ की बारी-बारी से पड़ताल करेंगे.

पहला दावा

दक्षिणपंथी और फासीवादी ब्रिटिश राजनीतिक दल ब्रिटेन फ़र्स्ट की चेयरमैन अशलेया सिमन ने एक वीडियो शेयर किया. वीडियो में ट्रकों पर फ़ाइटर जेट्स ले जाया जा रहा है और एक साइनबोर्ड पर Ar’ara और Arad लिखा है. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि हज़ारों आतंकवादियों के इज़राइल में घुसने के कारण इज़राइली रक्षा बल अब गाज़ा के पास हवाई अड्डों को खाली कर रहे हैं. (आर्काइव लिंक)

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो के फ़्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें ये वीडियो 15 सितंबर 2023 के एक ट्वीट में मिला. वहीं एक और यूज़र ने इसे 13 सितंबर को ट्वीट किया था. यानी, ये वीडियो 7 अक्टूबर से इज़राइल और फ़िलिस्तीन के बीच शुरू हुए युद्ध से पहले का है जिसे हाल में हुए हमले से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.

दूसरा दावा

एक वीडियो में कई लोग एक साथ पैराशूट से उतर रहे हैं. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ये फ़िलिस्तीनी लड़ाके हैं जो इज़राइल क्षेत्र में पैराशूट से उतर रहे हैं. इसे इज़रायल और फ़िलिस्तीन के बीच हाल में शुरू हुए युद्ध से जोड़कर शेयर करते हुए धुर दक्षिणपंथी यूट्यूबर जैक्सन हिंकल ने कहा कि यदि चंद मोटर वाले पैराग्लाइडर और मोपेड मिलिशिया से इतना नुकसान किया गया है, अगर यह पूर्ण विकसित अरब संघर्ष में बदल गया तो क्या होगा?

फ़ैक्ट-चेक

हमने वायरल वीडियो में मौजूद बिल्डिंग के स्क्रीनशॉट को गूगल लेंस की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया तो पाया कि ये मिस्र के मिलिट्री एकेडमी की बिल्डिंग है. हमें मिस्र के मिलिट्री एकेडमी का लोगो भी मिला जो वीडियो में बिल्डिंग के बाहर दिख रहे लोगो से बिल्कुल मेल खाता है.

यहां से मिली जानकारी के आधार पर हमने मिस्र की मिलिट्री एकेडमी की सरकारी वेबसाइट्स चेक की. हमें यहां इस एकेडमी की बेहतर रिज़ोल्यूशन वाली तस्वीर मिली जो वायरल वीडियो से बिल्कुल मेल खाती है. यानी, ये वीडियो इज़राइल का नहीं बल्कि मिस्र का है.

तीसरा दावा

एक वीडियो में एक लड़का छोटी बच्ची के साथ के साथ दिख रहा है, इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ये गाज़ा में किडनैप की गई यहूदी बच्ची है और वीडियो में दिख रहा लड़का हमास का आतंकवादी है. पाकिस्तान ऑरिजिन के यूज़र फराज परवेज ने ये वीडियो इसी दावे के साथ ट्वीट किया.

फ़ैक्ट-चेक

इस वीडियो में TikTok यूज़रनेम वाटरमार्क (@izzeddin_masama) दिख रहा है. चूंकि इंडिया में TikTok बैन है, इसलिए हमने VPN की मदद से हमने TikTok पर इस अकाउंट को खंगाला तो पाया कि ये अकाउंट या तो डिलीट या डिऐक्टवैट कर दिया गया है. वीडियो के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए हमने ट्विटर पर की-वर्ड्स सर्च किया. हमें एक यूज़र का रिप्लाई मिला. इस यूज़र ने वायरल वीडियो के साथ किये गए दावे को फ़र्ज़ी बताया था और कहा कि ये वीडियो एक महीने पुराना है. इसमें उसने TikTok का एक लिंक भी अटैच किया था.

हमने रिप्लाई में मौजूद टिकटॉक वीडियो के लिंक पर क्लिक किया तो पाया कि ये वायरल वीडियो में मौजूद @izzeddin_masama के ही वीडियो का लिंक है जो अब डिलीटेड है. हमने इस वीडियो के लिंक को गूगल सर्च इंजन के कैश में खोजा तो पाया कि ये वही वीडियो है जिसे हाल में हुए इज़राइल और फ़िलिस्तीन के युद्ध से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. हमने इस वेब पेज का सोर्स कोड देखा. इस वीडियो को 8 सितंबर 2023 को अपलोड किया गया था. यानी, ये हाल में 7 अक्टूबर 2023 से इज़राइल और फ़िलिस्तीन के बीच चल रहे युद्ध से पहले का वीडियो है.

चौथा दावा

इस वीडियो में पूरे शहर में आतिशबाज़ी होती दिख रही है. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि इज़राइल द्वारा हमास के आतंकवादियों के ठिकानों पर हवाई हमले शुरू करने पर गाज़ा में आतिशबाज़ी हो रही है.

फ़ैक्ट-चेक

वायरल वीडियो में TikTok यूज़रनेम (@ramiguerfi41) दिख रहा है. हमने VPN की मदद से इस अकाउंट को खंगाला तो हमें ये वीडियो इस अकाउंट पर नहीं मिला. वीडियो के फ़्रेम्स को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें एक दूसरा ट्वीट मिला जिसमें वीडियो के साथ ऐसा ही दावा किया था. इस ट्वीट के रिप्लाई में कई लोगों ने बताया था कि ये वीडियो पुराना है. इसी क्रम में हमें एक रिप्लाई मिला जिसमें वायरल वीडियो में दिख रहे यूज़रनेम वाले TikTok अकाउंट का लिंक मौजूद था. हमने इस लिंक को चेक किया तो पाया कि ये वीडियो डिलीट कर दिया गया है.

हमने इस वीडियो के लिंक को गूगल सर्च इंजन के कैश में खोजा तो पाया कि ये वही वीडियो है जिसे हाल में हुए इज़राइल और फ़िलिस्तीन के युद्ध से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. हमने इस वेब पेज का सोर्स कोड देखा तो पाया कि इस वीडियो को 28 सितंबर 2023 को अपलोड किया गया था. यानी, ये हाल में 7 अक्टूबर 2023 से इज़राइल और फ़िलिस्तीन के बीच चल रहे युद्ध से पहले का वीडियो है.

पांचवा दावा

द राउंड टेबल शो से जुड़े पत्रकार सुलेमान अहमद ने वर्तमान इज़राइल और फ़िलिस्तीन के बीच चल रहे युद्ध से जोड़कर एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें हवाई हमले में एक घर को उड़ाया गया है. इस वीडियो के साथ उन्होंने ट्विटर पर अपडेट दिया कि गाज़ा पट्टी पर इज़रायली हमले के परिणामस्वरूप 161 लोग मारे गए और 931 घायल हो गए. और भी कई यूज़र्स हाल में चल रहे युद्ध से जोड़कर ये वीडियो शेयर कर रहे हैं.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल वीडियो के फ़्रेम्स को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें ये वीडियो फ़िलिस्तीनी अथॉरिटी की पूर्व प्रवक्ता और राजनीतिक विश्लेषक नूर ओदेह द्वारा 13 मई 2023 को ट्वीट किया हुआ मिला. इसलिए, ये वीडियो पुराना है और हाल में इज़राइल और फ़िलिस्तीन के बीच चल रहे युद्ध का नहीं है.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

Tagged:
About the Author

Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).