हाल ही में ज्यूलरी ब्रांड तनिष्क ने अपने नए विज्ञापन में दो अलग धर्म के लोगों के बीच शादी दिखाई थी जिसपर विवाद खड़ा हो गया. सोशल मीडिया पर इसे एक तबके ने आड़े हाथों लिया और इस विज्ञापन को उनकी नफ़रत का शिकार होना पड़ा. कंपनी के ब्रैंड मैनेजर मंसूर खान को सोशल मीडिया पर धमकी भरे मेसेज आने लगे और आखिरकार उन्हें अपना सोशल मीडिया अकाउंट ही हटाना पड़ा. कंपनी को इस नफ़रत और विवाद की वजह से 2 दिन में ही अपना विज्ञापन भी वापस लेना पड़ा. तनिष्क 14 अक्टूबर को वापस ख़बरों में आ गया जब NDTV ने दावा किया कि कम्पनी के गांधीधाम स्टोर पर हमला हुआ और मैनेजर पर माफ़ी मांगने का दवाब बनाया गया. ट्विटर यूज़र ‘The Skin Doctor’ ने एक कथित कॉल रिकॉर्डिंग पोस्ट की जिसमें ब्रांच मैनेजर अपने स्टोर पर हमले वाली बात को ख़ारिज कर रहे हैं.
This is fake news. I just spoke to the store manager at Tanishq Gandhidham. I hope @TanishqJewelry too issues a clarification on this. Are they hand in gloves with NDTV in this victim playing? pic.twitter.com/Gp1LrZo6jg
— THE SKIN DOCTOR (@theskindoctor13) October 14, 2020
इसके बाद चैनल पर भ्रामक सूचना देने का आरोप लगा. उसपर हम आगे बात करेंगे.
तनिष्क गांधीधाम स्टोर में 12 अक्टूबर को क्या हुआ?
इकनॉमिक टाइम्स के पत्रकार DP भट्टाचार्य ने रिपोर्ट किया, “राइट विंग ने तनिष्क के गांधीधाम स्टोर पर विज्ञापन वापस लेने के बावजूद माफ़ी वाला नोट लगाने का दबाव डाला.” हाथ से लिखे गये इस नोट में लिखा है, “हम तनिष्क के शर्मनाक विज्ञापन के लिए कच्छ के हिन्दू समुदाय से माफ़ी मांगते हैं.”
After pressure from the RW outfits, #tanishq #Gandhidham #Gujarat is forced to put out an apology notice at its showroom in Gandhidham for the already withdrawn advertisement @ETPolitics @CMOGuj pic.twitter.com/uUQeZJEWeY
— DP (@dpbhattaET) October 14, 2020
जैसा कि इसके ऊपर लिखा हुआ है, ये नोट 12 अक्टूबर को लगाया गया था. ये नोट तभी से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा था. और NDTV ने स्टोर पर हमले की घटना 14 अक्टूबर को रिपोर्ट की. चैनल ने ‘हमला (attack)’ शब्द का प्रयोग किया जिसने घटना को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया. तोड़-फोड़ या मारपीट की कोई रिपोर्ट नहीं आयी है.
लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि स्टोर को निशाना नहीं बनाया गया. एक वायरल वीडियो में एक शख्स स्टोर के कर्मचारी को धमकाते हुए दुकान के गेट पर माफ़ी वाला नोट टांगने कह रहा है. उसके आगे शख्स कहता है कि इसकी तस्वीर खींच कर उसे फ़ोन पर भी भेजी जाये.
शख्स: मैं हाथ जोड़ कर आपसे विनती कर रहा हूं कि आप इस बात को समझो और आप कल गेट पर बोर्ड लगवा दोगे.
स्टाफ़: हो सके तो हम कल सुबह 7 बजे तक लगवा देंगे.
शख्स: एक बड़ा सा बोर्ड लगाना और उसकी फोटो खींच कर मुझे भेजना.
स्टाफ़: आप अपना नंबर दीजिये.
शख्स: [अपना नंबर बोलते हुए]
ये शख्स आगे कहता है कि उसके जैसे लोगों के वजह से कर्मचारियों का पेट पलता है क्यूंकि उसके जैसे लोग ही ये प्रोडक्ट्स खरीदते हैं.
