‘’शर्मनाक: बूढ़ी हिंदू महिला पर क्रूरतापूर्वक हमला किया गया, सेकुलर केरल में मूर्ति और मंदिर मुसलमानों ने तोड़े। बॉलीवुड चुप क्यों हैं? #Asifa #islam” (अनुवाद)। आदतन सांप्रदायिक नफरत फैलाने वाली वेबसाइट शंखनाद ने एक बार फिर से समाज के ध्रुवीकरण की कोशिश की और सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील खबर फैलाकर केरल को निशाने पर लिया। दूसरे ट्वीट में लिखा गया, ‘’हिंदुओं पर जिहादी हमला, आसिफ़ा पर विरोध प्रदर्शन के दौरान केरल में मंदिर तोड़ना जारी है। अगर हिंदू ऐसे ही अनजान बने रहे और एकतरफा सेकुलरिज्म जारी रहा तो इससे भी बुरी स्थिति आ सकती है।‘’ (अनुवाद) इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि शंखनाद हैंडल से आने वाली ऐसी कोई भी खबर झूठी हो और इसे सांप्रदायिक तनाव को हवा देने के एकमात्र उद्देश्य से फैलाया गया हो। ऑल्ट न्यूज ने झूठी खबर फैलाने के लिए पहले भी शंखनाद के हैंडल का कई बार पर्दाफाश किया है। आइए इस खबर के बारे में जानें…
यही ट्वीट एक पैरोडी हैंडल @BhaiyyaBabu द्वारा भी साझा किया गया है जिसमें बीजेपी एमपी परेश रावल की प्रोफ़ाइल तस्वीर इस्तेमाल करते हुए इसी तरह का शब्द हिंदी में दिया गया है, “केरल में एक हिन्दू महिला को पूजा करने की वजह से मारा गया और बेइज्ज़त किया गया ,मूर्ति तोड़ दिया शांतिदूतों ने। ज्यादा से ज्यादा शेयर करो ताकी पीड़ित महीला को इंसाफ मिल सके.#HinduDeniedEquality“।
इन हैंडलों द्वारा फैलाई गई तस्वीर छह महीने पुरानी तस्वीर है जिसे अक्टूबर 2017 में सुप्तोदिशा नामक बांग्लादेशी फेसबुक पेज द्वारा साझा किया गया था। इस फेसबुक पोस्ट के अनुसार, यह घटना बांग्लादेश के चिटगांव जिले में हुई थी।
এই মহিলাটি চট্টগ্রাম জেলাধীন বাঁশখালি থানার অন্তর্গত উত্তর জলদী গ্রামের স্থায়ী বাসিন্দা নাম পঞ্চবালা কর্মকার। অসহায় ও…
Posted by Suptodisha – সুপ্তদিশা on Sunday, 8 October 2017
इस फेसबुक पोस्ट के साथ दिए गए बंगाली टेक्स्ट का संभावित अनुवाद ये हो सकता है:
‘’यह महिला पंचाबाला कर्माकर, चिटगांव जिले के बनसखली पुलिस स्टेशन के तहत जालदी गांव की निवासी है। इस गरीब और बेसहारा महिला को उसके दबंग पड़ोसी प्रदीप घोष और उसके लड़के विश्वजीत ने पहले से योजना बनाकर बुरी तरह पीटा। उसकी हालत अभी खतरे में है। उसकी देखभाल या उसका इलाज करने वाला कोई नहीं है। कृपया इसे शेयर करें।‘’ (अनुवाद)
ऊपर दिख रही तस्वीर में एक शख्स ने बंगाली अक्षर वाली टी-शर्ट पहनी हुई है। ऑल्ट न्यूज ने इस मामले पर स्पष्टीकरण के लिए केरल पुलिस से संपर्क किया और उनका जवाब मिलने पर हम इस स्टोरी को अपडेट करेंगे। हालांकि इन तस्वीरों का मूल स्रोत अभी पता नहीं लगाया जा सका है लेकिन यह बात निश्चित रूप से कही जा सकती है कि ये तस्वीरें किसी मौजूदा घटना को व्यक्त नहीं करती हैं। इसके अलावा, टी-शर्ट पर बंगाली टेक्स्ट इस बात का सूचक है कि यह घटना केरल में नहीं हो सकती है।
शंखनाद और BhaiyyaBabu दोनों ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया जब ट्विटर यूज़र्स ने उनका झूठ पकड़ लिया और सांप्रदायिक तनाव फैलाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए केरल पुलिस को टैग किया। हालांकि नुकसान हो चुका है और उनके द्वारा शेयर की गई यह झूठी खबर फेसबुक और व्हाट्सऐप पर फैल चुकी है। इसे “वी सपोर्ट नरेंद्र मोदी” ग्रुप में भी शेयर किया गया था जिसके 26 लाख से अधिक सदस्य हैं और इस पोस्ट को 2500 बार से अधिक शेयर किया गया था। एक हम 100 करोड़ हिन्दू नामक पेज ने भी इन तस्वीरों को केरल का बता कर पोस्ट किया है जिसे अबतक 2000 से अधिक बार शेयर किया गया है।
केरल में एक हिन्दू महिला को पूजा करने की वजह से मारा गया और बेइज्ज़त किया गया !!😡😡
ऐसे लोगों के साथ क्या होना चाहिए.ज्यादा से ज्यादा शेयर करो ताकी पिरित महीला को इंसाफ मिल सके.
Posted by हम 100 करोड़ हिन्दू on Tuesday, 24 April 2018
हालांकि ट्विटर पर शंखनाद हैंडल आदतन झूठ फैलाने वाला एक जाना-माना हैंडल है लेकिन ऐसे कई अनजान यूज़र्स हैं, खास तौर पर व्हाट्सऐप पर जो इस हैंडल द्वारा फैलाए गए झूठ के जाल में फंस सकते हैं। अब यह समय आ गया है कि अधिकारी झूठी खबरें फैलाने वाले ऐसे जाने-माने हैंडल के खिलाफ कार्रवाई करे जो घायल महिला जैसी इस तरह की तस्वीर खोजने के लिए सोशल मीडिया पर छानबीन करता है और इसके इर्दगिर्द एक झूठी कहानी बनाकर पेश करता है।
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