बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पीएम शेख हसीना देश छोड़कर चली गई और इसके बाद से ही हिंसा, लूट, तोड़फोड़ के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं. न्यूज़ रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों द्वारा हमलों के भय के मद्देनज़र 7 अगस्त को कई बांग्लादेशी नागरिक को बॉर्डर के पास जमा होते हुए देखा गया था. इसके बाद भारत के बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स ने सीमावर्ती गाँववासियों से एक समन्वय बैठक कर वार्ता की. बंगाल की जलपाईगुड़ी सीमा से भारत में घुसने की कोशिश कर रहे सैकड़ों बांग्लादेशी नागरिकों को बीएसएफ ने रोका था. इस बीच, कंटीले बाड़ के दोनों ओर लोगों की भीड़ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि यह आज का भारत-बांग्लादेश सीमा का दृश्य है.
अक्सर सोशल मीडिया पर ग़लत जानकारी फैलाते हुए पाए जाने वाले यूज़र अजय चौहान ने वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि ये वीडियो असम में भारत-बांग्लादेश के बॉर्डर पर आज के दिन का है. (आर्काइव लिंक)
हिन्दू जागृति समिति से जुड़े मोहन गौड़ा नाम ने भी वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि ये असम में भारत-बांग्लादेश सीमा का वीडियो है. उन्होंने इसे बांग्लादेश में हुए तख्तापलट से जोड़कर शेयर किया. (आर्काइव लिंक)
फ़ैक्ट-चेक
वायरल वीडियो के फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ये वीडियो यूट्यूब पर 5 जून 2018 को अपलोड किया हुआ मिला. इस वीडियो के टाइटल में लिखा है कि ये भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर आयोजित होने वाला एक मिलन मेला का दृश्य है. इससे इतना तो साफ है कि ये वीडियो कम से कम 6 साल पुराना है.
यूट्यूब पर ऐसे कई वीडियो मौजूद हैं जिसमें भारत-बांग्लादेश का मिलन मेला दिखाया गया है. हमें अमर उजाला की 2019 में प्रकाशित एक रिपोर्ट भी मिली जिसमें बताया गया है कि जब से भारत-बांग्लादेश सीमा को दोस्ताना बॉर्डर घोषित किया गया है, तब से वहां के सुरक्षा बलों ने कई प्रकार के सिविक एक्शन प्रोग्राम शुरू किए हैं. इनमें से एक मिलन मेला भी है. इस प्रोग्राम में भारत की बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स (BSF) ने बांग्लादेश की सेना के साथ मिलकर साल में ऐसे लोगों के लिए एक दिन मिलन का कार्यक्रम शुरू किया है जो सामान्य श्रेणी में आते हैं या जिनके पास वीजा या पासपोर्ट लेने का पैसा नहीं है. सेना की इस पहल से सीमा के आर-पार रहने वाले लोग इस दिन अपने रिश्तेदारों को चार-पांच मीटर दूर खड़े होकर देख लेते हैं और हालचाल जान लेते हैं. इसी दौरान कुछ लोग मिठाई का आदान प्रदान भी करते हैं. भारतीय सेना के अधिकारियों के मुताबिक, इस प्रकार के मिलन समारोह से सीमावर्ती इलाके में रह रहे लोगों को फायदा हुआ है.
असम पुलिस ने भी 8 अगस्त 2024 को एक पोस्ट में वायरल दावे को खारिज किया. पोस्ट में लिखा है कि एक पुराना वीडियो असम में भारत-बांग्लादेश सीमा का हाल बताकर गलत तरीके से शेयर किया जा रहा है.
Beware of misinformation!
An old video from April 2018 is being falsely circulated as recent visuals from the India-Bangladesh border in Assam.
Action will be taken against those trying to create panic with malafide intentions.@himantabiswa @gpsinghips @HardiSpeaks pic.twitter.com/TyIt0Bx1Qh
— Assam Police (@assampolice) August 8, 2024
कुल मिलाकर, कई यूज़र्स ने एक पुराना वीडियो शेयर करते हुए इसे बांग्लादेश में तख्तापलट से जोड़ा और दावा किया कि ये असम में भारत-बांग्लादेश सीमा पर हालिया दृश्य है.
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