सोशल मीडिया पर प्याज़ की बोरियों से लदे हुए मालवाहक ट्रकों के एक वीडियो को व्यापक रूप से इस दावे से साझा किया जा रहा है कि ममता सरकार ने सब्जियों को पश्चिम बंगाल की घोजाड़ांगा सीमा पर इक्क्ठा कर रखा है, ताकि प्याज़ कीमतों में हुई बढ़ोतरी को बरकारार रखा जा सके।

 

ममता सरकार और कांग्रेस पार्टी की मिलीभगत से प्याज का स्टॉक सड़ रहा है। ट्रांसपोर्टरों की कोई सुनवाई नहीं है।
*मोदी सरकार को किसी तरह बदनाम किया जाए ताकि प्याज की सप्लाय रुक जाए और महंगाई बढ़ती रहे। *
लगभग 200 से ऊपर प्याज की गाड़ियों को रोक दिया है। सुनिए इस वीडियो को।😡😡👇

Posted by Avani Hindustani on Monday, 9 December 2019

प्याज़ की कीमतों में बढ़त बिन मौसम आयी बरसात से उत्पादन की कमी के कारण हुई है। हालांकि, वीडियो के साथ साझा किये गए संदेश में पश्चिम बंगाल सरकार और कांग्रेस पार्टी की मिलीभगत को कीमतों की बढ़ोतरी का ज़िम्मेदार बताया गया है। सन्देश के अनुसार – “ममता सरकार और कांग्रेस पार्टी की मिलीभगत से प्याज का स्टॉक सड़ रहा है। ट्रांसपोर्टरों की कोई सुनवाई नहीं है। *मोदी सरकार को किसी तरह बदनाम किया जाए ताकि प्याज की सप्लाय रुक जाए और महंगाई बढ़ती रहे। *लगभग 200 से ऊपर प्याज की गाड़ियों को रोक दिया है। सुनिए इस वीडियो को।”

वीडियो की पृष्भूमि में एक व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “सभी ट्रक भाइयों से विनती है कि घोजाड़ांगा बॉर्डर जो वेस्ट बंगाल में है, वहाँ का प्याज़ मत भरिये। यहां पर हम लोग 25 सितम्बर से खड़ा है और आज 5 अक्टूबर हो चूका है। और यहां पर कोई पार्टी सुनवाई नहीं कर रहा है और ना ही कोई ट्रांसपोर्ट वाला फ़ोन उठा रहा है और सब गाड़ी के नीचे का प्याज़ सड़ चूका है, पानी निकल रहा है गाड़ी के नीचे से और गाड़ीवाला किश्त कहाँ से देगा, जब गाड़ी ही नहीं खाली होगा और यहां पर कोई पार्टी सुनवाई नहीं कर रही है। घोजाड़ांगा बॉर्डर में यहां पर कम से कम 200 गाड़ी प्याज़ खड़ा है। और ना यहां पर कोई डिटैन मिलता है गाड़ीवाले को कि हाँ आप यहां पांच दिनों से खड़े है। यहां का प्याज़ मत भरिये। घोजाड़ांगा बॉर्डर वेस्ट बंगाल सभी गाड़ीवालों से विनती है कि आप प्याज़ यहां का कभी मत लोड करिये।”

वीडियो में बताई जाने वाली कहानी से ही इस बात का पता चलता है कि यह वीडियो हाल का नहीं बल्कि 5 अक्टूबर का है।

वास्तव में यह वीडियो 5 अक्टूबर से सोशल मीडिया पर प्रसारित है। फेसबुक उपयोगकर्ता सुनीता प्रजापति द्वारा पोस्ट किये गए इस वीडियो को 1 लाख से ज़्यादा बार साझा और करीब 15 लाख बार देखा जा चूका है। पोस्ट के साथ किये गए दावे में किसी भी पार्टी को इसके लिए ज़िम्मेदार नहीं बताया गया है, जिसके अनुसार –“प्याज की ब्लैक मार्केटिंग करने के लिए जानबूझकर प्याज सड़ा दिया जा रहा है। 200 ट्रक मतलव 20000 किलो प्रति ट्रक। 40 लाख कीलो प्याज सड़ रहा है वार्डर पर खड़ा। अगर बाजार में पहुंच गया तो दाम आधे से भी कम हो जाएंगे प्याज के।”

यह समान क्लिप फिर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधने के लिए इस्तेमाल की गई थी। एक उपयोगकर्ता ने वीडियो साझा करते हुए लिखा कि –“देश के कई राज्यों में जानबूझकर प्याज का स्टॉक जमा करके सड़ाया जा रहा है सरकार को बदनाम करने के लिए कांग्रेस की बहुत बड़ी चाल है इस समय सरकार का सपोर्ट करें विरोध करें नहीं करें।”

झूठा दावा

ऑल्ट न्यूज़ ने घोजाड़ांगा सीमा की एक स्थानीय मालवाहक कंपनी से सम्पर्क किया, हमें बताया गया कि दो महीने पहले बांग्लादेश में प्याज़ ले जाने के लिए मालवाहक ट्रकों को सीमा पर रखा गया था –“इस क्षण, घोजाड़ांगा सीमा पर कोई ट्रक मौजूद नहीं है। यहां पर 2-3 महीने पहले भारत से बांग्लादेश निर्यात किये जाने वाले प्याज़ के ट्रक उपस्थित थे।”

