कल्पना करें कि जागने पर आपको एक राष्ट्रीय समाचारपत्र में खबर मिले कि आप गायब हैं और इसका संबंध किसी तरह उस व्यक्ति से जोड़ा जाए जो आतंकवादी समूह से जुड़ चुका है। एक भूवैज्ञानिक और उसके परिवार को इसी तरह की भयानक स्थिति से गुजरना पड़ा जब टाइम्स ऑफ इंडिया की एक स्टोरी में उसका उल्लेख करते हुए यह हेडलाइन दी गई ”हिज्बुल से जुड़ने वाले एएमयू के पीएचडी छात्र का रूममेट भी गायब है।” अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का पीएचडी स्कॉलर मन्नान बशीर वानी कथित रूप से आतंकवादी समूह हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़ चुका है, यह खबर आने के एक दिन बाद टाइम्स ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट दी कि उसका रूममेट भी गायब है। अलीगढ़ के एसएसपी, राजेश पांडेय को उद्धृत करते हुए समाचार पत्र ने दावा किया कि आरंभिक जांच से पता चला है कि रूममेट जोकि बारामूला का निवासी है, वह भी जुलाई 2017 से लापता है। यही स्टोरी एबीवी न्यूज, फर्स्टपोस्ट, न्यूजएक्स और वेब पोर्टल ऑपइंडिया द्वारा टाइम्स ऑफ इंडिया की स्टोरी को उद्धृत करते हुए चलाई गई जबकि इसके लिए इन मीडिया संस्थानों ने स्वतंत्र रूप से कोई सत्यापन नहीं किया।
जब रूममेट गायब होने की खबर झूठी होने के बारे में फ्री प्रेस कश्मीर में रिपोर्ट प्रकाशित हुईं तो ऑल्ट न्यूज उससे संपर्क करने में कामयाब रहा और यह पाया कि वह ”गायब” नहीं है। उसने ऑल्ट न्यूज से पुष्टि की कि उसने 2015 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से अपनी एमएससी की पढ़ाई पूरी की और पीएचडी में दाखिला लिया। उसने यह पीएचडी पूरी नहीं की और 2016 में उसने यूनिवर्सिटी छोड़ दी। इसके बाद से ही वह नागपुर में एक खनन कंपनी में भूवैज्ञानिक के तौर पर काम कर रहा है।
फ्री प्रेस कश्मीर से फोन पर हुई बातचीत में उसने कहा, ”मैं यह रिपोर्ट देखने के बाद से काफी परेशान हूँ। मेरा यहाँ एक कॅरियर और जिंदगी है और इस समाचार रिपोर्ट ने मुझे खतरे में डाल दिया है। इस पत्रकार ने यह रिपोर्ट करने के दौरान कभी भी मुझे फोन नहीं किया या मुझसे बात नहीं की। मैं नहीं जानता कि वे यह दावा कैसे कर रहे हैं कि मैं गायब हूँ और इससे उनका क्या मतलब है।”
बारामूला पुलिस ने भी एक ट्वीट में इस बात की पुष्टि की कि बारामुला के लड़के के गायब होने संबंधी कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट झूठी है।
The report carried by section of media about Baramulla boy Muzamil Husain going missing from AMU is incorrect and is hereby refuted.The boy has been working as Assistant Geologist in MECL Nagpur,Mahrashtra since October,2016.
— Baramulla Police (@BaramullaPolice) January 9, 2018
एएमयू ने भी अपनी वेबसाइट पर एक बयान पोस्ट किया है, ”एएमयू स्पष्ट रूप से यह बताना चाहता है कि कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा प्रस्तुत की गई जानकारी तथ्यों को गलत ढंग से पेश करने की कोशिश है जिससे बहुत बड़ी गलतफहमी पैदा हो सकती है। (अनुवाद)” इस बयान में, प्रोफेसर अबु तालिब (अध्यक्ष, भूविज्ञान विभाग, एएमयू) ने बारामुला पुलिस की बात को दोहराया है।
अलीगढ़ के एसपी अतुल श्रीवास्तव ने दावा किया कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि यह छात्र गायब है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ”मैंने रिपोर्टर को केवल यह बताया कि वह अलीगढ़ में नहीं है। आज, यह बात साफ हो गई कि वह एक कंपनी में काम कर रहा है। (अनुवाद)” इंडियन एक्सप्रेस ने भी रूममेट के भाई का बयान उद्धृत किया, ”मेरा भाई 16 महीने से अधिक समय पहले एएमयू से जा चुका है, इसके बाद जल्दी ही एक कंपनी में भूविज्ञानी के तौर पर उसकी नौकरी लग गई और पुलिस सत्यापन के बाद उसने वहाँ काम करना शुरू कर दिया। मेरे भाई ने अपने प्रोफेसर साहब और गाइड साइब को अपने यूनिवर्सिटी छोड़ने और कंपनी में काम करने के बारे में इत्तला दे दी थी।” (अनुवाद)
यह खबर लिखे जाने तक, बारामूला पुलिस, एएमयू और स्वयं रूममेट द्वारा पुष्टि किए जाने के बावजूद टाइम्स ऑफ इंडिया की ओर से कोई माफी या स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है। यह स्टोरी अभी भी उनकी वेबसाइट पर मौजूद है हालांकि उस व्यक्ति का नाम हटाकर इसे संपादित कर दिया गया है। फर्स्टपोस्ट और एबीवी न्यूज ने यह स्टोरी डिलीट कर दी है। ऑपइंडिया ने मूल स्टोरी की जगह दूसरी स्टोरी लगाई है जिसमें रूममेट के परिजन दावा करते हैं कि गायब रूममेट दरअसल गायब नहीं है। न्यूज़एक्स ने अपनी ट्वीट और स्टोरी डिलीट नहीं की है। टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा इस तरह की सुस्त पत्रकारिता वाली खबर ने एक निर्दोष व्यक्ति और उसके कॅरियर को खतरे में डाल दिया है। वह और उसके परिवार के लोग परेशान होकर मीडिया संस्थानों को फोन करके बता रहे हैं कि वह गायब नहीं है और अनुरोध कर रहे हैं कि उसका नाम उनकी स्टोरी से हटा दिया जाए। इस घटना में हमने एक बार फिर से देखा कि एक असत्यापित खबर को मीडिया द्वारा सनसनी के तौर पर पेश किया गया और सच्चाई सामने आने पर वे माफी मांगने या यह खबर वापिस लेने से कतरा रहे हैं।
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