कश्मीर के दावे से एक तस्वीर सोशल मीडिया में प्रसारित है। तस्वीर में सड़क पर बिखरे हुए खून देखा जा सकता है। साझा दावे के मुताबिक,“यह मेरे कश्मीर की सड़के है, जो से सनी है”-अनुवादित। यह तस्वीर पिछले दो दिनों यानी की 29 अगस्त और 30 अगस्त को प्रसारित की गई है।
This is the street's of my kashmir bl00d every were" humanity sleeps in peace"#نکلو_کشمیر_کیلئے pic.twitter.com/Yx6wxPs5kv
— Shahbaz Khan (@madic_shahbaz) August 29, 2019
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह तस्वीर समान दावे से ट्विटर पर प्रसारित है। अगस्त 2019 की शुरुआत में भारत सरकार द्वारा कश्मीर के विशिष्ट दर्ज़े को निष्प्रभावी करने के फैसले के बाद सोशल मीडिया में कश्मीर के संबंध में कई गलत सूचनाए प्रसारित हुई है। यहां पर, दावा किया गया है कि भारतीय सरकार कश्मीर ने निर्दयता दिखा रही है। एक अन्य तस्वीर ट्विटर पर व्यापक रूप से प्रसारित है, जिसमें एक महिला को एक घायल बच्चे के साथ देखा जा सकता है जिसके चेहरे पर टांके लगे है। इस तस्वीर के साथ साझा संदेश में बताया है कि,“चेहरे कहानी बयां करती है!!भारत की निर्दयता कश्मीर को नर्क बना रही है“-अनुवाद।
Faces tell the story !!
India’s brutality has turned Kashmir into a living hell.#KashmirOurHeartbeat pic.twitter.com/SwcRaIpIOX— پاکستانی ملنگ🇵🇰 (@mr_khoji) August 22, 2019
ये तस्वीरें अन्य दो तस्वीरों के साथ ट्विटर पर साझा की गई है।
असंबंधित तस्वीरें
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह दोनों तस्वीरें कश्मीर की नहीं है।
पशु बलि को दर्शाती तस्वीर
ऑल्ट न्यूज़ द्वारा रक्तमय सड़क की तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर, 14 अगस्त, 2019 का एक फेसबुक पोस्ट मिला, जिसमें समान तस्वीर को साझा किया गया था। इसे Tunisian पेज द्वारा पोस्ट किया गया था, जिसके साथ संदेश में लिखा हुआ था कि यह इस्लामिक पशु बलि की तस्वीर है। पोस्ट पर की गई कमैंट से भी इस बात की पुष्टि होती है।
هل يفرح الله بهذا المشهد؟
هل هذه وسيلة التقرب الى الله ؟
أي رب هذا الذي تنصب المجازر باسمه في شوارع دول دين الرحمة
النظام
النظافة
العقلانية
الاحترامPosted by دين الإنسانية الحق Truth Way on Wednesday, 14 August 2019
यह ध्यान देने योग्य है कि यह तस्वीर कश्मीर की नहीं है और भारतीय सरकार द्वारा कश्मीर पर अत्याचार को नहीं दर्शाती है। ऑल्ट न्यूज़ को इस तस्वीर का स्पष्ट संस्करण मिला है। तस्वीर में, सड़क पर पशु के शव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं।
घायल बच्चे के साथ महिला की तस्वीर गाज़ा की है
कश्मीर के दावे से घायल महिला की तस्वीर, वास्तव में सीरिया की है। गूगल पर एक आसान से रिवर्स सर्च से हमने पाया कि यह तस्वीर 2008 में उत्तरी गाजा पट्टी में एक शरणार्थी शिविर पर इजरायली हवाई हमले के बाद गाजा में ली गई थी। यह तस्वीरों की स्टॉक वेबसाइट Getty Images पर भी उपलब्ध है।
जुलाई 2018 की तस्वीर
एक महिला और बच्चे की साझा की गई तीसरी तस्वीर, जुलाई 2018 की है। ऑल्ट न्यूज द्वारा इसकी रिवर्स सर्च करने पर हमें जुलाई 2018 का द टेलीग्राफ द्वारा प्रकाशित एक लेख मिला। यह तस्वीर 22 वर्षीय युवा खालिद के जनाज़े के दौरान लिया गया था, जिसे सुरक्षाकर्मियों ने गोली मार दी थी।
पुरानी तस्वीर
सोशल मीडिया में साझा की गई चौथी तस्वीर को ऑल्ट न्यूज़ ने रिवर्स सर्च किया, और हमें मई 2016 का पत्रिका का एक लेख मिला। लेख का शीर्षक था,“श्रीनगर में आतंकी हमला, 3 शहीदों को CM शिवराज सिंह ने दी श्रद्धांजलि।” हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ इस तस्वीर की पुष्टि नहीं करता है कि यह तस्वीर समाचार प्रकाशन से संबधित है या नहीं।
यह ध्यान देने योग्य है कि ये तस्वीरें कश्मीर के हालिया घटनाक्रम से संबधित नहीं है। इन तस्वीरों को कश्मीर पर भारत सरकार द्वारा लिए गए अनुच्छेद 370 को रद्द करने के फैसले के बाद भारतीय सरकार द्वारा कश्मीरियों पर अत्याचार दिखाने के रूप में साझा किया गया है। इसमें से एक तस्वीर पशु बलि अनुष्ठान की है और अन्य दो तस्वीरें 2018 की घटना से संबधित है।
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