खून से लथपथ चेहरे के साथ एक महिला की क्लिप इस दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है कि ये हिन्दू महिला बांग्लादेशी में एक व्यवसाय की मालिक है. महिला ने अपना घर कुछ ऐसे लोगों को किराए पर दिया था जो जाहिर तौर पर मुस्लिम थे. ये भी दावा है कि वही किरायेदार कथित तौर पर कुछ और लोगों को लाये जो मुस्लिम समुदाय से थे और लगभग 35 व्यक्तियों ने उसका यौन उत्पीड़न किया.
प्रीमियम सब्सक्राइब्ड X यूज़र ‘दीपक शर्मा’ ने 12 नवंबर को ये क्लिप इस कैप्शन के साथ शेयर की: “उफ़्फ़… वीडियो बंग्लादेश की है आँखे फाड़ कर देख लो…..इस महिला का बंग्लादेश में अच्छा खासा बिजनेस था इसने अपने मकान में मुस्लिम किरायेदार रखे थे कल उन्हीं मुसलमानों ने कुछ अन्य मुसलमान बुलाकर इसके घर पे कब्ज़ा कर लिया और इसके साथ करीब 35 मुसलमानों ने रेप किया..” ये फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट लिखे जाने तक ट्वीट को 2.66 लाख से ज़्यादा बार देखा गया है और 5,100 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)
रिडर्स ध्यान दें कि इस यूज़र को पहले भी कई बार ग़लत सूचना शेयर करते हुए पाया गया है.
एक और प्रीमियम सब्सक्राइब्ड X यूज़र बाबा बनारस (जिसे पहले भी कई बार ग़लत सूचना शेयर करने के लिए प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल करते हुए पाया गया है) ने वायरल वीडियो इस कैप्शन के साथ शेयर किया: “भयानक वीडियो बांग्लादेश से है, इसे आंखें फैला के देखें. इस महिला का बांग्लादेश में बड़ा कारोबार था. उनके घर में मुस्लिम किरायेदार थे. कल उसी कट्टरपंथी ने कुछ और 35 कट्टरपंथियों को बुलाया और उसके घर पर कब्ज़ा कर लिया और उसके साथ बलात्कार किया. ऐसा करने से पहले उन्होंने जाति नहीं पूछी.” ये आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 3.87 लाख से ज़्यादा बार देखा गया है और 4,600 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)
कई यूज़र्स जैसे ‘@ajaychauhan41‘, ‘@MishraBRIJESH13‘, ‘@ocjain4‘ ने भी वायरल क्लिप इसी दावे के साथ शेयर की.
फ़ैक्ट-चेक
वीडियो के कुछ फ़्रेम्स को ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें 11 नवंबर का एक यूट्यूब वीडियो मिला जिसमें वायरल वीडियो था. बंगाली में लिखे वीडियो टाइटल का हिंदी अनुवाद है: “मैं बांग्लादेश कृषक (किसान) लीग की राष्ट्रीय समिति के सदस्य काहिनूर/कोहिनूर बेगम पर क्रूर हमले की कड़ी निंदा करता हूं.” बांग्लादेश कृषक लीग अवामी लीग की एक शाखा है जो बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली राजनीतिक पार्टी है.
हमें यूट्यूब पर पोस्ट किया गया इस घटना का एक और वीडियो मिला जहां टाइटल में कहा गया था: “छात्र भीड़ ने बंगबंधु एवेन्यू पर एक युवा महिला को अवामी लीग कार्यकर्ता होने के शक में खून से लथपथ कर दिया.” इससे ये संदर्भ मिला कि उस महिला पर हमले करने का क्या कारण था.
हमने इस बात को ध्यान में रखकर फ़ेसबुक पर सर्च किया तो हमें कई पोस्ट्स मिलीं. इन वीडियोज़ में वीडियो में महिला को बांग्लादेश कृषक लीग की काहिनूर/कोहिनूर के रूप में संदर्भित किया गया था.
एस एम नूर आलम नामक एक यूज़र की ऐसी ही एक पोस्ट में महिला का नाम काहिनूर/कोहिनूर अख्तर बताया गया है. पोस्ट के कैप्शन में लिखा है: “बांग्लादेश कृषक लीग की राष्ट्रीय समिति के सदस्य काहिनूर/कोहिनूर अख्तर पर कल फासीवादी, अवैध यूनुस सरकार और बीएनपी ठगों द्वारा हिंसा की गई. हम बांग्लादेश की धरती पर न्याय जरूर मांगेंगे, इंशाअल्लाह. आने वाले दिन हमारे होंगे. नारीवादी चुप हैं.”
https://www.facebook.com/reel/598194502556807
इस नाम को सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को ‘कहिनूर अख्तर‘ नाम का एक फ़ेसबुक पेज मिला. आगे, वायरल वीडियो के स्क्रीनग्रैब के साथ इस पेज की फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल की एक तस्वीर को कंपेयर किया गया है.
इससे पता चलता है कि वायरल वीडियो में दिख रही महिला काहिनूर अख्तर है जो हिंदू नहीं है.
इसके आलावा, हमें काहिनूर के पेज पर भी कुछ पोस्ट्स मिलीं जो बांग्लादेश कृषक लीग में उनके शामिल होने की बात दिखाती हैं. आगे, इस फ़ेसबुक पेज की दो तस्वीरें हैं जहां वो हेडबैंड और “बांग्लादेश कृषक लीग” लिखा हुआ बैज पहने हुए है.
हमें बांग्लादेशी न्यूज़ आउटलेट्स की फैक्ट-चेक रिपोर्ट्स भी मिलीं जिनमें वीडियो में दिख रही महिला की पहचान काहिनूर अख्तर के रूप में की गई है. प्रोथोम अलो की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अख्तर बांग्लादेश कृषक लीग की केंद्रीय राष्ट्रीय समिति के सदस्य और पटुआखली ज़िला कृषक लीग की सदस्य हैं. 10 नवंबर को, शहीद नूर हुसैन दिवस के अवसर पर बांग्लादेश अवामी लीग के एक कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान वो ‘बीएनपी-जमात-शिबिर द्वारा भीड़ न्याय का शिकार’ बन गईं और बाद में उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया.
कुल मिलाकर, वायरल वीडियो से जुड़ा ये दावा ग़लत है कि महिला बांग्लादेशी हिंदू है जिसके साथ 35 मुस्लिम पुरुषों ने बलात्कार किया था. महिला का नाम काहिनूर अख्तर है और वो बांग्लादेश कृषक (किसान) लीग की सदस्य है. वायरल वीडियो में दिख रही महिला हिंदू नहीं है और न ही यौन उत्पीड़न का दावा सही है.
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