सोशल मीडिया पर एक महिला को कार से बाहर खींचकर सरेआम गोली मारने का वीडियो वायरल है. वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि केरल में एक RSS समर्थक महिला को ‘जिहादियों’ ने गोली मार दी. ट्विटर हैंडल ‘@HiNdU05019434‘ ने ये वीडियो ऐसे ही दावे के साथ ट्वीट किया. इसे आर्टिकल लिखे जाने तक 40 हज़ार से ज़्यादा बार देखा जा चुका है.

एक और ट्विटर हैंडल ‘@Vijay754510‘ ने इसी तरह के कैप्शन के साथ ये वीडियो ट्वीट किया. आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 15 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया है.

एक और यूज़र ‘@kavita_tewari‘ के बायो में बताया गया है कि वो एक ‘प्राउड इंडियन’ हैं और उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्विटर पर फ़ॉलो करते हैं. इन्होंने 20 मई को ये वीडियो ट्वीट करते हुए दावा किया कि ये घटना पिछले दो दिनों में हुई थी. हालांकि, बाद में ट्वीट हटा दिया गया. लेकिन इससे पहले इसे 15 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया और 200 बार रीट्वीट किया गया था. इस ट्वीट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है.

ये वीडियो 2017 में भी ऐसे ही दावे के साथ काफी शेयर किया गया था. 2017 का ऐसा ही एक ट्वीट यहां देख सकते हैं.

फ़ैक्ट-चेक

मलयालम से परिचित कोई भी व्यक्ति ये समझ सकता है कि वीडियो में स्ट्रीट परफॉर्मेंस के विज़ुअल्स हैं. जो ये भाषा नहीं जानते हैं उनके लिए इस सीन की ट्रांसक्रिप्ट यहां नीचे दिया गया है:

भीड़: हिंसा के लिए चिल्लाती है. (शोर और अस्पष्ट) उसे मार डालो, उसे मार डालो.

[पीड़ित भागने की कोशिश करती है; गोली मार दी जाती है; वो गिर जाती है]

लीड ऐक्टर: वो एक फ़ाइटर थी और उसने फ़ाइट की. उसने RSS के खिलाफ आवाज उठाई और अब, यहां, आखिरकार, RSS ने उसे भी मार डाला है. उन्होंने उसे भी मार डाला है. उन्हें पकड़ो, उन्हें बांधो. क्यों, किसलिए, तुमने इस मासूम पत्रकार को मारा?

भीड़ में मौजूद ऐक्टर: हम आरएसएस के कार्यकर्ता हैं, देशभक्त हैं.

लीड ऐक्टर: क्या तुमने सुना? आपको लगता है कि सुना? आरएसएस के कार्यकर्ता, हमारे स्वतंत्रता संग्राम के गद्दार, महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या करने वाले. ये वो हैं; ये वो हैं RSS, ये खतरनाक है. चुप रहना खतरनाक है. फासीवाद खतरनाक है. ये चुप्पी, जैसे फासीवाद आपकी रसोई में भी झांकता है, ये चुप्पी खतरनाक है.

ऐक्टर 1: हाँ, खामोशी खतरनाक है.

लीड ऐक्टर: ये खतरनाक है. मौन खतरनाक है. RSS ने गुजरात में लगभग 2 हज़ार अल्पसंख्यकों को मार डाला; उन्होंने कालाबुरागी और गोविंद पानसरे को मार डाला. लिखने-बोलने वालों को खत्म कर देते हैं. ये चुप्पी खतरनाक है.

2017 की कई न्यूज़ रिपोर्ट, उदाहरण के लिए, हिंदुस्तान टाइम्स में ये ज़िक्र किया गया कि नाटक का मंचन केरल के मलप्पुरम ज़िले में डेमोक्रेटिक यूथ फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया (DYFI) ने किया था. सभी रिपोर्ट्स ने सोर्स के रूप में एक स्थानीय न्यूज़ पेपर, मातृभूमि का हवाला दिया.

5 सितंबर, 2017 को बेंगलुरु में पत्रकार गौरी लंकेश की उनके आवास के बाहर हत्या कर दी गई. बाद में 8 सितंबर 2017 को पोस्ट किए गए असली वीडियो को ढूंढने के लिए हमने DYFI कलिकावु के ऑफ़िशियल फ़ेसबुक पेज की तलाश की. वीडियो के साथ दिए गए कैप्शन का अनुवाद है, “ये DYFI कलिकावु है… RSS के खिलाफ एक साहसी आइटम… गौरी लंकेश की हत्या के लिए एक नुक्कड़ नाटक के माध्यम से RSS पर एक सार्वजनिक सुनवाई…”

ഇതാണ് മോനെ കാളികാവിലെ DYFI…..
RSSൻ എതിരെ ഒരു അഡാർ ഐറ്റം….

RSSക്കാർ വെടി വെച്ച് കൊന്ന ഗൗരി ലങ്കേശിന്റെ മരണം ആസ്പഥമാക്കി RSSനെ ജനകീയ വിചാരണ ചെയ്യുന്ന തെരുവ് നാടകം….

Dyfi Kalikavu Meghla Commite program full video

Posted by Dyfi Kalikavu MC on Friday, 8 September 2017

कुल मिलाकर, इंटरनेट पर वायरल एक वीडियो के साथ ग़लत दावा किया जा रहा है कि एक RSS समर्थक महिला को मुस्लिम लोगों ने गोली मार दी. असल में ये सितंबर 2017 में किये गए एक नुक्कड़ नाटक का वीडियो है जो केरल के मलप्पुरम ज़िले के कलिकवु में DYFI द्वारा पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के विरोध में किया गया था.

जैसल E.K के इनपुट के साथ.

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