सोशल मीडिया पर तीन तस्वीरों का एक कोलाज वायरल है जिसमें बुद्ध और कुछ बौद्ध भिक्षुओं की मूर्तियों को तोड़ते हुए देखा जा सकता है.

ऊपर दिए गए कोलाज 1 में दिख रही पहली तस्वीर में एक व्यक्ति को कैमरे की ओर पीठ करके बुद्ध की मूर्ति को मारते हुए दिखाया गया है. दूसरे में बौद्ध भिक्षुओं के एक ग्रुप को एक मठ के रूप में अनुमानित किए जा सकने वाले मलबे के सामने खड़ा दिखाया गया है. तीसरी तस्वीर में बुद्ध की तीन टूटी मूर्तियां दिखाई गई हैं. ये वायरल कोलाज बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाए जाने की कई रिपोर्ट्स के मद्देनज़र सामने आया है.

एक्स यूज़र (@bizsahilkumar) ने इस वायरल कोलाज को ट्वीट करते हुए दावा किया कि ये बांग्लादेश की हालिया तस्वीरें हैं. इस आर्टिकल के लिखे जाने तक, पोस्ट को लगभग 1.6 लाख बार देखा गया है और इसे 3,500 से ज़्यादा बार रिशेयर किया गया है. (आर्काइव)

इसी तरह के दावे अन्य X यूज़र्स ने भी शेयर किए हैं. (आर्काइव्स: 123)

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यही कोलाज बांग्लादेश में बौद्धों पर हमले के ऐसे ही दावों के साथ फ़ेसबुक पर भी वायरल है.

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प्रीमियम-सब्सक्राइब्ड एक्स यूज़र जितेंद्र प्रसाद सिंह (@jpsin1) ने भी इसी तरह के दावे के साथ तस्वीरें ट्वीट कीं. उन्होंने दावा किया कि बांग्लादेश में बौद्ध मठों पर मुसलमानों का हमला हो रहा था. अपने दावे के समर्थन में उन्होंने जो तस्वीरें पोस्ट कीं, उनमें एक और तस्वीर भी शामिल थी जिसमें एक महिला को बुद्ध की मूर्ति के साथ हुई बर्बरता पर रोते हुए दिखाया गया था. (आर्काइव)

फ़ैक्ट-चेक 

हमने पहली तस्वीर पर रिवर्स इमेज सर्च किया, हमें 17 जुलाई, 2020 का एक ट्वीट मिला. इस ट्वीट में शामिल तस्वीरें वायरल कोलाज से मेल खाती हैं. इससे साफ है कि ये हालिया तस्वीरें नहीं हैं और इनका बांग्लादेश में हालिया अशांति से कोई संबंध नहीं है. (आर्काइव)

ऊपर के ट्वीट में जले हुए मठ के मलबे को देखते हुए बौद्ध भिक्षुओं वाली तस्वीर के नीचे लिखा है, “बौद्ध मंदिर, रामू, कॉक्स बाजार को जलाने के बाद”. (कोलाज में नंबर 2) हमने इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें 2012 का एक ब्लॉग आर्टिकल मिला. इसमें बांग्लादेश के कॉक्स बाज़ार ज़िले में बौद्ध मंदिरों पर बर्बरता के कई सांप्रदायिक घटनाओं पर रिपोर्ट पब्लिश की गई थी.

हमने वायरल कोलाज में तस्वीर नंबर 3 पर एक और रिवर्स इमेज सर्च किया जिसमें बुद्ध की तीन खंडित मूर्तियां दिखाई दे रही हैं. इससे हमें गेटी इमेजेज के ऑनलाइन रिपॉजिटरी iStock पर अपलोड की गई एक स्टॉक इमेज मिली. ये तस्वीर, यूज़र @Tarzon9280 ने अपलोड की थी. इसमें एक डिस्क्रिप्शन था जिसमें कहा गया था: “बांग्लादेश के कॉक्स बाज़ार के पास एक छोटे से गाँव में कुछ चरमपंथी मुसलमानों द्वारा कुछ मंदिरों पर हमला किया गया और बुद्ध की मूर्तियों को तोड़ दिया गया.” हमने देखा कि इस स्टॉक इमेज में टूटी मूर्तियां सोशल मीडिया पर हालिया पोस्ट में दिखाई गई मूर्तियों से मेल खाती हैं.

इन तस्वीरों के डिस्क्रिप्शन को ध्यान में रखते हुए, हमने गूगल पर एक सबंधित कीवर्डस सर्च किया. हमें 30 सितंबर, 2012 को पब्लिश हुई BBC की एक रिपोर्ट मिली. ये कॉक्स बाज़ार के रामू उप-मंडल में सांप्रदायिक हिंसा की एक घटना पर रिपोर्ट करता है. बांग्लादेश में एक बौद्ध युवक द्वारा कथित तौर पर कुरान का अपमान करने वाले फ़ेसबुक पोस्ट के बाद बौद्ध घरों और मंदिरों को निशाना बनाकर लूटपाट और आगजनी की घटना हुई थी. हालांकि, बांग्लादेशी न्यूज़ आउटलेट द डेली स्टार की बाद की जांच में पाया गया कि सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए हो सकता है कि यूज़र का अकाउंट हैक किया गया हो.

द हिंदू ने बांग्लादेश में इस सांप्रदायिक घटना को भी कवर किया जिसमें बताया गया कि बौद्ध अल्पसंख्यक समुदाय के 200 से ज़्यादा घरों को लूट लिया गया और आग लगा दी गई. इससे वहां के निवासियों को अपने घरों और गांवों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा.

हमें 2012 का एक और ब्लॉग आर्टिकल मिला जिसमें 29-30 सितंबर को कॉक्स बाज़ार के रामू में बौद्ध समुदाय पर मुस्लिम चरमपंथियों द्वारा की गई हिंसा पर रिपोर्ट की गई थी. इस आर्टिकल में अटैच तस्वीर भी वायरल कोलाज में मार्क 1 से मेल खाती है जिसमें बुद्ध प्रतिमा पर हमला किया जा रहा है.

कुछ ट्वीट्स में चौथी तस्वीर भी थी:

इस तस्वीर पर रिवर्स सर्च करने पर हमें 19 अक्टूबर 2012 की द डेली स्टार की एक अन्य रिपोर्ट मिली जिसमें कॉक्स बाज़ार के रामू उपज़िला के एक मठ से उसी मूर्ति की एक तस्वीर थी.

एक अन्य रिपोर्ट भी सितंबर 2012 में कॉक्स बाज़ार में “बौद्ध समुदाय पर सुनियोजित हमलों” के बारे में बात करती है.

कुल मिलाकर, 2012 में कॉक्स बाज़ार, बांग्लादेश में बौद्ध बस्तियों और मठों पर हुए हमलों के बाद की तस्वीरें सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ फिर से शेयर की जा रही हैं कि वे बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक अशांति के बीच मठों पर हाल के हमले की हैं. ये हमले 2012 में कथित तौर पर एक बौद्ध युवक द्वारा फ़ेसबुक पोस्ट में कुरान का अपमान करने के आरोप के बाद हुए थे.

प्रांतिक अली ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.

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