31 अगस्त को कई मीडिया संगठन ने ‘ब्रेकिंग न्यूज़’ में बताया कि केरल पुलिस ने कॉलेज के चुनाव अभियान के दौरान पाकिस्तानी झंडे लहराने के लिए कोझीकोड के सिल्वर आर्ट्स कॉलेज के 30 छात्रों (टाइम्स नाउ के मुताबिक 25 छात्रों) को गिरफ्तार किया है। टाइम्स नाउ की एंकर ने बताया कि, इस घटना के खिलाफ भाजपा ने विरोध किया है और अपने संवाददाता से सवाल पूछा कि,“जी विवेक क्या आप इस घटना के बारे में अधिक जानकारी दे सकते है, क्योंकि हम वीडियो में साफ तौर पर पाकिस्तानी झंडे लहराते हुए देख सकते है”-अनुवादित। एंकर के जवाब में संवाददाता इन समान बातों को दोहराते हैं।
#Breaking | 25 students booked in Kerala for waving Pakistani flags in their college as a part of election campaign.
Details by TIMES NOW’s Vivek Karandalam. pic.twitter.com/1kwcMEKiEy
— TIMES NOW (@TimesNow) August 31, 2019
ANI, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, डेक्कन हेराल्ड, इंडिया टुडे, मायनेशन, ओपइंडिया और दैनिक जागरण और अन्य मीडिया संगठनों ने समान दावे को प्रकाशित किया कि कॉलेज कैंपस में मुस्लिम स्टूडेंट फ्रंट (MSF) ने पाकिस्तानी झंडे लहराए थे। यह उल्लेखनीय है कि “कथित” शब्द का प्रयोग किसी भी मीडिया संगठन ने अपने शीर्षक में नहीं किया था, हालांकि कुछ मीडिया ने अपने लेख में इसका उल्लेख किया था।
इस कथित घटना के बारे में पाकिस्तानी मीडिया ने भी रिपोर्ट प्रकाशित की थी। मेजर जनरल आसिफ गफूर सहित, वहां के कई नागरिकों ने इस कथित घटना से संबंधित टाइम्स नाउ के प्रसारण को साझा किया है।
Beginning of the end_iA.
TIME NOW: 🇵🇰#کشمیر_بنے_گا_پاکستان#PakistanZindabad https://t.co/IYuiiJiMbM— Asif Ghafoor (@peaceforchange) August 31, 2019
इस घटना को सोशल मीडिया में व्यापक रूप से प्रसारित होने से पहले, इसके बारे में ABP न्यूज़ की पत्रकार पिंकी राजपुरोहित ने ट्वीट किया था। हालांकि उन्होंने अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया है लेकिन इसके स्क्रीनशॉट को आप नीचे देख सकते हैं।
पाकिस्तान का नहीं, MSF का झंडा
खबरों के अनुसार पुलिस ने यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट से जुड़े एक छात्र निकाय, MSF, से संबंधित 30 छात्रों की धारा 143 (गैरकानूनी इक्क्ठा होना), 147 (दंगा करना), 153 (दंगा करने का इरादा) और 149 (गैरकानूनी इक्क्ठा होने के तहत कारित अपराध) के तहत मामला दर्ज किया गया। मीडिया संगठनों द्वारा प्रकाशित लेख के दावों के बारे में, जिसमें पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही के बारे में भी बताया गया है, एक प्रारंभिक तथ्य-जांच करने से पता चलता कि इन छात्रों द्वारा उठाया गया झंडा पाकिस्तान का नहीं, बल्कि MSF का झंडा था।
एक मलयालम पोर्टल azhimukham.com ने MSF के राज्य सचिव निषाद के.सलीम के हवाले से बताया कि छात्रों के पास 5 सितंबर को होने वाले मतदान के लिए प्रचार करने का बहुत कम बजट था। इस झंडे को सिलने वाले दर्ज़ी को नहीं मालूम था कि हरे-सफेद रंग का सही अनुपात क्या होना चाहिए। सलीम ने बताया कि MSF ने पहले एक डंडे के सहारे उस बड़े झंडे को लहराया जो बाद में टूट गया था।
इस घटना के एक अन्य वीडियो में डंडे से लगा हुआ यह झंडा दिखता है। यह वीडियो फेसबुक उपयोगकर्ता Abdul Jaleel Ct द्वारा अपलोड किया गया था जिन्होंने लिखा था, “यह वीडियो सच्चाई दिखाएगा”-अनुवाद।
എം എസ് എഫ് പേരാമ്പ്ര
പാക്കിസ്ഥാന് പതാക
ഈ വീഡിയോ പറയും എന്തായിരുന്നു സത്യം എന്നത്.
സംഘി, കമ്മി കള്ളഹിമാറുകള് എന്ത് കിട്ടിയാലും സമുദായത്തിനെതിരെ, സമുദായത്തിലെ സംഘടനകള്ക്കെതിരെ തിരിയാന് ഒരേ സമയം നന്നായി ഊര്ജ്ജം ചിലവാക്കുന്നുണ്ട്. കരുതിയിരിക്കുക ഈ ചിദ്ര ശക്തികളെ. അത് പോലെത്തന്നെ സ്വന്തം വിദ്ധ്യാര്ഥികള്ക്ക് തങ്ങളുടെ കൊടിയുടെ രാഷ്ട്രീയം എന്താണ് എന്നെങ്കിലും പഠിപ്പിച്ച് കൊടുക്കുക. നേതൃത്വം അതിനു തയ്യാറാവുക. ഇല്ലെങ്കില് ഇതൊക്കെ സംഭവിക്കും. ഒരു തലമുറയുടെ ഊര്ജ്ജം, അവരുടെ വിദ്യാഭ്യാസം കോടതി മുറികളില് തളച്ചിടാന് അനുവദിക്കരുത്, ശക്തമായി സംഘടിക്കുക.