Well here is how pressure was mounted … the man in black seeking assurance from the manager of #Tanishq Gandhidham about the apology note regarding the already withdrawn ad being put up outside the showroom. “Once you put out the note call me”, he says… pic.twitter.com/3L4NwWWMo6
— DP (@dpbhattaET) October 14, 2020
गुजरात के कच्छ (पूर्वी) के एसपी मयूर पाटिल ने वीडियो के ज़रिये बयान जारी किया और कहा स्टोर में 2 शख्स घुसे और कर्मचारी को गुजराती में लिख कर माफ़ी मांगने को कहा. ये नोट लगाये जाने के बावजूद स्टोर को कच्छ और गुजरात के कई अन्य हिस्सों से धमकी भरे कॉल्स आते रहे. पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद स्टोर के बाहर निगरानी रखनी शुरू कर दी है (कोई भी FIR दर्ज नहीं हुई है). एसपी पाटिल ने साफ़ किया कि दुकान में तोड़-फोड़ या हमला नहीं हुआ है.
For those who cried “fake news” … please listen to SP Kutch(East) Mayur Patil… read the tweet again, I wrote pressure and not vandalism. please understand we at @EconomicTimes don’t peddle fake news. Appreciate truth… it helps https://t.co/2I8GIeh7w6 pic.twitter.com/H3YUadVF1m
— DP (@dpbhattaET) October 14, 2020
हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं कर पाया कि पुलिस ने दुकान में सिर्फ़ 2 लोगों के घुसने का जो दावा किया है, वो सही है या नहीं. उस रात की तस्वीरों में दुकान के बहार 2 से काफ़ी ज़्यादा लोग नज़र आते हैं.
આ છે મારો કચ્છડો બારે માસ..
ગાંધીધામ તનિષ્ક શોરૂમ વાળાએ જાહેરમાં માફી માંગતું સ્ટીકર શોરૂમના કાચ પર લગાડ્યું.. pic.twitter.com/OhBqqfLoS1— नंदु आहीर (@NANDUVARU) October 13, 2020
NDTV को करना पड़ा लोगों के गुस्से का सामना
गुजरात से विधायक पियूष देसाई, कर्नाटक से एमपी शोभा करंदलाजे, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव दुष्यंत कुमार गौतम, उड़ीसा से एमपी संगीता कुमारी सिंह देव, गुजरात से विधायक प्रदीप सिन्ह जडेजा और भाजपा सदस्य आशा नकुम और विकास पांडे समेत कई भाजपा नेताओं ने NDTV पर ग़लत न्यूज़ रिपोर्ट करने का आरोप लगाया.
इनके अलावा सुरेन्द्र पूनिया, अंशुल सक्सेना, ऑपइंडिया, रमेश सोलंकी, मिन्हाज मर्चेंट, माधव शर्मा, आशु @muglikar और प्रशांत पटेल उमराव जैसे ‘अच्छी फ़ॉलोविंग’ वाले लोगों ने चैनल की आलोचना की.
(पढ़ें: प्रशांत पटेल उमराव और उनके द्वारा फैलायी गयी अनगिनत भ्रामक सूचनायें.)
हालांकि, NDTV अकेला चैनल नहीं था जिसने स्टोर पर हमले की बात कही. India.com, टाइम्स नाउ, वन इंडिया और द लॉजिकल इंडियन ने भी इस न्यूज़ को फ़ॉलो करते हुए पब्लिश किया.
NDTV ने बाद में ‘हमला’ शब्द को ‘धमकी’ (‘attack to ‘threats’) से बदल दिया और पुलिस की जानकारी के साथ ट्वीट अपडेट कर दिया.
Update: Tanishq source alleges threat to store. Gujarat cops say no attack at store but threats were issued. Apology note was put up at store.
Read here: https://t.co/BI8DCNL4HT— NDTV (@ndtv) October 14, 2020
चैनल की सबसे पहली रिपोर्ट में दुकान में तोड़-फोड़ की बात की गयी थी जबकि कर्मचारियों को धमकाया गया था. हालांकि, चैनल की ऑनलाइन आलोचना करने के बीच लोग ये समझने में असफल रहे कि स्टोर को सिर्फ़ धमकी नहीं दी गयी बल्कि कुछ लोगों ने दुकान में घुस कर कर्मचारियों को माफ़ी वाला नोटिस दुकान के गेट पर लगाने के लिए मजबूर किया था. कई पुलिसवालों को दुकान के बाहर निगरानी के लिए तैनात करना पड़ा. ये वो बड़ा मुद्दा है जिसके बारे में बात नहीं की गयी. सरकारी एजेंसी PIB ने NDTV की रिपोर्ट का फ़ैक्ट चेक किया और कहा कि स्टोर पर कोई हमला नहीं हुआ, जो कि अर्धसत्य है.
Claim: NDTV has reported that a mob attacked a #Tanishq store in Gandhidham, Gujarat. #PIBFactCheck: This claim is #Fake. No such incident has taken place in any Tanishq store. pic.twitter.com/MgqWUElFns
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) October 14, 2020
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