व्हाट्सऐप पर बच्चा चोरी के दावे के साथ कुछ तस्वीरें और वीडियोज़ शेयर किये जा रहे हैं. पिछले 3 सालों में ऑल्ट न्यूज़ ने सोशल मीडिया पर बच्चा चोरी और किडनैपिंग से जुड़े कई ग़लत दावों की सच्चाई बताई है. (पहला , दूसरा)

वीडियो 1: रिश्तेदार ने ही बच्चे का गला काट दिया था जिसे ग़लत दावों के साथ शेयर किया गया

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दैनिक भास्कर की 9 जनवरी की रिपोर्ट के मुताबिक ये वीडियो राजस्थान का है. ये घटना राजस्थान के सीकर ज़िले के करद गांव की है. 8 जनवरी को आरोपी कैलाशचंद रैगर ने अपने 10 वर्षीय चचेरे भाई की गर्दन काट कर उसकी हत्या कर दी थी. एसपी कुंवर राष्ट्र्दीप ने दैनिक भास्कर को बताया कि हत्यारे ने अपने चाचा से बदला लेने के लिए उनके बेटे की हत्या की. इस घटना पर टाइम्स नाउ ने भी रिपोर्ट किया था.

ऑल्ट न्यूज़ ने एसपी सीकर कुंवर राष्ट्र्दीप से बात की और उन्होंने रिपोर्ट में बताये गये तथ्यों की पुष्टि की. उन्होंने कहा, “जिस तस्वीर में बच्चे का सिर धड़ से अलग दिख रहा है उसका इस घटना से कोई ताल्लुक नहीं है. आरोपी को उसी दिन गिरफ़्तार कर लिया गया था. हाल में बच्चा किडनैप करने का कोई मामला सामने नहीं आया है.”

जैसे ही उस बच्चे की तस्वीर के बारे में पता चलेगा, जिसका सिर धड़ से अलग किया गया है, ऑल्ट न्यूज़ रिपोर्ट को अपडेट करेगा. लेकिन एक बार फिर दोहराया जा रहा है कि इसका राजस्थान के सीकर की घटना से कोई सम्बन्ध नहीं है.

वीडियो 2: गोरखपुर पुलिस के बयान वाले वीडियो में एडिट की गयी आवाज़

एक 90 सेकंड का वीडियो जिसमें एक पुलिस अधिकारी प्रेस को बयान दे रहे हैं, एडिट किये हुए ऑडियो के साथ वायरल है. पुलिस अधिकारी वीडियो में लोगों को ‘बच्चा किडनैपर से सावधान’ रहने के लिए चेता रहे हैं. वो लोगों से 500 लोगों की एक गैंग से सतर्क रहने के लिए कह रहे हैं जो शरीर के अंगो का व्यापार करते हैं. ये चेतावनी गोरखपुर के एसपी डॉ. कौस्तुभ की ओर से दी जा रही है.

वॉइस ओवर में कहते हुए सुना जा सकता है, “महिलाओं से अनुरोध है कि किसी भी अजनबी जैसे कबाड़ी वाला, फेरी वाला, बाबा या कोई भिखारी कोई भी हो, उनके लिए दरवाज़ा न खोलें, न ही कोई बात करें, बस हल्ला करके भगा दें. गलती से भी ये शब्द न कहें कि अभी घर में कोई नहीं है, बाद में आना या चले जाओ. घर में अगर कुत्ता है तो उसे खोल दें उसी टाइम. और मेन गेट मत खोलें. अपना और अपने बच्चे का ध्यान रखिये. सतर्क रहें, सुरक्षित रहें. आज बरगदवा से खबर मिली है कि एक भिखारी के वेश में 500 लोग निकलें हैं. जो रास्ते में मिलता है उसको काट-काटकर कलेजे और किडनी निकाल ले रहे हैं. जिसमें से 6-7 लोग पकडे़ हैं. जो पकड़े गए हैं वही कड़ी पूछताछ के बाद 500 लोगों के आने की बात कबूल की है. इसलिए भाइयों, मेसेज को जितने परिवार के मेम्बर हैं सबको फ़ॉरवर्ड कीजिये. कृपया सावधान रहें. 15 से 20 लोगों की टोली आई है, उनके साथ बच्चे और महिलाये हैं. उनके पास हथियार भी हैं और आधी रात को किसी भी वक्त आते हैं. और बच्चे के रोने की आवाज़ आती है. कृपया दरवाज़ा न खोलें. ज़्यादा से ज़्यादा ग्रुप में शेयर करें. पूरे एरिया में 2 से 3 दिन के अन्दर फैल जाना चाहिए. अपनी सुरक्षा अपने हाथ. सावधान रहें. जनहित में जारी. गोरखपुर पुलिस. जबकि इस संबंध में गोरखपुर न्यूज़ से बात करते हुए एसपी सिटी डॉक्टर कौस्तुभ ने कहा…”

वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी: सबसे पहले तो ऑडियो और वीडियो में टिकर मेल नहीं खाते. टिकर में बताया जा रहा है, “सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज को एसपी सिटी डॉ. कौस्तुभ ने बताया फ़र्ज़ी, कहा नहीं है कोई ऐसी बात, दिखे कोई संदिग्ध तो पुलिस को करें सूचित, अपने माध्यम से न करें कोई कार्यवाही.”

वायरल वीडियो गोरखपुर न्यूज़ ने 25 अगस्त, 2019 को अपलोड किया था. पाठकों को मालूम हो कि ऑल्ट न्यूज़ ने ऊपर जो वीडियो लगाया है, वो पूरा वायरल वीडियो है. इसके आखिरी हिस्से में ऐंकर बताता है कि पुलिस ने क्या कहा था. लेकिन पुलिस क्या कहती है, ये काट दिया गया है. अगर वो होता तो ये मालूम पड़ जाता कि पुलिस असल में सोशल मीडिया पर किये जा रहे दावों को झूठा बता रही है.

नीचे दिए गए वीडियो में 1 मिनट 49 सेकंड से आगे एसपी को वायरल फ़र्ज़ी दावों का खंडन करते हुए सुना जा सकता है. वो कहते हैं कि सोशल मीडिया पर गोरखपुर का एक मेसेज वायरल किया जा रहा है कि कई लोग बच्चों को किडनी निकालने के लिए अगवा कर रहे हैं. ये एक अफ़वाह है, इसका खंडन पहले भी किया जा चुका है. इस तरह के कोई भी ग्रुप नहीं आये हैं. वो आगे कहते हैं कि पिछले एक महीने में इस तरह की कोई भी घटना गोरखपुर क्षेत्र में नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कोई सूचना लोगों को मिलती है तो खुद कोई कार्रवाई न करें बल्कि पुलिस को इकतला करें.

ऑल्ट न्यूज़ ने 2019 में भी फ़ैक्ट-चेक किया था जिसमें इस मामले के बारे में और भी जानकारी दी गयी है.

यूपी की संत कबीर नगर पुलिस ने 18 जनवरी को एक वीडियो ट्वीट किया. इसमें वायरल अफ़वाह के बारे में पुलिस सच्चाई बता रही है और साफ़ कर रही कि बच्चा चोरी का दावा फ़र्ज़ी है.

वीडियो 3: अलग-अलग तस्वीरों के साथ बैकग्राउंड में बच्चा चोरी का दावा

18 सेकंड के इस वीडियो में अलग-अलग तस्वीरों के साथ ही वॉइस ओवर में दावा किया जा रहा है, “अपने घर के बच्चों को संभालो, उनका खयाल रखो. अपने सारे ग्रुप में ये मेसेज सेंड करो. इस फ़ोटो को इतना फैलाओ कि कुत्ता पकड़ा जाना चाहिए. अगर जिसने ये नहीं फैलाया, वो अपनी मां का सपूत नहीं. अपने फ़ोन में चाहे कितने भी ग्रुप हों, एक दो…”

हमने पाया कि 7 में से 6 तस्वीरों (चौथी छोड़ कर) का फ़ैक्ट-चेक ऑल्ट न्यूज़ ने 2019 में किया था. (पहली, दूसरी, तीसरी) ये तस्वीरें उस समय भी इन्ही दावों के साथ वायरल थीं.

