25 फ़रवरी के ट्विटर ट्रेंड्स में ‘mosque’ और ‘Rana Ayyub’ टॉप पर रहा. ये तब हुआ जब अयूब ने एक वीडियो ट्वीट किया. वीडियो में कुछ लोगों को एक मस्जिद पर हनुमान झंडा लहराते हुए ‘जय श्री राम’ और ‘हिंदुओं का हिंदुस्तान’ नारे लगाते हुए सुना जा सकता है. अयूब ने बाद में इस वीडियो को तहसीन पूनावाला के दावे के बाद डिलीट कर दिया. तहसीन का दावा था कि इस वीडियो का नागरिकता संशोधन कानून से कोई लेना देना नहीं है. अयूब ने इस वीडियो की पुष्टि करने के बाद इसे फ़िर से शेयर किया है.
Re-posting this video after verifying its authenticity. It is from Delhi. Men marching on top of a mosque, vandalising it and placing a saffron flag over it. pic.twitter.com/bScgJMxKc3
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) February 25, 2020
इसका जवाब देते हुए पूनावाला ने नॉर्थ वेस्ट के DCP का एक बयान सामने रखा. DCP ने बयान दिया था कि अशोक विहार एरिया में कोई भी मस्जिद नहीं तोड़ी गई.
— Tehseen Poonawalla Official (@tehseenp) February 25, 2020
ये ध्यान देने लायक है कि पूनावाला ने ‘ANI’ के ट्वीट को शेयर किया है जिसे करीब 8,000 से ज़्यादा बार लाइक किया जा चुका है. इसके बाद कई लोगों ने ये दावा किया कि अयूब गलत जानकारी फैला रही हैं.
Dear @DelhiPolice fake news was spread by @RanaAyyub who is a serial offender.Hope you take strict action against her.
How does @washingtonpost associate itself with a communal bigot and a hatemongers. #RanaAyub #DelhiRiots pic.twitter.com/rpW00atZrs— Naina 🇮🇳 (@NaIna0806) February 25, 2020
साध्वी खोसला सहित कई लोगों ने अयूब की गिरफ़्तारी की मांग की है. रमेश सोलंकी ने दावा किया कि अयूब ने दो साल पुराना बिहार का वीडियो शेयर किया है और उन्होंने लिखा कि वे पत्रकार के खिलाफ़ शिकायत दर्ज़ करवाएंगे.
DCP के बयान के आधार पर ‘टाइम्स नाउ’ ने एक शो में इस वीडियो को फ़र्ज़ी घोषित कर दिया. दक्षिणपंथी वेबसाइट ऑपइंडिया ने सोशल मीडिया के इस दावे पर एक रिपोर्ट प्रकाशित कर दी. उन्होंने रिपोर्ट में बताया कि वे इन दावों की सच्चाई की पुष्टि नहीं करते हैं.
Police responds to the fake ‘mosque vandalising’ video being circulated on social media.
‘No such incident took place’, says police.
Details by TIMES NOW’s Priyank Tripathi. | #DelhiFightHate | @thenewshour AGENDA with Padmaja Joshi. pic.twitter.com/Su324UTof2
— TIMES NOW (@TimesNow) February 25, 2020
फ़ैक्ट-चेक
द वायर की नाओमी बार्टन ने रिपोर्ट किया कि वीडियो में दिख रही मस्जिद दिल्ली के अशोक नगर की है. (इसे पहले आर्टिकल में अशोक विहार का बताया गया था.) ऑल्ट न्यूज़ को मीनार पर चढ़ने और हनुमान झण्डा लहराने का अच्छी वीडियो क्वालिटी वाली फ़ुटेज मिली.
एक यूट्यूब यूज़र ने अलग एंगल से लिए गए वीडियो को अपलोड किया था.
बार्टन ने ट्वीट कर बताया कि वो खुद मीनार पर हनुमान झंडा लहराने और मस्जिद के पास की एक फ़ुटवेयर शॉप लुटने की घटना की साक्षी रही हैं.
Making this very clear : I personally saw the flag on top of the miniaret of the mosque at Ashok NAGAR, not VIHAR.
The mosque had been burned, and a footwear shop underneath it was looted in front of my eyes. https://t.co/tRLTWsz6qP
— Naomi Barton (@therealnaomib) February 25, 2020
ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए उन्होंने बताया कि मस्जिद का नाम ‘बड़ी मस्जिद’ है. बार्टन के साथ अभिजीत दुबे भी थे जिन्होंने मस्जिद की तस्वीर खींची थी. दुबे ने ऑल्ट न्यूज़ के साथ एक क्लोज़-अप तस्वीर शेयर की है.
EXIF डाटा के मुताबिक, ये तस्वीर 25 फ़रवरी को 3:57 pm पर खींची गई थी.
‘द वायर’ ने मस्जिद में आग लगाने के लिए इस्तेमाल किए गए वाटर होज़ेज़ का एक वीडियो भी अपलोड किया था. वायरल वीडियो और दुबे द्वारा शेयर की गई तस्वीर की तरह ही ईमारत से धुआं निकलते हुए देखा जा सकता है. पत्रकार ने ऑल्ट न्यूज़ के साथ एक अन्य वीडियो भी शेयर किया है जिसमें उसी जगह पर फ़ायरफ़ाइटर को देखा जा सकता है. हालांकि, वीडियो में सबसे महत्वपूर्ण क्लिप 13वें सेकंड से शुरू होती है, जब हनुमान झंडे को मीनार पर लगाया जाता है. ये दृश्य वीडियो में साफ़ दिखाई देता है.
इस प्रकार, अशोक नगर की ‘बड़ी मस्जिद’ को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया. इस बात की पुष्टि वहां के कुछ लोकल लोगों ने भी नाम ज़ाहिर न करने की शर्त पर की है.
कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने ये झूठा दावा किया कि ये वीडियो बिहार के समस्तीपुर में हुई दो साल पुरानी घटना को दर्शाता है. यहां ये भी बता दिया जाए कि दिल्ली में एक और मस्जिद में तोड़फोड़ की गई. ये मस्जिद गोकुलपुरी इलाके की थी.
दिल्ली के नॉर्थ वेस्ट DCP का ये बयान कि अशोक विहार में कोई मस्जिद में तोड़ फोड़ नहीं हुई है, सच है. वायरल हो रहा वीडियो अशोक नगर की घटना को दर्शाता है. ‘ANI’ और ‘टाइम्स नाउ’ ने ये बात स्पष्ट नहीं की कि वायरल वीडियो अशोक नगर का है. इस तरह सोशल मीडिया में भ्रामक खबर को बढ़ावा मिला.
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