23 फ़रवरी को पंजाब के खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल सिंह के समर्थक अमृतसर के पास अजनाला पुलिस स्टेशन के बाहर पुलिस से भिड़ गए. साथ ही उन्होंने संगठन के एक सदस्य वारिस पंजाब दे, लवप्रीत सिंह को रिहा करने की मांग की. लवप्रीत सिंह को ‘अपहरण, चोरी और स्वेच्छा से चोट पहुंचाने’ के एक कथित मामले में गिरफ़्तार किया गया था.
अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने बंदूकों और तलवारों से थाने के बैरिकेड्स तोड़ दिए जिसके दृश्य देश भर के टेलीविज़न न्यूज़ में दिखाए गए. द इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट किया की स्थानीय अदालत ने पुलिस के एक आवेदन के आधार पर उनकी रिहाई का आदेश दिया और 24 फ़रवरी को लवप्रीत सिंह अमृतसर सेंट्रल जेल से बाहर आ गए.
इस सिलसिले में अमृतपाल सिंह कई बार मीडिया से रूबरू हुए. ऐसे ही एक अवसर पर, उन्होंने रिपब्लिक भारत के एक रिपोर्टर से कहा, “1947 से पहले कोई भारत नहीं था, कोई भारत नहीं था… ये राज्यों का संघ है, हमें संघों का सम्मान करना चाहिए, हमें राज्यों का सम्मान करना चाहिए, नहीं तो आप जानते हैं, हम क्या कहते हैं अगर हम विविधता का सम्मान नहीं करते हैं, तो हम सब कुछ खो देंगे. इसलिए मैं भारत…आधुनिक भारत की परिभाषा से सहमत नहीं हूं. मैं बस इतना कह रहा हूं कि हर किसी को आत्मनिर्णय का अधिकार है, अगर मैं कहता हूं कि पंजाब एक अलग देश है, तो मुझे ऐसा करने का अधिकार है…’
ये बयान 40 मिनट 31 सेकेंड पर शुरू होता है.
इसके तुरंत बाद, कई भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी का एक वीडियो क्लिप और अमृतपाल सिंह के इस बयान वाले वीडियो को एडिट करके एक साथ शेयर किया. इस क्लिप में राहुल गांधी को ये कहते हुए सुना जा सकता है, “आप पाएंगे कि भारत को राज्यों के संघ के रूप में डिस्क्राइब किया गया है. भारत को एक राष्ट्र के रूप में डिस्क्राइब नहीं किया गया है, इसे राज्यों के संघ के रूप में डिस्क्राइब किया गया है.” वायरल मोंटाज में नीचे एक टेक्स्ट है जिसमें लिखा है, “एक ही भाषा बोल रहे हैं.”
फ़िल्म निर्माता अशोक पंडित ने ये क्लिप शेयर करते हुए लिखा, “राहुल गांधी वही भाषा बोल रहे हैं जो एक #खालिस्तानी नेता की है.”
#RahulGandhi speaking the same language as that of a #Khalistani leader .
Congress has not learnt lessons even after loosing their leaders .
They created #Bhindranwale & #AAP creats #AmritpalSingh .
Will pray the price . pic.twitter.com/skxL8ma0EO— Ashoke Pandit (@ashokepandit) February 24, 2023
असम के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने भी ट्विटर पर ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “देखिए राहुल गांधी की भाषा कौन बोल रहा है.”
See who speaks the language of Rahul Gandhi!
Amritpal Singh, who stormed a police station in Amritsar in a brazen act of defiance, is imitating his words.
Congress, its leaders & all those who use divisive language to disintegrate the sanctity of ‘Akhand Bharat’ must apologise! pic.twitter.com/jDefg2EE6a
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) February 24, 2023
राईट विंग मीडिया हस्ती मेजर सुरेंद्र पूनिया ने भी इस क्लिप को ट्विटर पर शेयर किया.