पहली तस्वीर: इस तस्वीर में एक कार के पास भीड़ लगी है. ऑल्ट न्यूज़ ने अगस्त 2019 की रिपोर्ट में पाया था कि ये घटना हरियाणा के कुरुक्षेत्र की थी. हरियाणा के लाडवा में एक परिवार कहीं जा रहा था, जिसमें परिवार के छोटे बच्चे भी थे. स्थानीय लोगों ने उन्हें बच्चा चोर समझ लिया. दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक ये परिवार अपने परिजन का अंतिम संस्कार कर हरिद्वार से अपने घर हिसार लौट रहा था.

ऑल्ट न्यूज़ ने लाडवा पुलिस से संपर्क किया और उन्होंने इस बात की पुष्टि की. सब-इंस्पेक्टर ओमप्रकाश ने हमें बताया, “हमने परिवार के बारे में जानकारी को वेरिफ़ाई किया. ये बच्चे उन्हीं के थे जो कार की डिक्की में बैठे थे. वो 6 महीने पहले गुज़रे पिता के अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार गए थे.” पुलिस अधिकारी ने कहा कि बच्चे खुद डिक्की में बैठना चाह रहे थे.

दूसरी तस्वीर: ये एक फ़ेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट है जिसमें लिखा है, “सावधान अपने बच्चों की देखभाल करें ग्वालियर ट्रांसपोर्ट नगर में बच्चों को पकड़ते हुए तीन व्यक्ति किडनी चोर पकडे़ गये पुलिस प्रशासन द्वारा इनको थाने में ले जाया गया.”

ऑल्ट न्यूज़ ने इस तस्वीर का भी 2019 में फ़ैक्ट-चेक किया था. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश के ग्वालियर में दो लोगों पर बच्चा चोर होने के शक में भीड़ ने उनपर हमला कर दिया था. नई दुनिया ने भी इस घटना पर रिपोर्ट किया था.

तीसरी तस्वीर: इस तस्वीर में कैप्शन लिखा है, “भाईयो mp के रतलाम ज़िले के जावरा शहर से बच्चे पकड़ने वाले 25 आदमियों कि गेंग को पकड़ा गया है आपके फोन मे जितने भी सम्पर्क है सभी को सेंड करे और सभी ग्रुप में जरुर करे, ताकि सभी सचेत रहे और किसी का बच्चा इस तरह चोरी न हो.”

पुलिस स्टेशन की होर्डिंग पर लिखा है, “नगर पुलिस अधीक्षक जावरा जिला रतलाम.”

ऑल्ट न्यूज़ ने 2019 में रतलाम के एसपी कार्यालय से संपर्क किया था. उन्होंने हमारा संपर्क रतलाम पुलिस साइबर सेल से कराया. हमें पत्रिका की 2019 की एक रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट भेजा गया था जिसमें वायरल तस्वीर छपी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि देह व्यापार रैकेट में 15 पुरुषों और 9 महिलाओं को पकड़ा गया है.

चौथी तस्वीर: इस तस्वीर में एक टेबल पर कई चाकू-छूरे रखे हुए हैं. हमने अपनी पड़ताल में पाया था कि ये तस्वीर अहमदाबाद-राजकोट हाईवे के पास अवैध हथियारों के धंधे के मामले से जुड़ी हुई है. द टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने 2016 में इस घटना पर रिपोर्ट किया था. हाईवे के नज़दीक इंडिया पैलेस होटल से तलवार और चाकू समेत 250 से ज़्यादा घातक हथियार बरामद किये गये थे.

ऑल्ट न्यूज़ काले कपड़ों वाले साधु की तस्वीर के बारें में जानकारी जुटाने में असमर्थ था. लेकिन ये तस्वीर पिछले कुछ सालों से बच्चा चोरी के दावों से साथ सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है. ये हाल की नहीं है.

बच्चा चोरी और किडनैपिंग होने के दावों के साथ सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें और वीडियोज़ व्हाट्सऐप पर एक बार फिर वायरल हैं.


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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.