बांग्लादेश में छात्रों के प्रदर्शनों के बाद हुई राजनीतिक हलचल ने हिंसा का रास्ता अपना लिया है. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर चली गई. इसके बाद से अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय पर हमले की खबरें सामने आने लगीं. ऐसे में भारतीय सोशल मीडिया पर इससे जोड़कर कई वीडियोज़ और तस्वीरें शेयर की गईं.
इसी बीच भीड़ द्वारा एक लड़की को मारने और परेशान करने का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर काफी शेयर किया जा रहा है. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि ये लड़की हिन्दू है और उसे मुस्लिम समुदाय के लोग परेशान कर रहे हैं. वीडियो में कुछ महिलाएं बुर्का पहने दिख रही हैं वहीं कुछ आदमी भी मुस्लिम समुदाय से जुड़ी टोपी पहने हुए हैं. राइटविंग यूज़र अश्विनी श्रीवास्तव ने ये वीडियो ऐसे ही दावे के साथ ट्वीट किया. ये फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट लिखे जाने तक इस वीडियो को 9 लाख से ज़्यादा व्यूज़ मिलें. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
वीडियो में दिख रही हिंसा की वजह से हम इसे एम्बेड नहीं कर रहे हैं और पीड़िता की पहचान का खयाल करते हुए हमने चेहरा ब्लर कर दिया है.
वकील और BJP नेता अश्विनी उपाध्याय ने भी ये वीडियो ट्वीट किया और लिखा कि हिंदुओं के सबसे बड़े दुश्मन कन्वर्टेड हिंदू हैं. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
और भी कई X यूज़र्स ने ये वीडियो ऐसे ही क्लैम के साथ पोस्ट किया है.
वहीं यूट्यूब पर भी ये वीडियो ऐसे ही दावे के साथ अपलोड किया गया है. (लिंक 1, लिंक 2)
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि अश्विनी श्रीवास्तव के ट्वीट पर बांग्लादेश के फ़ैक्ट-चेकिंग आउट्लेट ‘Rumor Scanner’ से जुड़े हुए फ़ैक्ट-चेकर शोहानूर रहमान ने रिप्लाइ किया है. शोहानूर ने इस कथित घटना की जानकारी देते हुए बताया कि वीडियो में दिख रही महिला हिन्दू नहीं बल्कि मुस्लिम समुदाय से है. ऑल्ट न्यूज़ मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इस फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट में पीड़िता के नाम को उजागर नहीं कर रहा है. ये घटना 7 अगस्त को ब्राह्मणबरिया ज़िले के टैंकर पार में हुई थी. ये महिला छात्र लीग की कार्यकर्ता थी इसलिए प्रदर्शनकारियों ने उसे परेशान किया था. बता दें कि छात्र लीग शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग का ही स्टूडेंट संगठन है जिसके खिलाफ बांग्लादेश में छात्र विरोध कर रहे थे.
आगे, इस जानकारी के आधार पर हमने फ़ेसबुक पर बंगाली में की-वर्ड्स सर्च किया और हमें इससे जुड़ा 6 मिनट 48 सेकंड का एक लंबा वीडियो मिला. इस वीडियो में एक फ़्रेम में दीवार पर ‘लोकनाथ टैंक, बी बरिया’ लिखा है. वहीं इस फ़ेसबुक पोस्ट के कैप्शन में ‘छात्र लीग नेता का ब्राह्मणबारिया टैंक’ लिखा है.
गौर करिए कि 6 मिनट के इस फ़ेसबुक वीडियो और वायरल वीडियो में पीड़ित लड़की के साथ एक काले रंग की सलवार सूट पहनी लड़की नज़र आती है जिसने लाल रंग का दुपट्टा पहना है.
ऑल्ट न्यूज़ को जांच करते हुए इस घटना के 2 फ़ेसबुक वीडियोज़ मिलें. (लिंक 1, लिंक 2) इन दोनों वीडियोज़ को ध्यान से देखने पर हमें दोनों में एक गुलाबी रंग का पर्स दिखा. पहले वीडियो में पीड़ित लड़की ने ये गुलाबी पर्स पकड़ा है. वहीं दूसरे वीडियो में काले शूट और लाल रंग के दुपट्टे वाली लड़की इसी गुलाबी पर्स से कुछ डॉक्युमेंट्स और सामान निकालती हुई दिखती है.
इस दूसरे फ़ेसबुक वीडियो में काले रंग का शूट पहनी लड़की पीड़ित का पहचान पत्र निकालकर कैमरा के सामने दिखाती है जो कि उपज़िला परिषद चुनाव का है. ये पहचान पत्र देखने से ये बात क्लीयर हो गई कि पीड़ित लड़की मुस्लिम समुदाय से है. हमने गूगल ट्रांसलेट की मदद से आइडी कार्ड के टेक्स्ट को ट्रांसलेट किया और साथ ही बंगाली भाषा जानने वाली ऑल्ट न्यूज़ की फ़ैक्ट-चेकर शिंजिनी मजूमदार से भी पूछा. उन्होंने भी ये साफ किया कि पीड़ित लड़की मुस्लिम समुदाय से है.
इस तरह, वायरल वीडियो में भीड़ जिस लड़की को परेशान कर रही है वो दरअसल कोई हिन्दू लड़की नहीं है बल्कि मुसलमान है. और अवामी लीग से जुड़े हुए होने के कारण लोग उसे परेशान कर रहे थे.
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