[डिस्क्लेमर: वायरल वीडियो में हिंसा होने के कारण इसे आर्टिकल में शामिल नहीं किया गया है.]

सोशल मीडिया पर दो वीडियोज़ शेयर किये जा रहे हैं. इनमें एक आदमी महिला का गला काट रहा है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि सूरत में एक मुस्लिम व्यक्ति ने एक हिंदू महिला की हत्या कर दी. क्योंकि महिला ने इस्लाम कबूल करने से मना कर दिया था. वीडियो के साथ शेयर किये जा रहे टेक्स्ट में हिंदुओं को “जागने” के लिए भी उकसाया गया है.

ये वीडियो @The_Real_Tiger0 और @yogeshDharmSena सहित कई ट्विटर यूज़र्स ने शेयर किया है. इससे पहले भी ट्विटर हैंडल @yogeshDharmSena ने कई बार ग़लत जानकारियां शेयर की हैं.

कई फ़ेसबुक यूज़र्स ने भी ये वीडियो शेयर किया है.

फ़ैक्ट-चेक

गूगल पर की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें इस घटना के बारे में छपी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. पुलिस उपाधीक्षक बीके वनार ने द टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया कि कॉलेज के छात्र फेनिल गोयानी ने 13 फ़रवरी को 21 वर्षीय ग्रीष्मा वेकारिया की हत्या कर दी. क्योंकि ग्रिश्मा ने लड़के के प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. फेनिल को अगले दिन सूरत के पास कामरेज इलाके से ग़िरफ्तार किया गया था.

बीके वनार ने कहा, “आरोपी और पीड़िता एक साथ स्कूल में पढ़ते थे. फेनिल गोयानी की इच्छा थी कि वो ग्रीष्मा वेकारिया के साथ रिलेशनशिप में रहे. लेकिन युवती और उसके परिजनों ने इसका विरोध किया था. शनिवार की शाम करीब 6 बजे महिला के चाचा ने फेनिल गोयानी से बात की और उससे दूर रहने को कहा. जब फेनिल गोयानी ने युवती से मिलने की कोशिश की तो उसके चाचा ने उसे रोका. फेनिल गोयानी ने उनके पेट में छुरा घोंप दिया. इसके बाद जब ग्रीष्मा और उसका भाई बाहर निकले तो गोयानी ने युवती की गला रेत कर हत्या कर दी. फिर उसने युवती के भाई को भी घायल कर दिया और अपने हाथ की नस काटकर आत्महत्या करने की कोशिश की.”

ऑल्ट न्यूज़ ने सूरत पुलिस के एक अधिकारी से बात की जिन्हें इस घटना की जानकारी थी. उन्होंने बताया, “पीड़ित और आरोपी दोनों न सिर्फ एक ही समुदाय से हैं बल्कि एक ही जाति के भी हैं.”

कोई भी मीडिया रिपोर्ट या FIR [PDF देखें] में ये नहीं बताया गया है कि आरोपी मुस्लिम समुदाय से है. IPC की धारा 302 (हत्या के लिए सजा) और 304 (गैर इरादतन हत्या के लिए सजा) के तहत FIR दर्ज़ की गई है. FIR के अनुसार, आरोपी का पूरा नाम फेनिलभाई पंकजभाई गोयानी है.

इस तरह, सूरत में हुई एक घटना को ग़लत सांप्रदायिक ऐंगल देकर सोशल मीडिया पर शेयर किया गया.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.