कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में अपनी जीत के बाद सिद्धारमैया को कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में चुना. इन सब के बाद सोशल मीडिया पर पुलिस के साथ ज़्यादातर मुस्लिम लोगों की बातचीत के कई वीडियोज सामने आए, जिन्हें शेयर करते हुए कहा जाने लगा कि जबसे कांग्रेस सत्ता में आई है, कर्नाटक की स्थिति दिन-ब-दिन खराब हो रही है.

पहला दावा: कांग्रेस नेता कर्नाटक पुलिस पर शर्तें थोप रहे हैं

सोशल मीडिया पर शेयर किये जा रहे इस वीडियो में कुछ लोग कांग्रेस सदस्य होने का दावा कर रहे हैं. उनमें से एक नेता कर्नाटक पुलिस के साथ बहस कर रहा है. दावा किया जा रहा है कि नेता ने पुलिस को अपने घर बुलाकर कह रहे हैं कि जैसा वो कहेंगें वैसा ही करना होगा.

ट्विटर यूज़र विधी दीक्षित ने 16 मई को ये वीडियो शेयर किया. उन्होंने इसे शेयर करते हुए लिखा, “कर्नाटक:<कांग्रेसी MLA”जफर हुसैन मेराज” (नामपल्ली विधायक) जाचटियाल ने एक पुलिस अधिकारी (एसबी) को घर बुलाकर….शांति प्रिय’ ढंग से समझाते हुए।कहां जैसा हम कहेंगे वैसा ही करना होगा.” ट्वीट को 70 हज़ार से ज़्यादा बार देखा और 2 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)

ट्विटर ब्लू यूज़र ‘प्रोफ़ कपिलकुमार, डीटरमाइंड नेशनलिस्ट’, के ट्वीटर पर 20 हज़ार से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं. इन्होंने भी 17 मई को ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “जैसा हम कहेंगे वैसा करना पड़ेगा।कर्नाटक में कांग्रेसी विधायक एक पुलिस अधिकारी को अपने घर बुलाकर शांति प्रिय ढंग से समझाते हुए.” (आर्काइव)

ट्विटर ब्लू यूज़र जीवी नायर ने भी इसी कैप्शन के साथ वीडियो पोस्ट किया. (आर्काइव)

@angryladki, @Sarvesh38453373, @SKishor_ और @SinghOfMaha सहित कई अन्य यूज़र्स ने वीडियो को अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर शेयर किया. उनमें से कुछ नीचे देखे जा सकते हैं:

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फ़ैक्ट-चेक

रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें डेक्कन क्रॉनिकल की 11 मई की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली जिसमें वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट था. रिपोर्ट की हेडलाइन का हिंदी अनुवाद है: “महिला और उसकी मां पर हमला करने वाले जगतियाल ग्रामीण SI सस्पेंड.” आर्टिकल में छपी तस्वीर के कैप्शन में कहा गया है, “RTC बस में एक छात्रा और उसकी मां पर हमले के संबंध में MIM नेताओं ने पुलिस अधीक्षक ए भास्कर से उनके कार्यालय में मुलाकात की.”

डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के मुताबिक, 11 मई को जगतियाल (तेलंगाना का एक शहर) में पुलिस उप-निरीक्षक ए अनिल को RTC बस में दो महिला यात्रियों (मां और बेटी) पर हमला करने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया था. रिपोर्ट में ये भी ज़िक्र किया गया है कि इससे पहले SI के सस्पेंड के दिन, नामपल्ली के विधायक और AIMIM नेता जाफर हुसैन मेराज और ज़िला इकाई के अध्यक्ष यूनुस नदीम ने इस महिला के घर का दौरा किया था, जो पोस्टग्रेजुएट की छात्रा भी है.

विधायक ने 11 मई को ये ट्वीट भी किया था. (आर्काइव)

वायरल वीडियो में हमने कुछ बातों पर भी गौर किया-

  1. वीडियो के ऊपरी दाएं कोने पर AIMIM का सिंबल
  2. विधायक के नाम व जगह का उल्लेख

वीडियो में एक टेक्स्ट मौजूद है जिसका हिंदी अनुवाद है, “जगतियाल में जाफर हुसैन मेराज SB (विधायक, नामपल्ली)” इससे पता चलता है कि ये घटना तेलंगाना की है.