Same to Same ! pic.twitter.com/uWROd0DkoW
— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) February 24, 2023
फ़ैक्ट-चेक
हमने देखा कि राहुल गांधी का वायरल वीडियो फ़रवरी 2022 का है. कांग्रेस नेता ने संसद में अपने 40 मिनट के लंबे संबोधन में सहकारी संघवाद के महत्व के बारे में बात की थी. उन्होंने इस फ़ैक्ट का ज़िक्र किया कि संविधान में भारत को राज्यों के संघ के रूप में बताया गया है.
“अगर आप भारत के संविधान को पढ़ते हैं तो आप देखेंगे, और मेरे कई साथी जिन्होंने इसे नहीं पढ़ा है, उन्हें इसे देखना चाहिए. आप देखेंगे कि भारत को राज्यों के संघ के रूप में डिस्क्राइब किया गया है, भारत को एक राष्ट्र के रूप में डिस्क्राइब नहीं किया गया है, इसे राज्यों के संघ के रूप में डिस्क्राइब किया गया है. इसका क्या मतलब है? इसका मतलब है कि तमिलनाडु के मेरे भाई को मेरे भाइयों के समान अधिकार हैं… इसका मतलब है महाराष्ट्र से मेरी बहन के रूप में उत्तर प्रदेश से मेरे भाई के रूप में बिहार से मेरे भाई या मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम से मेरी बहन को समान अधिकार हैं.”
18 मिनट 50 सेकेंड पर उन्होंने कहा, “इस देश के दो दर्शन हैं. एक विज़न ये है कि ये राज्यों का संघ है. मतलब कि ये मोलभाव है, मतलब ये बातचीत है. मतलब, मैं तमिलनाडु में अपने भाई के पास जाता हूं और कहता हूं, तुम क्या चाहते हो? और वो कहता है, मैं यही चाहता हूं. और फिर वो मुझसे पूछता है, तुम क्या चाहते हो? और मैं कहता हूं कि मैं यही चाहता हूं. ये एक साझेदारी है. ये एक राज्य नहीं है.”
उन्होंने आगे कहा, “…इस पर हमेशा कन्वर्सेशन और निगोसियेशन का शासन रहा है. अब समस्या ये है कि आप लोग भ्रमित हैं. समस्या ये है कि आप लोग सोचते हैं कि ये भाषाएं, ये संस्कृतियां, ये इतिहास… आप सोचते हैं कि आप इन्हें दबा सकते हैं. आपको इतिहास का कोई पता नहीं है, आपको पता नहीं है कि आप किसके साथ काम कर रहे हैं. क्योंकि तमिलनाडु के लोगों के दिल में तमिलनाडु का विचार है, तमिल भाषा का विचार है और फिर भारत का विचार भी है. परेशान न हो.”
राहुल गांधी ने कहा, “एक और विजन है, एक विजन है कि भारत पर केंद्र की छड़ी से शासन किया जा सकता है. आप लोगों को इतिहास का ज्ञान नहीं है. क्योंकि जितनी बार भी कोशिश की गई है, छड़ी को तोड़ा और नष्ट किया गया है. अब क्या हो रहा है कि देश के बारे में आपके ग़लत नज़रिए का परिणाम ये कि दो भारत बन रहे हैं… तो दो विजन्स हैं. एक राज्यों का संघ है, भाषाओं का संघ है, और संस्कृतियों का संघ है. खूबसूरत फूलों का ऐसा गुलदस्ता जो दुनिया की किसी भी ताकत को चुनौती दे सके. फूलों के इस गुलदस्ते को दुनिया की कोई ताकत आज तक चुनौती नहीं दे पाई है. अब एक दूसरा विजन है, एक केंद्रीकृत विजन, एक राजा का विजन.”
नीचे पूरा भाषण देखा जा सकता है, सबंधित हिस्सा 17 मिनट 5 सेकेंड से शुरू होता है.
