एक अख़बार की क्लिप शेयर की जा रही है. इसका हेडलाइन है, “गुजरात और हिमाचल प्रदेश का चुनाव बीजेपी ने ईवीएम हेकिंग से जीता है – टीएस कृष्णमूर्ति पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त.” ये तस्वीर फ़ेसबुक पर कई लोगों ने शेयर किया है.
ईश्वर इनकी रक्षा करें 🙏 मॉर्निंग वॉक पर pic.twitter.com/9dysTS0XZF
— 𝐈𝐧𝐝𝐢𝐚 𝐀𝐰𝐚𝐤𝐞𝐧𝐞𝐝 (@IndiaAwakened_) April 2, 2021
फ़ेसबुक पर ये क्लिप वायरल है.
2017 में किया गया ग़लत दावा
www.thedailygraph.co.in. वेबसाइट ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त का हवाला देकर एक लेख लिखा. इसमें लिखा है, “पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने यह कह कर सनसनी फैला दी है कि उत्तर प्रदेश उत्तराखंड गुजरात और हिमाचल प्रदेश का चुनाव सिर्फ और सिर्फ बीजेपी नें ईवीएम हेकिंग की वजह से जीता है.”
इस आर्टिकल के लिखे जाने तक डेलीग्राफ का ये लेख फेसबुक पर 2571 बार शेयर किया गया था. जबकि इस वेबसाइट ने जैसा कि ऊपर तस्वीर में देखा जा सकता है अपने शेयर काउंट्स भी नकली डाला है कि इसे अलग-अलग वेबसाइट पर लगभग 35000 बार शेयर किया गया है. गुजरात और हिमाचल-प्रदेश के विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के 3 दिन बाद यह रिपोर्ट 21 दिसम्बर, 2017 को प्रकाशित किया गया था. जैसा कि नीचे तस्वीर में देखा जा सकता है ये लेख एक हिंदी समाचार-पत्र ने छापा है ऐसा दिखता है और इसी तस्वीर को वायरल किया जा रहा है. ऑल्ट न्यूज़ अभी तक यह सत्यापित नहीं कर सका है कि किस समाचर-पत्र ने कौन सी तारीख को यह लेख प्रकाशित किया था.
आम आदमी पार्टी के चीफ़ मीडिया को-ओर्डिनेटर विकास योगी और AAP के पूर्व सोशल मीडिया और आईटी हेड अंकित लाल ने 2017 में द डेलीग्राफ़ का आर्टिकल शेयर किया था. कांग्रेस MLA विकास ठाकरे ने 2018 में शेयर किया था.
टीएस कृष्णमूर्ति ने इस दावे को ख़ारिज किया
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने ऑल्ट न्यूज़ से हुए बातचीत में इस खबर को फर्जी बताया और कहा कि उन्होंने ऐसी कोई टिपण्णी नहीं की है. उन्होंने कहा, “यह जानकारी पूरी तरह से गलत है, मैंने कभी गुजरात चुनावों में ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के काम के बारे में कोई राय नहीं व्यक्त की है. मैंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता के बारे में कोई सवाल नहीं उठाए है. मुझे इसके बारे में कोई संदेह नहीं है.” 18 दिसंबर, 2017 को जिस दिन गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित किए गए थे, कृष्णमूर्ति ने एक बयान जारी कर दिया था कि अब ईवीएम की आलोचना बंद होनी चाहिए, क्योंकि इसने अपना काम अच्छी तरह से किया.”
भारतीय चुनाव प्रणाली में 1998 में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की शुरुआत हुई थी और तबसे इसकी हैकिंग की संभावना पर विवाद उभरता रहा है. असम में चल रहे दूसरे चरण के मतदान के कुछ घंटे बाद एक वीडियो सामने आया जिसमें पथारकंडी से BJP उम्मीदवार कृष्णेंदु पॉल की कार में कथित तौर पर ईवीएम रखा हुआ दिखाया जा रहा था.
Breaking : Situation tense after EVMs found in Patharkandi BJP candidate Krishnendu Paul’s car. pic.twitter.com/qeo7G434Eb
— atanu bhuyan (@atanubhuyan) April 1, 2021
पांच राज्यों में होने वाले चुनाव के मद्देनज़र पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति के नाम पर फ़र्ज़ी बयान फिर से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.
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