यानी, ये साफ़ है कि वीडियो कर्नाटक का नहीं, बल्कि तेलंगाना का है और इसमें AIMIM नेता जाफर हुसैन मेराज को पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ तेलंगाना पुलिस से SI अनिल के सस्पेंसन के बारे में बात करते हुए दिखाया गया है.

दूसरा दावा: कांग्रेस समर्थकों ने कर्नाटक पुलिस को धमकी दी

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें टोपी पहना एक व्यक्ति, एक पुलिसकर्मी को धमका रहा है. वीडियो शेयर करते हुए लिखा जा रहा है, “*कांग्रेस की जीत : अभी तो मुख्य मंत्री ने शपथ भी नही ली और ये हाल है कर्नाटक में.”

15 मई को ट्विटर ब्लू यूज़र विनी ने ये वीडियो इसी कैप्शन के साथ शेयर किया. (आर्काइव)

एक अन्य ट्विटर यूज़र नरेन मुखर्जी ने भी ये वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किया. (आर्काइव)

कई अन्य यूज़र्स ने भी सोशल मीडिया पर इसी तरह के दावे के साथ वीडियो शेयर किया.

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फ़ैक्ट-चेक

सबसे पहले हमने देखा कि नरेन मुखर्जी के ट्वीट पर कमेंट करते हुए कुछ यूज़र्स इस वीडियो को पुराना बता रहे हैं, और कुछ ने लिखा कि ये महाराष्ट्र का है.

इन बातों को ध्यान में रखते हुए हमने वीडियो को कई की-फ़्रेम में तोड़ा और उनमें से कुछ फ़्रेम्स का रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें 20 सितंबर, 2018 के एक फ़ेसबुक पोस्ट पर वायरल वीडियो का एक लंबा वर्जन मिला. हमने देखा कि वीडियो में 20 सेकंड पर एक व्यक्ति पुलिसकर्मी से मराठी में बात कर रहा है.

 

 

Dhuley Maharashtra.

Miya Bhai Bolteyyyyy Aandoooo!!!

Posted by Jubileehills Feroz Khan on Wednesday, 19 September 2018

इसी पोस्ट पर हमें 9 मार्च, 2021 को मराठी में किया गया एक कमेंट मिला जिसमें लिखा है, “ये वीडियो चोपड़ा बस स्टैंड का है. बात 3 साल पहले की है. ये सब फल विक्रेता को पुलिस द्वारा पीटे जाने की वजह से हुआ था.”

उपरोक्त सभी जानकारी के साथ हमने फ़ेसबुक पर सबंधित की-वर्डस सर्च किया. हमें सितंबर 2018 में पोस्ट किए गए वीडियोज मिले जो इस घटना से संबंधित थे.

हमने इस बात की पुष्टि के लिए चोपड़ा पुलिस स्टेशन से संपर्क किया. कंट्रोल रूम से पुलिस कर्मियों ने बताया कि घटना सच में 2018 की है और ये चोपड़ा बस स्टैंड पर हुई थी.

चोपड़ा पुलिस स्टेशन के मुताबिक, “पुलिस कांस्टेबल श्रीखांत गांगुर्दे वहां ड्यूटी पर तैनात थे और उन्होंने फल विक्रेताओं को बस स्टैंड के अंदर अपनी दुकान नहीं लगाने के लिए कहा क्योंकि वो जगह शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए आरक्षित थी, इसी बात को लेकर दोनों में हाथापाई हो गई.”

कंट्रोल रूम से भी ये बताया गया कि उन्होंने गांगुर्दे के ड्यूटी पर रहने के दौरान अशांति फ़ैलाने वालों पर IPC की धारा 353 (हमला या सरकारी कर्मचारी को अपने कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए आपराधिक बल का प्रयोग) के तहत मामला दर्ज़ किया था और मामला अभी भी अदालत में लंबित है .

कुल मिलाकर, टोपी पहने व्यक्ति द्वारा पुलिसकर्मी को धमकाने का वायरल वीडियो कर्नाटक का नहीं है. ये 2018 में हुई महाराष्ट्र की घटना है.

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