राहुल गांधी के कथन और अमृतपाल सिंह के कथन के बीच का अंतर
राहुल गांधी ने जो कहा और अमृतपाल सिंह ने जो कहा, उसमें स्पष्ट अंतर है. जब हम राहुल गांधी के भाषण को सुनते हैं, तो देखते हैं कि उन्होंने भारत की बहुलता के बारे में बात की थी.
यहां हमने सबंधित हिस्से पर प्रकाश डाला है.
“आप देखेंगे कि भारत को राज्यों के संघ के रूप में डिस्क्राइब किया गया है. भारत को एक राष्ट्र के रूप में डिस्क्राइब नहीं किया गया है, इसे राज्यों के संघ के रूप में डिस्क्राइब किया गया है. इसका क्या मतलब है? इसका मतलब है कि तमिलनाडु के मेरे भाई को मेरे भाइयों के समान अधिकार हैं.. महाराष्ट्र से मेरी बहन के रूप में उत्तर प्रदेश से मेरे भाई के रूप में बिहार से मेरे भाई या मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम से मेरी बहन के रूप में, इसका यही मतलब है.
उन्होंने ये भी कहा, “… तमिलनाडु के लोगों के दिल में तमिलनाडु का विचार है, तमिल भाषा का विचार है और फिर भारत का विचार भी है. परेशान न हो.”
राहुल गांधी के विचारों को समझने के लिए ‘भारत का विचार भी’ शब्द महत्वपूर्ण है.
जब हम इसकी तुलना अमृतपाल सिंह के भाषण से करते हैं तो अंदर स्पष्ट हो जाता है.
अमृतपाल सिंह ने कहा, “ये राज्यों का संघ है, हमें संघों का सम्मान करना चाहिए, हमें राज्यों का सम्मान करना चाहिए, अन्यथा आप जानते हैं, हम क्या कहते हैं अगर हम विविधता का सम्मान नहीं करते हैं, तो हम सब कुछ खो देंगे. इसलिए मैं भारत…आधुनिक भारत की परिभाषा से सहमत नहीं हूं. मैं बस इतना कह रहा हूं कि हर किसी को आत्मनिर्णय का अधिकार है, अगर मैं कहता हूं कि पंजाब एक अलग देश है, तो मुझे ऐसा करने का अधिकार है…’
उनके बयान के पहले हिस्से में राहुल गांधी की तरह ही, भारत की विविधता और बहुलता की बात की गई है. हालांकि, दूसरे हिस्से का मतलब है कि एक राज्य संघ से अलग हो सकता है क्योंकि भारत राज्यों का एक संघ है.
नीचे हमने एक तालिका दी है जिसमें राहुल गांधी के भाषण और अमृतपाल सिंह के भाषण की समानता को पीले रंग में और अंतर को हरे रंग में हाइलाइट किया गया है.
‘राज्यों के संघ’ वाक्यांश का महत्व
संविधान के अनुच्छेद 1 में कहा गया है कि “इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा.”
ऑल्ट न्यूज़ ने राहुल गांधी के बयान को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता संजय घोष से भी बात की. उन्होंने कहा, “सबसे पहले, संविधान ‘राष्ट्र’ की अवधारणा से संबंधित नहीं है. संविधान का मूल ‘राष्ट्र’ नहीं, बल्कि व्यक्ति है. यही कारण है कि आपके पास व्यक्ति के लिए मौलिक अधिकार हैं और फिर आपके पास समुदाय के लिए निर्देशक सिद्धांत हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “राष्ट्र 42वें संशोधन से आता है जहां मौलिक कर्तव्यों को जोड़ा गया था. राष्ट्र के कुछ मुद्दों, जैसे राष्ट्रीय झंडे का सम्मान करना चाहिए आदि को जोड़ा गया. कुल मिलाकर, राहुल गांधी ने संविधान के अनुच्छेद 1 की व्याख्या की. इसमें कहा गया है कि इंडियन दैट इज भारत ‘शैल बी ए यूनियन ऑफ़ स्टेट्स’ है न कि ‘इंडिया इज ए यूनियन ऑफ़ स्टेट्स.’ इसका मतलब है कि संविधान आपको अमेरिकी संविधान से अलग राज्यों को संशोधित करने की अनुमति देता है, अमेरिकी संविधान संघ को नए राज्य बनाने या मौजूदा राज्यों की सीमाओं को बदलने की अनुमति नहीं देता है.”
