हाल ही में महाराष्ट्र के कोल्हापुर में पुलिस ने एक ट्रक पकड़ा था जिसमें कई नाबालिग बच्चे सवार थे. पुलिस की मौजूदगी में ट्रक से उतरते हुए लड़कों का एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि ये बच्चे अवैध रूप से बांग्लादेश से भारत में घुसे हैं. कुछ यूज़र्स का कहना है कि ये रोहिंग्या मुस्लिम हैं जो अवैध रूप से बांग्लादेश से भारत में पलायन कर रहे है. वीडियो में दिख रहे ज़्यादातर बच्चे ने मुस्लिम धर्म से जुड़ी टोपी पहनी है.

ट्विटर ब्लू यूजर, शिवम दीक्षित के बायो में बताया गया है कि वो RSS के मुखपत्र पाञ्चजन्य के डिप्टी एडिटर हैं. शिवम ने 19 मई को ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “महाराष्ट्र कोल्हापुर में 63 मुस्लिम बच्चों को ले जा रहा एक ट्रक आज दोपहर 2 बजे रुइकर कॉलोनी के पास पुलिस ने पकड़ा। सभी बच्चों ने खुद को बिहार से होने का दावा किया, लेकिन उनके पास से पश्चिम बंगाल के रेलवे टिकट बरामद हुए है. अब बता दूँ कि बांग्लादेश से रोहिंग्याओं को पश्चिम बंगाल में प्रवेश कराया जाता हैं और वहां से देश भर में पहुंचाया जा रहा हैं. आखिर क्या है प्लान…?” ट्वीट को 1,22,000 से ज़्यादा बार देखा और 2 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)

ट्विटर यूज़र ‘Izlamic Terrorist’ (@raviagrawal3) ने 18 मई को ये वीडियो पोस्ट किया और लिखा, “अलर्ट🚨’आखिर प्लान क्या है’..? 🤔महाराष्ट्र कोल्हापुर : 63 मुस्लिम बच्चों को ले जा रहा एक ट्रक आज दोपहर 2 बजे रुईकर कॉलोनी (कोल्हापुर) के पास पकड़ा गया. बच्चों ने बिहार से होने का दावा किया, लेकिन उनके पास पश्चिम बंगाल का रेलवे टिकट पाया गया.” (आर्काइव)

कमेंट्स में एक यूज़र ने @raviagrawal3 से पूछा कि क्या ये बच्चा तस्करी का मामला है. इस पर @raviagrawal3 ने जवाब दिया कि ये बच्चे नहीं हैं, ये आतंकवादी हैं.

एक अन्य ट्विटर यूज़र @KumarSingh600 ने उसी दिन ये वीडियो शेयर करते हुए कोल्हापुर में 63 बांग्लादेशी पकड़े जाने की बात की. (आर्काइव)

ट्विटर और फ़ेसबुक पर ऐसी और भी पोस्ट देखी जा सकती हैं जिनमें बच्चों को बांग्लादेशी या रोहिंग्या बताया गया है.

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फ़ैक्ट-चेक

की-वर्डस् सर्च करने पर हमें इस मामले पर न्यूज़ चैनल्स की कुछ रिपोर्ट और वीडियो कवरेज मिली. इंडिया टीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रक में सवार 63 मुस्लिम बच्चे बिहार के थे और वे एक मदरसे में पढ़ने के लिए महाराष्ट्र के कोल्हापुर जा रहे थे. रिपोर्ट में ये भी ज़िक्र किया गया है कि घटना 17 मई की है और कुछ हिंदुत्व संगठनों द्वारा शक जताने के बाद पुलिस ने ट्रक को रोक दिया था. बाद में पुलिस ने देखा कि सभी बच्चों के पास उनके आधार कार्ड थे जिनसे उनकी पहचान की पुष्टि की जा सकती थी. मामले की पुष्टि के लिए मदरसे के मौलाना से भी संपर्क किया गया, उन्होंने पुलिस को बच्चों के नाम, परिवार का विवरण, जैसी अन्य जानकारी दी.

हमें INS टीवी की एक वीडियो रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में ज़िक्र किया गया कि शुरूआत में पुलिस को शक था कि ये बाल तस्करी का मामला है क्योंकि बच्चे दूर से आए थे. लेकिन बाद में पता चला कि वे महाराष्ट्र के कोल्हापुर स्थित एक मदरसा में पढ़ने आए थे.

मामले के बारे में डिटेल में जानने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने कोल्हापुर पुलिस से संपर्क किया. एक अधिकारी ने हमें बताया, “ये बच्चे कुछ समय से कोल्हापुर ज़िला के अजारा कस्बे के एक मदरसा में पढ़ रहे हैं और ईद की छुट्टी पर अपने घर गए थे. इस बार, जब वे अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करने के लिए मदरसा वापस आ रहे थे, तभी ये घटना हुई थी क्योंकि वे सभी एक ट्रक में यात्रा कर रहे थे.” पुलिसकर्मी ने कहा कि बच्चे काफी समय से बिहार के दो ज़िलों से पढ़ाई के लिए कोल्हापुर आ रहे थे.

हमने एक पुलिसकर्मी से भी संपर्क किया जो इस मामले की जांच कर रहे हैं. उन्होंने हमें बताया कि बच्चों को कोल्हापुर बाल कल्याण समिति (CWC) को सौंप दिया गया है. घटनाक्रम से जुड़े एक सोर्स ने हमें बताया कि लड़के बिहार के अररिया और सुपौल ज़िले के थे और वे पुणे जाने के लिए पश्चिम बंगाल के हावड़ा स्टेशन से ट्रेन में सवार हुए थे जहां से उन्होंने कोल्हापुर की यात्रा की थी.

CWC कोल्हापुर के एक सदस्य ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “बच्चे हमारी हिरासत में हैं और उन्हें बिहार में उनके घर वापस भेज दिया जाएगा. हमने CWC बिहार से संपर्क किया और उनकी पहचान की पुष्टि की गई.” CWC ने ये भी बताया कि ट्रक में मौजूद बच्चों की संख्या 69 थी.

कुल मिलाकर, ये दावा बिल्कुल झूठा है कि ये बच्चे बांग्लादेश के अवैध प्रवासी हैं या रोहिंग्या समुदाय के हैं जिन्होंने अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था. वीडियो में दिख रहे बच्चे एक मदरसा में पढ़ाई करने के लिए बिहार से पश्चिम बंगाल होते हुए कोल्हापुर आए हैं.

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