नागरिकों को हिरासत में लेती पुलिस का पांच मिनट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि स्पेन में अधिकारी लॉकडाउन का पालन करवा रहे हैं. गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी ने दुनिया भर में सरकारों को नागरिकों की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर कर दिया है. इस वीडियो में, दाएं कोने में ऊपर की तरफ लाल रंग का लोगो देखा जा सकता है.

ट्विटर और फ़ेसबुक पर कई यूजर्स ने वीडियो को अंग्रेज़ी में इस मेसेज के साथ पोस्ट किया, “ये स्पेन का लॉकडाउन है. आप भारत में हैं, इसलिए भाग्यशाली है… यहां सिर्फ़ लाठियां बरसाई गई हैं.”

ये वायरल वीडियो हिंदी में भी वायरल हो रहा है, “अगर आपको INDIA का lockdown ज़्यादा कड़क लगता है तो एक बार American Lockdown भी देखले.”

इस वायरल वीडियो की पुष्टि के लिए ऑल्ट न्यूज़ को व्हाट्सऐप (+91 76000 11160) और ऑफ़िशियल एंड्रॉयड ऐप पर कई रिक़्वेस्ट्स मिलीं.

2019 में अज़रबैजान के बाकु का प्रदर्शन

ऑल्ट न्यूज़ ने लाल लोगो की पहचान के लिए वीडियो वेरिफ़िकेशन टूल, इनविड ( InVID) का इस्तेमाल किया. इनविड किसी भी वीडियो को बहुत सारे फ़्रेम्स में यह पता लगाता है कि वीडियो में लोगो है या नहीं. हमें पता चला कि ये लोगो ‘Meydan TV’ का है. ये बर्लिन स्थित अज़रबैजानी की गैर-लाभकारी मीडिया संगठन है.

हमने ‘Meydan TV’ के यूट्यूब चैनल को खंगालकर वायरल वीडियो का पता लगा लिया. ये 21 अक्टूबर, 2019 को अपलोड किया गया था. कोरोना वायरस का पहला मामला चीन में नवंबर, 2019 में सामने आया था.

इस वीडियो का संबंध 2019 में अज़रबैजान के बाकु में हुए प्रोटेस्ट से है. डिस्क्रिप्शन के मुताबिक़, ये वीडियो अक्टूबर, 2019 की एक रैली का है, जिसके बाद अधिकारियों और न्यू अज़रबैजान पार्टी ने दावा किया था कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के साथ हिंसा नहीं की. हालांकि, वीडियो में दिख रहे सबूत कुछ और ही कहानी कहते हैं.

19 अक्टूबर को छपी ‘रॉयटर्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, “सोवियत संघ का हिस्सा रहे ऊर्जा-संपन्न अज़रबैजान में, शनिवार को कम वेतन, भ्रष्टाचार और लोकतंत्र के हनन के विरोध में एक रैली आयोजित की गई थी. पुलिस ने रैली की शुरुआत में ही बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया. इसमें मुख्य विपक्षी दल पॉपुलर फ़्रंट के नेता भी शामिल थे. प्रदर्शनकारियों की कई मांगें थीं, जैसे कि सरकारी कर्मचारियों को उच्च वेतन और देश में निष्पक्ष और स्वतंत्र आम चुनाव. मानवाधिकार समूह और पश्चिमी देशो की सरकारें अज़रबैजान में पारदर्शिता की कमी का मुद्दा उठाते रहे हैं.”

‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ की एक रिपोर्ट में लिखा है, “पुलिस ने बताया कि उन्होंने 19 अक्टूबर को, बिना अनुमति के प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले 220 लोगों में से 60 को हिरासत में लिया. 42 को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया और 18 मामलों को प्रशासनिक कोर्ट्स में भेज दिया गया. अधिकारियों ने 19 अक्टूबर की रैली से पहले विपक्ष के लगभग 10 वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में लिया था. इनमें से एक नाम जाने-माने पत्रकार, सेमुर हाज़ी का भी है, जिन्हें 17 अक्टूबर को 15 दिनों की प्रशासनिक हिरासत में भेज दिया गया.”

यूरोपियन यूनियन एक्सटर्नल एक्शन‘ और अज़रबैजान में मौज़ूद अमेरिकी दूतावास, ने स्टेटमेंट जारी कर, शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस की हिंसक कार्रवाई की निंदा की थी.

इसलिए, ये वीडियो स्पेन या अमेरिका में कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान पुलिस की ज़बर्दस्ती से संबंधित नहीं है.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.