29 सितम्बर, भारतीय सरकार ने घरेलू मार्केट में प्याज़ की आपूर्ति में कटौती होने पर बांग्लादेश को प्याज़ निर्यात करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की 5 अक्टूबर की रिपोर्ट के अनुसार, “नासिक से 6,750 टन प्याज़ लादे हुए करीब 225 ट्रक [भारत-बांगलादेश सीमा], सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध की वजह से खड़े है।” (अनुवाद) हालांकि, ट्रक प्रतिबंध लगाने से पहले ही नासिक से निकल चुके थे।

रिपोर्ट में आगे बताया गया है, “पश्चिम बंगाल की महादिपुर और घोजाड़ांगा सीमा पर फंसे ट्रकों के साथ, नासिक के प्याज व्यापारियों ने [डिंडोरी सांसद भारती] पवार से मुलाकात की, जिन्होंने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के सामने इस मामले को उठाया था।” मीडिया संगठन ने पवार के हवाले से बताते हुए कहा, “29 सितम्बर को सीमा के चेकपोस्ट पर इन ट्रकों को रोका गया था। हालांकि, सरकार ने उन्हें शुक्रवार (4अक्टूबर) को जाने दिया था।” (अनुवाद)

पवार द्वारा बताई गई समयसीमा वीडियो में बताई गयी समयसीमा से मेल खाते हैं। ट्रक बांग्लादेश जाने के लिए, प्रतिबंध लागू होने से पहले ही 29 सितम्बर को निकल चुके थे। इस वीडियो को 5 अक्टूबर को लिया गया था और बांग्लादेशी रिपोर्ट के अनुसार प्याज़ उसी दिन भोमरा भूमि बंदरगाह पर पहुंचने लगा था। बांग्ला ट्रिब्यून के अनुसार, प्याज़ 4 अक्टूबर की दोपहर से 5 अक्टूबर तक पहुंच चुके थे। इसमें बताया गया है कि पैसों का भुगतान व्यापारियों ने पहले ही कर दिया था लेकिन प्रतिबंध की वजह से माल का कुछ टन नुकसान हुआ था। उसके अलावा, संयोग से दोनों देशो में 4 से 8 अक्टूबर के बीच दुर्गापूजा भी थी, जिस कारण देरी हुई। लेख के अनुसार, “छुट्टी के कारण भी दोनों देशो के बीच सीमा की गतिविधि बंद थी।” (अनुवाद)

हालांकि, डेली इत्तेफ़ाक़ के अनुसार, 5 अक्टूबर की दोपहर से शाम तक 2200 मीट्रिक टन प्याज़ सीमा में आयी थी उनमें 5-20% प्याज़ ख़राब हो चुकी थी। लेख में, घोजाड़ांगा सीमा पर प्याज़ के ट्रकों के रोकने और सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध की बात भी बताई गयी थी।

वीडियो झूठे दावे से वायरल

यह वीडियो फेसबुक पर व्यापक रूप से इस झूठे दावे से प्रसारित है कि इन ट्रकों को प्याज़ की जमाखोरी करने और ख़रीफ़ फसल के मूल्य बढ़ाने के लिए घोजाड़ांगा सीमा पर रोका गया था।

इस समान क्लिप को कई ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने भी पोस्ट किया है। उनमें पियूष गोयल के कार्यालय द्वारा फॉलो किया जाने वाला एक उपयोगकर्ता भी शामिल है।

यह समान क्लिप व्हाट्सअप पर भी एक अंग्रेजी कैप्शन के साथ प्रसारित है –“ममता बनर्जी सरकार, प्याज़ की कीमते बढ़ाने के लिए, जानबूझकर कई टन प्याज़ रोक रखा है।” (अनुवाद)

यह वीडियो मलयालम संदेश के साथ भी वायरल है –“വെസ്റ്റ് ബംഗാൾ അതിർത്തിയിൽ 200ഇൽപരം ഉള്ളിലോറികൾ ദിവസങ്ങളായി തടയപ്പെട്ടിരിക്കുകയാണ്. മമതയും കോൺഗ്രസ്സും ചേർന്ന് നാലാംകിട രാഷ്ട്രിയം കളിക്കുകയാണ് അവിടെ. മോദിസർക്കാരിനെതിരെ വല്ലവിധേനയും എന്തെങ്കിലും ആരോപണങ്ങൾ ഉയർത്തിവിടണം എന്ന നികൃഷ്ടമായ ചിന്തയുടെ ഫലമാണ് ഈ കുതന്ത്രം..സാധാരണകാരെ രാജ്യവ്യാപകമായി വിലക്കയറ്റത്തിന്റെ പേരുപറഞ്ഞു തെറ്റിധരിപ്പിക്കാൻ ശ്രമിക്കുന്ന ജനവഞ്ചകരെ നാം തിരിച്ചറിയണം (तक़रीबन अनुवाद: पश्चिम बंगाल की सीमा पर 200 से अधिक ट्रक कई दिनों से रोके गए है। ममता और कांग्रेस ऐसी राजनीती कर रहे है। यह एक गंदे विचार के तहत ही किया गया है कि किसी तरह मोदी सरकार पर इसका आरोप लगाया जा सके। हमे उस व्यक्ति की पहचान करनी चाहिए जो पुरे देश भर में कीमतों की बढ़ोतरी की बात कर रहा है।)

हालांकि प्याज़ से लदे ट्रक, घरेलू उपयोग के लिए नहीं थे। ये पड़ोसी देश में निर्यात के लिए भारत-बांग्लादेश की सीमा पर रुके हुए थे। इसके अलावा, इस वीडियो को 5 अक्टूबर को रिकॉर्ड किया गया था और यह हाल का नहीं है।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.