എം എസ് എഫ് പേരാമ്പ്ര
പാക്കിസ്ഥാന്ി കൊടുത്താലോ, കാവി ലഡ്ഡു കൊടുത്താലോ, മിഠായി കൊടുത്താലോ തീരുന്നതല്ല അവരുടെ പരമത വിദ്വേഷം എന്ന് ഇനിയെങ്കിലും ” സമുദായ പാര്ട്ടി” പ്രവര്ത്തകരും നേതാക്കളും മനസ്സിലാക്കുക. തിരിച്ചറിവ് നേടുക എന്നുള്ള അറിവെങ്കിലും നേടാന് ഇനിയും എന്താണ് നിങ്ങള്ക്ക് തടസ്സം?Posted by Abdul Jaleel Ct on Saturday, 31 August 2019
ऑल्ट न्यूज़ को इस घटना का एक और वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया हुआ मिला। ये दोनों वीडियो स्थापित करते हैं कि सिल्वर आर्ट एंड साइंस कॉलेज में लहराया गया झंडा पाकिस्तान का झंडा नहीं था। पाकिस्तानी झंडा और MSF के झंडे में अंतर साफ दिखाई देता है।
- पाकिस्तानी झंडे में सफेद रंग बाईं ओर है, जबकि MSF के झंडे में यह रंग सबसे नीचे की ओर है।
- पाकिस्तानी झंडे में अर्धचंद्र बीच में है, जबकि MSF के झंडे में यह ऊपरी बाएँ कोने में है।
पाकिस्तानी झंडा और MSF के झंडे की तुलना आप नीचे देख सकते हैं।
सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में, झंडे को तिरछी स्थिति में सभी चार कोनों से पकड़े हुए छात्र दिखाई देते हैं क्योंकि वहां डंडा मौजूद नहीं है। जब हम झंडे को उल्टा करते हैं तो यह ऊपर के कोलाज की कई तस्वीरों जैसा दिखता है — नीचे की तरफ सफेद और ऊपरी बाएँ कोने पर अर्धचंद्र।
कॉलेज में उठाए गए MSF के झंडे में हरा-सफेद का अनुपात सही नहीं था, जिससे यह विवाद पैदा हो गया। यह अनुपात आधा-आधा यानि की समान होना चाहिए था। ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए, MSF के महासचिव नवस ने बताया, “यह खबर गलत है। यह पाकिस्तानी झंडा नहीं है जिसमें बाईं ओर सफेद रंग होता है। MSF के झंडे में, सफेद रंग नीचे होता है। यदि आप सीधे झंडे की तस्वीर देखें, तो आप स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि सफेद रंग झंडे में नीचे है। इसके अलावा, MSF के झंडे में अर्धचंद्र बाएं कोने पर है। इसके बड़े आकार के कारण हमने स्वयं झंडा नहीं बनाया, जिसके कारण यह समस्या खड़ी हो गई। इसे बनाने वाले दर्जी को पता नहीं था कि हरा-सफेद का अनुपात 1:1 का होना चाहिए और उसने 3:1 के अनुपात में झंडा बना दिया।”-अनुवाद।
इसके अलावा, यह पहली बार नहीं था कि छात्रों ने असमान अनुपात का झंडा लहराया है। 2016 में सिल्वर आर्ट्स कॉलेज, पेरम्ब्रा में लहराए गए झंडे की तस्वीरों में भी रंगों के गलत अनुपात देखने को मिला था।
इसके अलावा MSF झंडे के उजले हिस्से में MSF लिखा हुआ होता है, लेकिन पहले भी MSF के सदस्यों ने बिना MSF लिखा हुआ झंडा लहराया है। जिसे नीचे वीडियो में देखा जा सकता है।
കൊട്ടിക്കലാശം @ Silver College perambra
Msf Silver Msf SilverPosted by Sidique Ul on Saturday, 1 September 2018
एक ऐसा मामला जिसमें जांच चल ही रही है और इसमें भी थोड़ा संदेह है कि लहराया गया झंडा पाकिस्तानी झंडा नहीं, बल्कि मुस्लिम स्टूडेंट फ्रंट (MSF) का झंडा था; फिर भी मीडिया संगठनों ने अपनी खबरों में इस तथ्य को प्रकाशित ना करके एक झूठे दावे को प्रसारित किया। यह कोई एक घटना नहीं थी जब किसी मुस्लिम निकाय के झंडे को गलती से पाकिस्तान का झंडा मान लिया गया। IUML के झंडे और इस्लामिक झंडे के मामले में भी ऐसी गलतफहमी अक्सर होती रही है।
अपडेट: पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि कॉलेज में पाकिस्तानी झंडा नहीं लहराया गया था।
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