भारतीय संविधान राज्यों के परिवर्तन की अनुमति देता है और ये पहले भी किया गया है. उदाहरण के लिए; बिहार से झारखंड का निर्माण हालांकि, केंद्र सरकार ये तय नहीं कर सकती है कि सभी राज्य केंद्र शासित प्रदेश बनेंगे और केंद्र से शासित होंगे. इसलिए, इसमें ‘राज्यों का संघ होगा’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है जिसका मतलब है कि ये हमेशा राज्यों का संघ होगा. इसलिए यहां जोर इस बात पर है कि हमें बहुलता का सम्मान करना है, सबको राज्यों के अधिकारों का सम्मान करना है, और सभी को इसे एक साथ सभी राज्यों के साथ देखना है.”
संजय घोष द्वारा की गई संविधान के अनुच्छेद 1 की व्याख्या सीधे राहुल गांधी की कही गई बातों के अनुरूप लगती हैं. इसके अलावा, संजय घोष ने इस फ़ैक्ट पर जोर दिया कि “हालांकि केंद्र के पास सीमाओं को बदलने और मौजूदा राज्यों में से नए राज्य बनाने की शक्ति है, जो पहले भी किया गया है, पर इसका मतलब ये नहीं है कि केंद्र राज्यों को हटा सकता है. ऐसी स्थिति नहीं हो सकती जहां राज्यों का अस्तित्व न हो और सारी शक्ति केंद्र के पास हो.”
ऐतिहासिक संदर्भ को समझने के लिए, ऑल्ट न्यूज़ ने भारतीय संविधान के जनक डॉ अम्बेडकर के लेखन और भाषणों को भी देखा. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर (AIC) की एक परियोजना ने डॉ. अंबेडकर के सभी लेखन को वर्चुअली एक्सेस करना संभव बना दिया है. यहां हमने देखा कि आलोचकों को संबोधित करते हुए, डॉ. अम्बेडकर ने समझाया कि क्यों संविधान के मसौदे के अनुच्छेद 1 में भारत को राज्यों का संघ बताया गया है.
उन्होंने कहा, “ड्राफ्टिंग कमेटी ये स्पष्ट करना चाहती थी कि हालांकि भारत को एक फ़ेडरेशन बनना था, लेकिन ये किसी समझौते का परिणाम नहीं था कि राज्यों को फ़ेडरेशन में शामिल होना था, और संघ किसी समझौते का परिणाम नहीं होने के कारण किसी भी राज्य को इससे अलग होने का अधिकार नहीं है.“ नीचे उनके भाषण का सबंधित हिस्सा देखा जा सकता है. जो पाठक पूरा टेक्स्ट पढ़ना चाहते हैं वो इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं.
ये टेक्स्ट स्पष्ट रूप से बताता है कि संघ राज्यों के समझौते का परिणाम नहीं था और इसलिए किसी भी राज्य को अलग होने का अधिकार नहीं है.
इस तरह ये साफ है कि राहुल गांधी के कथन और अमृतपाल सिंह के कथन में अंतर है. राहुल गांधी के शब्द संविधान के अनुरूप थे, लेकिन अमृतपाल सिंह का बयान संविधान के अनुरूप नहीं था.
भाजपा नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी हाल ही में ये टिप्पणी की थी कि “भारत राज्यों का एक संघ है. हर राज्य का अपना अधिकार है.”
“Our India is a Union of States. Every State has its own rights,” says @CMofKarnataka @BSBommai in response to SS- @BJP4Maharashtra coalition govt raking up border dispute.
Demands action against incidents of vandalism before they create divide between States. @TheSouthfirst pic.twitter.com/cr8G9cDy9e
— Anusha Ravi Sood (@anusharavi10) November 25, 2022
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