किसी चलती गाड़ी से फिल्माए गए एक वीडियो में किसी पुल के नीचे बैनर पकड़े और आगे बढ़ते हुए लोगों की एक लंबी कतार दिखाई देती है। यह वीडियो सोशल मीडिया में इस दावे के साथ साझा किया जा रहा है कि यह देश में बढ़ते धार्मिक भेदभाव को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ हुए एक विरोध प्रदर्शन को दर्शाता है। एक उपयोगकर्ता द्वारा इस वीडियो के साथ ट्वीट किए गए कैप्शन में लिखा है, “मोदी सरकार को यह दिखाने के लिए कि सभी धर्म के लोग इस देश के नागरिक हैं, कोई भेदभाव स्वीकार नहीं किया जाएगा, लोगों ने रैली निकाली है।”- (अनुवाद) इस ट्वीट को अब तक 1000 से अधिक रीट्वीट मिल चुके हैं।
Huge protest in Nagpur
People have taken rally to show to Modi government, that all religions people are the citizens of this country, no discrimination will be accepted. Plz Retweet. pic.twitter.com/trnX1Kys9y— Retweet Sarkar 💯 (@GoSlowplz) September 2, 2019
कुछ अन्य लोगों ने ऐसे ही दावे के साथ यह वीडियो ट्विटर और फेसबुक पर साझा किया है।
कश्मीर मुद्दे को लेकर विरोध के दावे के साथ भी साझा
फेसबुक उपयोगकर्ता एनम कुरैशी ने यही वीडियो, यह जताते हुए कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने के सरकार के कदम का यह विरोध था, “#Savekashmir” कैप्शन के साथ पोस्ट किया। इस पोस्ट ने 18,000 से अधिक शेयर अर्जित किए हैं।
तथ्य-जांच
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि वीडियो में दिखाया गया विरोध प्रदर्शन नागपुर में हुआ, लेकिन धार्मिक भेदभाव या कश्मीर को लेकर किसी आंदोलन से इसका कोई लेना-देना नहीं है। यह वास्तव में ‘सेव मेरिट सेव नेशन’ (SMSN) मंच के कार्यकर्ताओं और समर्थकों द्वारा राज्य सरकार की आरक्षण नीति के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए 25 अगस्त, 2019 को आयोजित रैली को दिखलाता है। SMSN का यह आंदोलन, शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण की सीमा को बढ़ाने की महाराष्ट्र सरकार की नीति के विरोध के रूप में शुरू हुआ। 26 अगस्त 2019 को प्रकाशित टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है, “सामान्य (अनारक्षित) श्रेणी के समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले हजारों पुरुषों, महिलाओं, युवाओं और बच्चों ने रविवार को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तय 50% की सीमा के विरुद्ध शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण की सीमा को 74% तक बढ़ाने की राज्य सरकार की नीति का विरोध किया।”
आप सेव मेरिट सेव नेशन के ट्विटर हैंडल से पोस्ट किए गए इस रैली का वीडियो देख सकते हैं।
@narendramodi @Dev_Fadnavis @DrMohanBhagwat @rammadhavbjp @chitratripathii @RenukaJain6 @ravishndtv @ppbajpai #savemeritsavenation Mega Rallies at Nagpur..solapur..mumbai..
More than 50000 people on roads… government pls notice anger of common people..we want our rights pic.twitter.com/nDRuosRBPf— Save Merit Save Nation (@Fight4justiceA) August 25, 2019
इसी विरोध प्रदर्शन की नीचे पोस्ट की गई आवाज़ इंडिया टीवी की एक वीडियो रिपोर्ट, देखी जा सकती है।
निष्कर्षतः, नागपुर में महाराष्ट्र सरकार की आरक्षण नीति के खिलाफ आयोजित रैली का वीडियो, दो अलग-अलग झूठे दावों के साथ साझा किया गया। पहला दावा किया गया था कि एनडीए के शासन में देश में धार्मिक भेदभाव बढ़ने के खिलाफ लोग विरोध कर रहे थे, जबकि दूसरा दावा किया गया कि यह कश्मीर फैसले का विरोध था।
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